- बर्ड फ्लू की आहट से दहशत में मार्केट

- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियल्टी चेक में मुर्गे के दुकानदार व रेस्टोरेंट का बिजनेस मंदा

GORAKHPUR: भईया रोस्टेड चिकन पैक कर दो। दो लेग पीस के साथ चिकन बिरयानी भी पैक कर देना। इस तरह के ऑर्डर आपको सिटी के होटल, रेस्टोरेंट में आए दिन सुनाई दे देती होंगी। लेकिन इन दिनों दिन भर एक दो कस्टमर डिमांड कर दे वहीं बहुत है। भले ही गोरखपुर में बर्ड फ्लू ने दस्तक न दी हो, लेकिन इसकी आहट से चिकन और अंडे की कीमतों में गिरावट आनी शुरू हो गई है। आलम यह है कि अंडे, मुर्गे के दुकानदारों के साथ-साथ चिकन, बिरयानी के दुकानदारों के दुकानदारी प्रभावित होनी शुरू हो गई है। वहीं पशु चिकित्सालय व पशु पालन विभाग की तरफ से सतर्कता भी बढ़ गई है। पशुपालन विभाग ने वन विभाग को भी अलर्ट जारी कर दिया है। कही भी पक्षियों या मुर्गियों के मरने की सूचना मिलते ही टीम मौके पर जाकर सैंपल लेने के लिए निर्देश जारी कर दिया गया है।

बर्ड फ्लू के असर से नहीं आ रहे कस्टमर

बर्ड फ्लू ने यूपी में दस्तक देने के बाद से ही पोल्ट्री फॉर्मर व अंडे के कारोबारी सहमे हुए हैं। कीमत कम कर अंडा व मुर्गा की बिक्री शुरू कर दी गई है। मंगलवार को अंडा 170 रुपए प्रति ट्रे से घट कर 150-160 रुपए हो गया है। वहीं 220 रुपए प्रतिकिलो बिक रहा चिकन अब 150 रुपए पर पहुंच गया है। हालांकि जिले में अभी तक बर्ड फ्लू का कोई भी सैम्पल पाजीटिव नहीं है, लेकिन कई विभाग अलर्ट मोड में आ गए हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर सिटी के मार्केट में पहुंचा तो शास्त्री चौक स्थित बिरयानी की दुकान पर कुर्सियां खाली मिली।

कोरोना से उबरे, फिर फंसे

ऑनर ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि पहले तो कोरोना संक्रमण से जूझे तो किसी तरह उबर कर बिजनेस आगे बढ़ ही रहा था कि फिर से बर्ड फ्लू के कारण चिकन से बनने वाले आईटम्स की सेल 50 प्रतिशत डाउन हो गई। जो भी ग्राहक आते हैं वह रोस्टेड चिकन, फ्राई चिकन की डिमांड करने के बजाय सीधे फिश या फिर मटन की डिमांड करते हैं। कुछ तो वापस लौट जाते हैं। जब टीम बेतियाहाता रोड स्थित चिकन कार्नर के दुकान पर पहुंचा तो शाहरुख ने बताया कि मुर्गे का रेट बहुत डाउन हो गया है। इन वक्त 140-150 रुपए किलो हो गया है। जबकि जनवरी के स्टार्टिग में 180-200 रुपए किलो तक पहुंच गया था। वहीं चारफाटक स्थित चिकन कॉर्नर के ऑनर कुरैशी बताते हैं कि रेट बहुत डाउन हो गया है। जहां प्रतिदिन 30-35 मुर्गे की खपत होती थी, वहीं अब महज 10-12 मुर्गे की सेल हो पा रही है। प्रति किलो 140-150 हो गया है।

पोल्ट्री फार्म पर है नजर

जब टीम पशु अस्पताल पहुंचा तो वहां डीवीओ डॉ। डीके शर्मा ने बताया कि शासन से आए अलर्ट के बाद से सभी पशु चिकित्साधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है। वह हर दिन अपने क्षेत्र में स्थित पोल्ट्री फार्म का निरीक्षण करेंगे। इस दौरान पोल्ट्री फॉर्म के मालिक द्वारा उठाए गए एहतियाती कदम को भी जांचेंगे। डीवीओ ने वन विभाग को भी पत्र लिखकर प्रवासी पक्षियों पर नजर रखने और उनकी मौत या बीमारी की जानकारी तत्काल देने को कहा गया है। जिन स्थानों पर अधिक प्रवासी पक्षी रह रहे हैं, वहां विशेष नजर रखा जा रहा है। प्रवासी पक्षियों से बर्ड फ्लू फैलने का खतरा अधिक होता है।

हर्बल दवा कर रहे इस्तेमाल

पोल्ट्री फार्म के ऑनर डेविड सिरिल बताते हैं कि मुर्गे और मुर्गियों को बीमारी से बचाने के लिए पोल्ट्री फार्म पर हर्बल दवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये दवाएं फीड्स के साथ दी जा रही है। इन दवाओं का साइड इफेक्ट बहुत कम है। जिससे पक्षियों को किसी तरह की परेशानी भी नहीं होती है। एलोपैथिक दवाओं का यूज कम किया जा रहा है। बीमारियों से बचाने के लिए मुर्गे-मुर्गियों का वैक्सीनेशन भी कराया गया है। फार्म में अनोन लोगों के एंट्री पर बैन भी लगा दिया गया है।

वर्जन

पोल्ट्री फॉर्म पर पूरी नजर है। इसके अलावा जितने भी रिटेलर शॉप हैं। उन पर टीम नजर रख रही है। लेकिन बिक्री पर किसी प्रकार का कोई रोक नहीं है।

डॉ। डीके शर्मा, डीवीओ

Posted By: Inextlive