शहर के बाहरी मोहल्लों में बांस-बल्ली बदलने की 11 करोड़ की योजना चढ़ी लापरवाही की भेंट

-अभियंताओं व फर्म की लापरवाही सामने आई

GORAKHPUR: शहर के बाहरी मोहल्लों में बांस-बल्ली बदलने की 11 करोड़ की योजना अभियंताओं व कार्यदायी फर्म पॉवर टेक की लापरवाही की भेट चढ़ती नजर आ रही है। स्थानीय ठेकेदारों ने भुगतान नहीं मिलने की वजह से बीते पांच दिनों से विभिन्न क्षेत्रों में काम ठप कर दिया है। भुगतान को लेकर आक्रोशित स्थानीय ठेकेदारों ने शुक्रवार की शाम को कार्यदायी फर्म के स्टोर में ताला लगा दिया। अभी भी शहर के गोरखनाथ, राजेन्द्र नगर, बरगदवा, पादरी बाजार, मेडिकल कॉलेज, गोरक्ष नगर क्षेत्र में ठेकेदारो ने खम्भा लगाकर छोड़ दिया है।

अभियंताओं ने बनाया प्रस्ताव

दरअसल शहर के बाहरी मोहल्लों में बांस-बल्ली के सहारे करीब 40 हजार परिवार बिजली इस्तेमाल कर रहे थे। आए दिन केबल टूटने से उन्हें बिजली संकट झेलना पड़ता था। नगर विधायक ने इन परिवारों की समस्या पर ऊर्जामंत्री से चर्चा की। अभियंताओं ने प्रस्ताव बनाया। सीएम ने इसके लिए सितम्बर-20 में 10.92 करोड़ रुपए स्वीकृत किए। पावर कारपोरेशन ने इसके लिए टेंडर के माध्यम से गाजियाबाद की फर्म पावर टेक को जिम्मेदारी सौपी। फर्म ने नवम्बर-20 में बांस-बल्ली बदलने का काम शुरु किया। फर्म को 15 मार्च-21 तक काम पूरा करना था। लेकिन बीच में उपकरणों का संकट खड़ा होने से अभियंताओं ने काम की मियाद बढ़ाकर 31 मार्च-21 तक कर दी। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर शुरु होने से काम ठप हो गया। इसके बाद अफसरों ने काम की मियाद बढ़ाकर 31 जुलाई कर दी।

तीन बार अवधि विस्तार

तीन बार अवधि विस्तार मिलने के बाद भी फर्म काम पूरा नहीं कर सकी। जिम्मेदार अभियंता हर बार फर्म पर कृपा बरसाते हुए फर्म को अवधि विस्तार देते रहे। 31 जुलाई की मियाद पूरी होने पर अफसरों ने एक बार फिर अवधि विस्तार कर 31 अगस्त कर दी। उसवक्त फर्म द महज 75 फीसदी काम कर सकी थी। अब भी गोरखनाथ क्षेत्र, राजेंद्र नगर, बरगदवा व पादरी बाजार, गोरक्षनगर क्षेत्र में आधा-अधूरा काम फर्म की लापरवाही की गवाही दे रहे है। काम पूरा करने की अंतिम मियाद पूरी होने से पहले स्थानीय ठेकेदारों ने भुगतान को लेकर काम ठप कर दिया है।

शहर के बाहरी क्षेत्रों में बांस-बल्ली बदलने की योजना की कार्यदायी फर्म को 31 अगस्त तक काम पूरा करना पड़ेगा। यदि काम पूरा नहीं करेगी तो पॉवर टेक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। तीन बार अवधि विस्तार देने के बाद भी फर्म ने काम पूरा नहीं किया तो अब अवधि विस्तार देने का कोई औचित्य नहीं है।

- ई.राजेंद्र प्रसाद, चीफ इंजीनियर गोरखपुर जोन

Posted By: Inextlive