नैक मूल्यांकन एनआईआरएफ रैंकिंग और नई शिक्षा नीति 2020 के सुचारू रूप से संचालन को लेकर शनिवार को पहुंचे ओएसडी डॉ. पंकज ने एडी बिल्डिंग स्थित कमेटी हॉल में बैठक की. 4-5 अप्रैल को शासन में नैक मूल्यांकन को लेकर प्रदेश के शिक्षा मंत्री सचिव कुलपतियों की बैठक प्रस्तावित है.

गोरखपुर (ब्यूरो)। यूनिवर्सिटी प्रशासन भी यूनिवर्सिटी 5-7 ऑफिशियल के साथ बैठक में शामिल होगा। वीसी प्रो। राजेश सिंह ने कहा कि नैक को लेकर सातों पैरामीटर्स पर काम हुआ है। पूरी उम्मीद है कि हमें ए प्लस प्लस की ग्रेडिंग मिले। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी के विभिन्न विभागों में रिक्त चल रहे पदों को भरने की प्रक्रिया प्रारंभ करते हुए प्रो। विजनल एपीआई स्कोर को यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। शिक्षकों के प्रमोशन के लिए भी एपीआई की गणना चल रही है। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत यूनिवर्सिटी ने सबसे पहले यूजी, पीजी और पीएचडी कोर्स में सीबीसीएस पैटर्न को न केवल लागू किया है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत रोजगारपरक पाठ्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इनमें बीएससी एजी, एमएससी एजी, बीटेक, बीकॉम बैंकिंग एंड इश्योरेंस, होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी समेत 63 कोर्सेज शामिल हैं। इसके अलावा वीसी ने यूनिवर्सिटी में चल रही इन्क्यूबेशन सेल में स्टार्टअप जैसे सभी योजनाओं के बारे विस्तृत जानकारी दी।
कर्मचारी यूनिवर्सिटी के आधार स्तंभ
ओएसडी ने गैर शैक्षणिक कर्मचारियों से वार्ता करते हुए कहा कि गैर शैक्षणिक कर्मचारी यूनिवर्सिटी के आधार स्तंभ हैं। वीसी और राजभवन से संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं को दूर कराया जाएगा। इस दौरान कर्मचारियों ने 300 दिन के अवकाश नकदीकरण का लाभ देने, राज्यकर्मचारियों का दर्जा देने, एक ही पटल पर पांच वर्ष से अधिक समय से जमे कर्मचारियों के पटल परिवर्तन के साथ कर्मचारियों के 36 जर्जर आवासों को पुर्ननिर्माण कराए जाने, यूनिवर्सिटी में रिक्त चल रहे कर्मचारियों के पदों को भरे जाने की मांग की। इस दौरान मेडिकल इंश्योरेंस के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। तय हुआ कि वित्त समिति से अनुमति लेकर इसे लागू कराया जाएगा। बैठक में वित्तअधिकारी संतप्रकाश सिंह ने यूनिवर्सिटी की आर्थिक स्थिति से ओएसडी को अवगत कराया।

बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाएं अधिकारी

विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में ओएसडी ने कहा कि यहां आने वाले विद्यार्थियों के क्लास के साथ साथ अन्य बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध कराने पर भी अधिकारी फोकस करें। ताकि एक ऐसे माहौल का निर्माण हो जिसमें बच्चे भी पढ़ाई और कक्षाओं में आने के लिए प्रेरित हो। इस दौरान ‌कुछ अधिकारियों की ओर से शिक्षकों के प्रमोश के मुद्दे को उठाया गया। उनका कहना था कि इस साल कई शिक्षक रिटायर होने वाले हैं, मगर अर्ह होने के बाद भी उनका प्रमोशन नहीं हो सका है। इसपर ओएसडी ने कहा कि ऐसे शिक्षकों को चिन्हित कर प्राथमिकता के आधार पर प्रमोशन का लाभ दिलाया जाएगा। बैठक में वित्तअधिकारी संतप्रकाश सिंह ने विश्वविद्यालय की आर्थिक स्थिति से ओएसडी को अवगत कराया।

Posted By: Inextlive