उत्तर प्रदेश सरकार के मत्स्य पालन मंत्री डॉ. संजय निषाद को कसरवल कांड में राहत मिल गई है. बुधवार को वह जिला और सत्र न्यायालय गोरखपुर के सीजीएम कोर्ट और एमपी- एमएलए कोर्ट में हाजिर हुए. सीजीएम कोर्ट से जारी गैर जमानती वारंट निरस्त कर दिया गया. जबकि एमपी-एमएलए कोर्ट से जारी समन के मामले में अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी.


गोरखपुर (ब्यूरो)। एमपी एमएलए कोर्ट नंबर दो गोरखपुर ने भी डॉ। संजय निषाद को समन जारी किया था। आरपीएम बस्ती के दिलीप कुमार समन के साथ मंगलवार को गोरखपुर आए और इसे तामील कराया। वह पादरी बाजार स्थित कैबिनेट मंत्री के आवास भी गए थे, लेकिन मंत्री नहीं मिले। लिहाजा, समन को उनके घर के बाहर दीवार पर चस्पा कर दिया।पहले ही हो चुकी है जमानतमंत्री डॉ। संजय निषाद के एडवोकेट ज्ञान प्रकाश निषाद ने बताया कि दोनों मामलों में मंत्री को राहत मिल गई है। सीजीएम कोर्ट से जारी गैर जमानती वारंट निरस्त कर दिया गया है। जबकि एमपी-एमएलए कोर्ट नंबर दो की ओर से जारी समन भी निरस्त कर दिया गया है। इन दोनों मामलों में डॉ। संजय निषाद की जमानत पहले ही हो चुकी है।2015 में हुआ था कसरवल कांड
सरकारी नौकरी में निषादों को 5 परसेंट आरक्षण देने की मांग को लेकर साल 2015 में संतकबीरनगर के कसरवल में बवाल हुआ था। आंदोलनकारी और पुलिस-प्रशासन आमने-सामने आ गए थे। बवाल के दौरान एक युवक की मौत हो गई थी। इससे नाराज आंदोलनकारियों ने रेलवे ट्रैक बाधित कर दिया था। बताया जा रहा है कि रेल की पटरियां उखाड़ दी गई थीं। इससे ट्रेनों का आवागमन ठप हो गया था। इस मामले में आरपीएफ बस्ती-संतकबीरनगर ने भी मुकदमा दर्ज किया था। इसकी सुनवाई गोरखपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट नंबर दो में चल रही है।सीजीएम कोर्ट ने भी जारी किया था वारंटइससे पहले जिला और सत्र न्यायालय के सीजीएम जगन्नाथ ने कैबिनेट मंत्री डॉ। संजय निषाद के खिलाफ वारंट जारी किया था। सीजीएम ने शाहपुर पुलिस को आदेश दिया था कि डॉ। संजय को गिरफ्तार करके 10 अगस्त को कोर्ट में पेश किया जाए। गैर जमानती वारंट शाहपुर पुलिस को मिल भी चुका है। अब रेलवे के मुकदमे में समन जारी होने से डॉ। संजय की चुनौती बढ़ गई थी।

Posted By: Inextlive