GORAKHPUR: 25 मार्च से शुरू होकर दो अप्रैल को संपन्न होने वाले चैत्र रामनवमी की पूजा अर्चना श्रद्धालु घर से शुरू करेंगे। कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए दुर्गा मंदिरों के जहां पट बंद हो गए हैं। वहीं, ज्यादातर श्रद्धालु अपने घर में ही मां दुर्गा के पूजा के लिए घर में अनुष्ठान के लिए प्लानिंग कर रहे हैं। चूंकि मंदिर में ज्यादा भीड़भाड़ न हो इसके लिए सीएम योगी आदित्यनाथ पहले ही अपील कर चुके हैं। ऐसे में सरकार के इस अपील के साथ पब्लिक ने भी चैत्र रामनवमी के पहले दिन से शुरू होने वाले मंदिरों में पूजा से खुद को परहेज की बात कर रहे हैं।

संक्रमण काल में पहले खुद को रखना है सुरक्षित

सबसे ज्यादा गोलघर स्थित काली मंदिर, दाउदपुर स्थित काली मंदिर, बुढि़या मंदिर और तरकुलहा देवी समेत लेहड़ा देवी मंदिर के लिए गोरखपुर से हजारों श्रद्धालु नौ दिन पूजा अर्चना करते हैं। तरकुलहा मंदिर का जहां कपाट बंद कर दिया है। वहीं, मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए कलश की स्थापना करने वाले श्रद्धालुओं ने भी घर में पूजा की तैयारी शुरू कर दी है। संक्रमण काल में खुद को सुरक्षित रखना पहले जरूरी है। चूंकि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए जहां सीएम ने मंदिरों, मस्जिद व गुरुद्वारें में भीड़ न करने की अपील की थी। वहीं, चैत्र रामनवमी के पहले ही दिन से श्रद्धालुओं ने भी घर में ही पूजा की तैयारी कर रहे हैं। एक तरफ जहां 22 मार्च के जनता कफ्र्यू का समर्थन करते हुए 25 से शुरू होने वाले चैत्र रामनवमी की पूजा की बात कर रहे हैं।

पूजा अचर्न की तैयारी

दाउदपुर की दीप्ति अपने फैमिली के साथ नवरात्रि में पूजा अर्चन के लिए गोलघर स्थित काली मंदिर व दाउदपुर स्थित काली मंदिर जरूर जाती हैं। लेकिन इस बार उन्होंने घर में ही पूजा र्अचना के लिए तैयारी की हैं। वहीं, सर्वोदय नगर बिछिया की सुमन बताती हैं कि उन्होंने इस बार दुर्गा मंदिर में पूजा के बजाय कोरोना वायरस को देखते हुए घर में ही पूजा अर्चन की तैयारी कर रही हैं।

शुभ मुर्हूत में करें कलश की स्थापना

पंडित शरद चंद्र मिश्रा ने बताया कि 25 मार्च दिन बुधवार को सूर्योदय 5 बजकर 57 मिनट पर और प्रतिपदा तिथि का मान दिन में 3 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। कलश स्थापना के लिए प्रात:काल सूर्योदय 5 बजकर 57 मिनट से दिन में 3 बजकर 51 मिनट तक किसी भी समय किया जा सकता है। वहीं, महानिशा पूजा व बलिदान दिवस के रूप में 31 मार्च को सूर्योदय 5 बजकर 52 मिनट पर होगा। सप्तमी तिथि रात 10 बजकर 24 मिनट के बाद अर्द्धरात्रि को महानिशाकाल होने से यह दिन महानिशा पूजन व बलिदानादिक क्रिया के लिए प्रशस्त है। महाष्टमी का व्रत 1 अप्रैल दिन बुधवार को सम्पन्न होगा। इसी प्रकार महानवमी 2 अप्रैल दिन गुरूवार को है। इस दिन सूर्योदय 5 बजकर 51 मिनट और नवमी तिथि का मान रात्रि 8 बजकर 47 मिनट तक है।

इन मंदिरों में होती है भीड़

काली मंदिर, दाउदपुर

काली मंदिर, गोलघर

गोरखनाथ मंदिर, गोरखनाथ

बुढि़या माई मंदिर, कुसम्ही

तरकुलहा देवी मंदिर, फुटहवा

लेहड़ा देवी मंदिर, फरेंदा

कोट्स

कोरोना वायरस से हम सभी को अवेयर रहने की जरूरत है। इसी अवेयर के चलते मंदिर में चैत्र रामनवमी की पूजा के लिए नहीं जाने का प्लान है। घर में ही अनुष्ठान किया जाएगा।

सिल्की अग्रवाल, एजुकेनसिस्ट

25 से नवरात्रि शुरू हो रहा है। इस बार मंदिर नहीं जाना है। घर में ही पूजा अर्चना किया जाएगा। वैसे तो 25 तक कंफ्र्यू का हम पालन करेंगे। उसके बाद पूजा के लिए मंदिर न जाकर घर में ही अनुष्ठान करेंगे।

प्रीति, प्रोफेशनल

कोरोना वायरस से हम सभी को एकजुट होकर लड़ने की जरूरत है। इसके लिए हम सभी को अवेयर की जरूरत है। वैसे तो हर साल दुर्गा मंदिर में जाते हैं, लेकिन इस बार घर में ही पूजा करना है।

संध्या, हाउस वाइफ

जब से यूपी गवर्नमेंट की तरफ से अपील की गई है। तब से हमने भी फैसला किया है कि मंदिर में जाने के बजाय घर में भी मां दुर्गा का पूजा अर्चना करेंगे।

ममता, प्रोफेशनल

Posted By: Inextlive