- एक तरफ कोरोना संक्रमण का खतरा तो दूसरी तरफ इंसेफेलाइटिस व डेंगू के दस्तक की चुनौती

- हेल्थ डिपार्टमेंट का दावा, कोविड व नॉन कोविड एरिया में बांटकर करेंगे बीमारियों का इलाज

GORAKHPUR: कोरोना का कहर जारी है। वहीं मानसून ने भी दस्तक दे दी है। मानसून के पहले आ जाने से इंसेफेलाइटिस व डेंगू जैसी गंभीर बीमारियों को लेकर हेल्थ डिपार्टमेंट की टेंशन बढ़ गई है। हालांकि हेल्थ डिपार्टमेंट के जिम्मेदारों का दावा है कि इंसेफेलाइटिस केसेज को देखते हुए बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कोविड व नॉन कोविड एरिया को दो भागों में डिवाइड कर दिया गया है। ताकि इंसेफेलाइटिस के मरीजों के आने पर उनका इलाज किया जा सकेगा। वहीं डेंगू से निपटने के लिए जिला अस्पताल में तैयारी होने के दावे किए जा रहे हैं। वहीं, जिले भर में बनाई गईं निगरानी समिति के जरिए इंसेफेलाइटिस की दस्तक व डेंगू जैसी गंभीर बीमारी से लोगों को अवेयर करने की योजना तैयार की जा रही है।

इंसेफेलाइटिस से निपटेंगे 12 विभाग

बता दें, कोरोना संक्रमण दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में हेल्थ डिपार्टमेंट इंसेफेलाइटिस व डेंगू जैसी गंभीर बीमारियों को लेकर पूरी तरह सतर्क है। सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी ने बताया कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इंसेफेलाइटिस मरीजों के लिए इंसेफेलाइटिस वार्ड ऑलरेडी बना हुआ है जो कोरोना वार्ड से सेपेरेट है। वहीं इंसेफेलाइटिस से जागरूक करने के लिए एक जुलाई से 31 जुलाई तक संचारी रोग माह स्टार्ट किया जाएगा। इसका शासन से जिओ भी आ गया है। 15 जुलाई से 31 जुलाई तक दस्तक अभियान शुरू किया जाएगा। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम को इसके लिए ट्रेनिंग भी दे दी गई है। जो ट्रेनिंग बची हुई है उसे भी जल्द पूरा करा लिया जाएगा। सीएमओ ने बताया कि इंसेफेलाइटिस की दवाएं, वेटीलेंटर फंक्शन में हैं जो ऑलरेडी रखे हुए हैं। इसके लिए 12 विभाग मिलकर काम कर रहे हैं जिसकी वजह से इंसेफेलाइिटस डाउन हुआ है। साथ ही जो निगरानी समितियां गांवों में हैं, वो भी जागरूकता फैलाने का काम करेंगी। सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए नाली की सफाई, झाडि़यों की सफाई करवाना, हैंडपंप की रिपोर्ट करना, यह सब समितियों के मेंबर्स करवाएंगे। यही समितियां डेंगू की रोकथाम में अपना काम करेंगी। व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी करवाया जाएगा।

स्वस्थ हो चुके 9 एईएस पेशेंट

सीएमओ ने बताया कि पहले से स्कूली बच्चों को जहां इंसेफेलाइटिस, डेंगू बीमारी के बारे में अवेयर किया जाता रहा है। वहीं अब कोरोना के बारे में भी अवेयर किया जाएगा। इमरजेंसी सेवा, ओपीडी और इलाज की प्रक्रिया भी शुरू कर चुके हैं। कोरोना वार्ड के वेंटिलेटर अलग हैं जो कोविड जोन में आएंगे। जो इंसेलाइटिस वार्ड में बच्चों वाले वेंटिलेटर हैं वो अलग हैं जो नॉन कोविड जोन में हैं। इसलिए कोरोना संक्रमण के फैलने का कोई सवाल ही नहीं उठता। सीएमओ ने बताया कि अगर इंसेफेलाइटिस का केस आता है तो इंसेफेलाइटिस वार्ड में केस एडमिट होगा। इलाज भी होगा और डिस्चार्ज भी होगा। इंसेफेलाइटिस (एईएस) के 9 केस भर्ती भी हुए और डिस्चार्ज होकर घर भी गए।

बीआरडी में बंटा है एरिया

- कोविड हॉस्पिटल और नॉन कोविड

- प्रिंसिपल ऑफिस के दाहिनी तरफ मल्टी स्टोरी बिल्डिंग है

- कोविड एरिया में कोविड से रिलेटेड काम होता है

- इधर के सारे वार्ड अलग हैं जो सुरक्षित हैं।

बेड की संख्या

बीआरडी में - 150 बेड

जिला अस्पताल में इंसेफेलाइटिस वार्ड में - वेंटिलेटर युक्त 17 बेड

डेंगू के लिए तैयारी

-डेंगू के लिए अलग से बनाया जाएगा वार्ड

- 6 बेड का होगा सेपेरेट वार्ड

- डेंगू के केसेज इंसेफेलाइटिस और कोरोना वायरस की तरफ इंफेक्टेड नहीं होते

वर्जन

कोरोना वायरस के इस संक्रमण काल में इंसेफेलाइटिस व डेंगू को लेकर चुनौती तो है, लेकिन सेपेरेट वार्ड बनाकर इलाज किया जाएगा। इसके लिए तैयारियां भी कर ली गई हैं। जो बची हुई तैयारियां हैं उन्हें भी 30 जून से पहले पूरा कर लिया जाएगा।

डॉ। श्रीकांत तिवारी, सीएमओ

Posted By: Inextlive