- 80 से 85 परसेंट मा‌र्क्स पाने वाले स्टूडेंट नाखुश

- बोर्ड ने जारी की है पोस्ट रिजल्ट कांउसिलिंग हेल्प लाइन

GORAKHPUR: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) का हाईस्कूल और इंटरमीडिएट रिजल्ट जारी हो चुका है। नये फॉर्मूले के आधार पर बोर्ड कैंडिडेट्स को नंबर भी दिए गए। अब बोर्ड ने पोस्ट रिजल्ट काउंसिलिंग हेल्प लाइन जारी की है। जिस पर स्टूडेंट अपने रिजल्ट से जुड़ी बातों के साथ ही समस्याओं का समाधान भी पा सकते हैं। बोर्ड की इस हेल्प लाइन पर गोरखपुर के कैंडिडेट्स ने भी कॉल कर अपनी जिज्ञासाओं का शांत किया। अधिकांश स्टूडेंट जो 80 से 85 परसेंट तक अंक पाने वाले हैं, वह थोड़े मायूस थे। जिन्हें हेल्प लाइन पर मौजूद कांउसलर ढांढस भी बंधा रहे हैं।

बच्चों ने बताई अपनी समस्या

नए फॉमूले के आधार पर इंटर कॉमर्स के बच्चों को हिन्दी और बिजनेस स्टडी में दूसरे विषयों में मिले अंक के औसत पर नंबर दिए गए थे। इसके बाद से ही जिन स्टूडेंट्स को लगता था कि वह हिन्दी और बिजनेस में जितने नंबर मिले हैं उससे ज्यादा ला सकते हैं वह बेहद उदास थे। ऐसे ही तमाम स्टूडेंट्स ने बोर्ड की पोस्ट रिजल्ट कांउसिलिंग हेल्प लाइन पर कॉल कर अपनी बात कही।

70 और 75 वाले भी पूछ रहे सुधार का प्रॉसेस

वहीं तमाम ऐसे भी स्टूडेंट्स हैं जिनको बोर्ड परीक्षा में 70 से 75 परसेंट तक अंक मिले हैं। उन्होंने हेल्पलाइन पर कॉल कर नंबर सुधार की प्रक्रिया तो पूछी लेकिन साथ ही ये भी कहा कि वह कम नंबर मिलने से भी संतुष्ट हैं। क्योंकि ऐसी विषम परिस्थितियों में रिजल्ट आया है। इसीलिए हम आगे मेहनत कर और अच्छे नंबर लाएंगे।

हेल्प लाइन पर एक्सपर्ट दे रहे सलाह

पोस्ट रिजल्ट कांउसिलिंग हेल्प लाइन के टोल फ्री नंबर 1800118004 पर स्टूडेंट अपनी समस्याएं पूछ रहे हैं। ये हेल्प लाइन सिर्फ हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए है। इस हेल्प लाइन पर 27 जुलाई तक सुबह 9 से शाम 5 बजे तक विशेषज्ञों की सलाह ली जा सकती है। अभी तक जो कॉल गोरखपुर से हेल्प लाइन नंबर पर गई हैं, उस पर स्टूडेंट्स ने उम्मीद से कम मिलने, औसत नम्बर फार्मूले से नाखुश, पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया, रिजल्ट में सुधार, अंक वेरीफिकेशन जैसे मुद्दों पर विशेषज्ञों से बात की है।

स्टूडेंट्स हित में उठाया बोर्ड ने कदम

सीबीएसई बोर्ड के जिला को ऑर्डिनेटर अजीत दीक्षित ने कहा कि हेल्प लाइन पर बच्चों की काउंसिलिंग की जा रही है। वैसे निश्चित तौर पर बच्चे औसत अंक मिलने से नाखुश हैं लेकिन बोर्ड का ये कदम बच्चों के हित को ध्यान में रखते हुए ही उठाया गया था। खास कर इंटर साइंस वर्ग में फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ के औसत के आधार पर हिंदी के नंबर दिए गए। तो जो स्टूडेंट हिन्दी में 98 नंबर तक ला सकते थे उन्हें 92 नंबर से ही संतोष करना पड़ा। उन्होंने कहा कि अभी छात्रों को नंबर में इंप्रूवमेंट का अवसर मिलेगा।

वर्जन

बोर्ड द्वारा बच्चों के हित में ध्यान में रखते हुए ये कदम उठाया गया है। अभी स्टूडेंट्स को इंप्रूवमेंट करने का भी अवसर मिलेगा।

अजीत दीक्षित, कोऑर्डिनेटर सीबीएसई

Posted By: Inextlive