गोरखपुर पुलिस अपराध पर लगाम लगाने के लिए एक्टिव हो चुकी है. सोमवार को कैंट पुलिस ने घटना के 72 घंटे के अंदर अपहरणकर्ताओं को अरेस्ट किया. वहीं खोराबार पुलिस ने एक गैंगेस्टर को दबोचा. दोनों ही घटनाओं को पुलिस लाइन में एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने खुलासा कर अरेस्ट किए गए अपराधियों की करतूत को विस्तार से बताया. पुलिस ने बताया कि घेराबंदी करने पर अपहरण करने वाले बदमाश ज्वाला को सहारा स्टेट के पास उतारकर फरार हो गए थे.


गोरखपुर (ब्यूरो).सिंघडिय़ा इलाके में एक मॉडल शॉप पर मारपीट की घटना में 12 जुलाई को आरोपी ज्वाला सिंह को पुलिस ने जेल भेजा था। दो अगस्त को ज्वाला सिंह जमानत कराकर बाहर आ गया। 5 अगस्त की शाम वो सिंघडिय़ा में जिम जाने के लिए निकला। रास्ते में चार युवकों ने उसे असलहा सटाकर गाड़ी में बैठा लिया। घटना के बाद ज्वाला की तहरीर पर तीन नामजद और दो अज्ञात युवकों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। कैंट प्रभारी शशि भूषण राय अपनी टीम के साथ लगातार इन बदमाशों की खोज में लगे थे। तभी मुखबिर की सूचना पर इन बदमाशों की लोकेशन मिली। इसके बाद प्रदूषण चौराहा सिंघडिय़ा से कैंट पुलिस ने विकेश शुक्ला, अंशुमान गौड़ और शिवम सिंह को पकड़ा लिया। वहीं फरार सचिन यादव पर पुलिस ने 25 हजार का इनाम रखा है। सील मकान में रह रहा था गैंगेस्टर
इसी तरह एक अन्य घटना में खोराबार पुलिस ने एक गैंगेस्टर को अरेस्ट किया है। डीएम के आदेश पर 18 अगस्त 2020 को यूपी गैंगेस्टर अधिनियम के तहत राजस्व विभाग द्वारा राजेश निषाद का मकान सील किया था। प्रशासन के कार्रवाई को नजर अंदाज करते हुए राजेश निषाद ने सील मकान का ताला तोड़कर सपरिवार अवैधानिक तरीके से स्वयं व तथ्य को छुपाते हुए रिलायंस कम्पनी के कर्मचारियों को किराये पर दे दिया। पूछे जाने पर ये झूठ बोला कि कमिश्नर के आदेशानुसार मेरा मकान अवमुक्त कर दिया गया है। पुलिस ने मामले में राजेश निषाद और मोती चंद को देवरिया बाइपास से अरेस्ट कर न्यायालय के सामने पेश कर जेल भेज दिया। अरेस्ट किए गए दोनों आरोपियों पर कई मुकदमें दर्ज हैं।

Posted By: Inextlive