एड्स व एचआईवी को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी की टीम ने बुधवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज की लैब में निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उत्तर प्रदेश राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी की संयुक्त निदेशक डॉ. प्रीति पाठक व सहायक निदेशक अजय शुक्ला निदेशक एचआईवी टीबी डॉ. राकेश राय आदि शामिल रहे.


गोरखपुर (ब्यूरो)। एचआईवी एड्स मॉडल डिस्ट्रिक्ट के लिए चयनित पीपीटीसी सेंटर आब्स एंड गाइनिक विभाग की लैब का निरीक्षण भी किया गया। गर्भवती महिला की जांच से संबंधित महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर डॉ। वाणी आदित्य, प्रभारी अधिकारी एवं विभागाध्यक्ष आब्स एंड गाइनिक विभाग से चर्चा की। एचडीआरएल लैब का किया निरीक्षण


उसके बाद टीम ने नेहरू चिकित्सालय कमरा नंबर 30 में माइक्रोबायोलॉजी विभाग अन्तर्गत संचालित अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त आईसीटीसी (एचडीआरएल) लैब मे किए जा रहे कार्यों एवं डाटा समेत अन्य जानकारियां प्राप्त कीं। इसके साथ ही गोरखपुर, बस्ती मंडल एवं अंबेडकर नगर, मऊ, बलिया के दस जनपदों में सप्लाई होने वाली एचआईवी, वीडीआरएल किटों की आपूर्ति से संबंधित रजिस्टर का विधिवत निरीक्षण किया और महत्वपूर्ण सुझाव दिया गया। इसके बाद टीम ने एम्स गोरखपुर में संचालित आईसीटीसी लैब का निरीक्षण किया। डॉ। विवेक हान्डा, विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी विभाग एवं एम्स की कार्यकारी निदेशक डॉ। सुरेखा किशोर के साथ समीक्षा बैठक की गई। 10 प्रतिशत टीबी की होनी चाहिए जांच

दोपहर 1 बजे से बीआरडी मेडिकल कॉलेज के एनएसीपी प्रोग्राम के अन्र्तगत संचालित सभी आईसीटीसी, पीपीटीसी, एआरटी, एसटीआई, ओएसटी, ब्लडबैंक, एसआरएल के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई, जिसमें बताया गया कि आईसीटीसी में आए कुल मरीजों में से कम से कम 10 प्रतिशत की टीबी जांच करानी है। सभी सीएचसी, पीएचसी पर रजिस्टर गर्भवती महिला की 100 प्रतिशत एचआईवी वीडीआरएल जांच करानी है और पॉजिटिव पाए गये मरीज के अविलंब एआरटी शुरुआत करनी है। पीएचसी खोराबार और भटहट के एचआईवी टेस्टिंग और रेफरल जनपद में बेहतर होने के कारण लैब टेक्नीशियन की प्रशंसा की गई।

Posted By: Inextlive