- माह-ए-रमजान में हर इबादत के बदले होती है सवाबों की बरसात

GORAKHPUR: रमजान की आमद के साथ सेहरी से लेकर अफ्तार की तैयारियों को लेकर बाजारों में चहल-पहल है। अफ्तार और सेहरी से जुड़ी चीजों की खरीदारी के लिए लोग बाजार में पहुंच रहे हैं, जिसकी वजह से रौनक बढ़ गई है। रोजा खोलने के लिए गोरखपुराइट्स मार्केट में खरीदारी के लिए जुटे नजर आए। खुजूर, चिप्स और हल्के-फुल्के आइटम्स के साथ ही लोग मार्केट से गलातर करने के लिए नींबू और रूहअफजा परचेज करते नजर आए।

हर अमल पर मिलती हैं नेकियां

रमजान में हर अमल पर कई गुना नेकियां मिलती हैं। सुन्नत अदा करने पर फर्ज जितना सवाब तो वहीं एक फर्ज पर 70 गुना सवाब मिलता है। मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार के सहायक अध्यापक नवेद आलम ने बताया कि रमजान माह में मोमिन का रिज्क बढ़ा दिया जाता है। रोजादार को अफ्तार कराने वालों की गुनाह माफ कर दी जाती हैं। उन्होंने बताया कि अफ्तार करने वाले को उतना ही सवाब मिलता है, जितना रोजा रखने वालों को मिलता है।

कभी प्यासा न रहेगा

रसूलल्लाह ने फरमाया कि अल्लाह यह सवाब उस शख्स को देगा जो एक घूंट दूध या एक खुरमा (छुआरा) या एक घूंट पानी से अफ्तार कराए। जिसने रोजादार को भरपेट खाना खिलाया उसको अल्लाह मेरे हौज से पिलाएगा कि कभी प्यासा न होगा। यहां तक कि जन्नत में दाखिल हो जाए। यह वह महीना है जिसमें पहला अशरा रहमत, दूसरा मगफिरत और तीसरा जहन्नम से निजात पाने का है। बुजुर्गो की मानें तो हुजूर ने फरमाया कि जो अपने गुलाम पर इस महीने में थोड़ा रियायत बख्शे उसे जहन्नम से आजादी मिल जाएगी।

'रय्यान' से जाएंगे रोजेदार

दारुल उलूम हुसैनिया के मुफ्ती अख्तर हुसैन ने बताया कि जन्नत के आठ दरवाजे हैं। उनमें से एक दरवाजे का नाम रय्यान है। इस दरवाजे से वही जन्नत में दाखिल होंगे, जो रोजा रखते हैं। जो ईमान की वजह से और सवाब के लिए रोजा रखेगा उसके अगले गुनाह बख्श दिए जाएंगे और जो ईमान की वजह से और सवाब के लिए रमजान की रातों का कयाम करेगा और शबे कद्र का कयाम करेगा, उसके अगले गुनाह बख्श दिए जाएंगे।

Posted By: Inextlive