- गोरखपुर से महाराजगंज भेजी गईं नशीली दवाओं के मामले में आधा दर्जन दुकानदारों से पूछताछ

GORAHPUR:

नशीली दवाओं का कारोबार सिर्फ गोरखपुर से महाराजगंज तक ही नहीं जुड़ा हुआ है। बल्कि गोरखपुर मंडल के चारों जिले तक इसका कारोबार फैला है। यह हम नहीं बल्कि ड्रग्स विभाग के आलाधिकारियों का कहना है। अधिकारियों की मानें तो देवरिया, कुशीनगर के अलावा बिहार के सिवान और गोपालगंज जिले तक इसका कारोबार फैला है। यह खुलासा हुआ है नशीली दवाओं की जांच में। नशीली दवाओं की जांच कर रही ड्रग्स इंस्पेक्टर की टीम इस मामले में जल्द खुलासा करने का दावा कर रही है। टीम की मानें तो महाराजगंज के गड़ौरा बाजार के जमुई से नशीली दवा के बरामदी के बाद से जांच तेज कर दी गई है। गोरखपुर मंडल के चारों जिले मिलाकर करीब 80 लाख तक के कारोबार होने की आशंका है।

आधा दर्जन दुकानदारों से पूछताछ

महाराजगंज में करीब 700 करोड़ की नशीली दवाओं की बरामदगी के मामले की जांच गोरखपुर तक तो पहुंच गई है, लेकिन नशीली दवाओं के कारोबारियों के खिलाफ औषधि प्रशासन विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हालांकि, ड्रग डिपार्टमेंट का दावा है कि जांच के बाद ठोस कार्रवाई की जाएगी। जबकि गोरखपुर से दवाओं की आपूर्ति के जो साक्ष्य मिले हैं, वह सिर्फ महाराजगंज तक ही सिमटे नहीं हैं बल्कि गोरखपुर मंडल के चारों जिले कुशीनगर, महाराजगंज, देवरिया के अलावा बिहार तक जुड़े हुए हैं। वहीं, ड्रग डिपार्टमेंट की तरफ जारी जांच के बाद से भालोटिया मार्केट स्थित थोक दवा की दुकान से सप्लाई हुई थी। उन दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। जबकि जांच टीम गोरखपुर के आधा दर्जन व्यापारियों से पूछताछ कर चुकी है।

समय-समय पर खरीदी गई दवाएं

ड्रग डिपार्टमेंट के मुताबिक भालोटिया में थोक व्यापार की बड़ी फर्म से महराजगंज के नशे के दवा कारोबारियों के संपर्क के सबूत मिले हैं। इस फर्म से समय-समय पर लाखों रुपए की दवाएं खरीदी गई हैं। इसके अलावा कुछ दवाएं कटिंग के जरिए सप्लाई भी हैं। जिसकी रसीद नशे के कारोबारी नहीं दे पा रहे हैं। विभाग को अब तक 21 लाख रुपए की दवाओं की खरीद की रसीद मिली है। इस रकम से ज्यादातर नशीली दवाओं की खरीद हुई है। बताया जा रहा है कि भालोटिया स्थित थोक दवा की दुकान से महाराजगंज के भी दो व्यापारियों ने दवा खरीदा। इन व्यापारियों की महाराजगंज में दवा की थोक व फुटकर दुकान है। इसके अलावा उन्होंने गोरखपुर में भी थोक दवा के दो कारोबार में मोटी रकम इन्वेस्ट किया है। इनमें से एक दुकान भालोटिया मार्केट में है। इसी दुकान के जरिए थोक दवा के कारोबार में उनका नेटवर्क गहरा हुआ है।

एक्सपायर दवाओं के खपाने में होता है खेल

बताया जा रहा है कि यह नेटवर्क बेहद शक्तिशाली है। यह बिहार के सुदूर ग्रामीण अंचल और नेपाल तक फैला है। इन दवाओं को नए सिरे से लेबल लगाकर उन्हें खपा दिया जाता है। जिससे मरीजों की जान खतरे में पड़ सकती है।

वर्जन

नशीली दवाओं के कारोबारियों की जांच पड़ताल जारी है। इसमें कुछ सबूत हाथ लगे हैं। जो दवाएं बरामद की गई हैं। उनकी कंपनियों से बैच नंबर मांगे गए हैं। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

एजाज अहमद, सहायक आयुक्त औषधि

Posted By: Inextlive