GORAKHPUR : सावन का महीना हो और लेडीज के हाथों में मेंहदी न हो भला ऐसा भी हो सकता है क्या. यह कहना है कि बशारतपुर की रहने वाली निधि सिंह का. निधि बताती हैं सावन के महीने में ज्यादातर फेस्टिवल सेलिब्रेट किए जाते हैं. ऐसे में मेंहदी लगाना तो मस्ट है. वे बताती हैं मॉर्केट में इन दिनों चाइनीज मेंहदी का जबरदस्त क्रेज है क्योंकि उनका रंग कुछ मिनटों में ही चढ़ जाती है लेकिन स्किन के लिए यह बहुत डेंजरस है.


चाइनीज मेंहदी के यूज से हो सकती है स्किन प्रॉब्लमवैसे तो चाइना भारत के मार्केट?में छाया रहता है लेकिन मेंहदी के मार्केट पर अपना जादू नहीं चला पाया। क्योंकि ड्रैगन अपनी मेंहदी में हेयर डाई का यूज कर रहा है जिसके चलते अब लेडीज चाइनीज महेंदी को पसंद नहीं कर रही हैं। गोलघर स्थित मेंहदी आर्ट के श्रीचंद बताते हैं कि चाइनीज मेंहदी की पैकिंग काफी अट्रैक्टिव और सस्ती होती है। इसलिए ज्यादातर महिलाएं इसे यूज करती हैं। स्टार्टिंग में चाइनीज मेंहदी का क्रेज ज्यादा था क्योंकि उसका रंग कुछ ही मिनटों में चढ़ जाता था। लेकिन जब से चाइनीज मेंहदी की वजह से स्किन डिजीज की प्राब्लम शुरू हो गई तब से लेडीज ने इसका यूज बंद कर दिया है। खास है इंडियन मेंहदी
श्री चंद बताते हैं कि इंडियन मेंहदी का रंग चढऩे में थोड़ा वक्त जरूर लगता है मगर 10-12 दिन तक हाथों में उसकी छाप हाथों में बरकरार रहती है। इसके उलट चाइनीज मेंहदी का रंग लगाने के दूसरे ही दिन ही वह पूरी तरह से उतर जाता है और स्कीन डिजीज अलग से दे जाता है। इसलिए लेडीज पत्ते वाली मेंहदी को पीसकर कोन से लगाना प्रिफर कर रही हैं। सावन के महीने में वैसे भी ज्यादा डिमांड होती है इसलिए कोन वाली मेंहदी दूसरे शहरों से भी मंगाई जा रही है। चाइनीज मेंहदी स्किन के लिए हार्मफुल होती है क्योंकि इसमें पैराफिनाइलडाईअमीन मिला होता है। इसे लगाते ही स्किन में पहले खुजली शुरू हो जाती है, उसके बाद एलर्जी होने लगती है। एलर्जी इतनी बढ़ जाती है कि लाल और सफेद दाग होने के भी चांसेज होते हैं। आजकल 10-12 परसेंट पेशेंट ऐसे ही आ रहे हैं.डॉ। संतोष कुमार सिंह, डर्मटॉलजिस्ट

Posted By: Inextlive