अपने जिले में ही जेई व एईएस मरीजों को मिले इलाज: सीएम
- बीआरडी मेडिकल कॉलेज में गोरखपुर-बस्ती मंडल के कमिश्नर, डीएम समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों संग सीएम योगी आदित्यनाथ ने की बैठक
GORAKHPUR: कोरोना और जेई-एईएस बीमारी को लेकर शासन-प्रशासन की तरफ से एकदम चौकस व्यवस्था शुरू कर दी गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज में संचारी रोग, जेई, एईएस व कोविड-19 को लेकर समीक्षा बैठक की। मातहतों को निर्देश दिया कि सभी विभाग आपस में को-ऑर्डिनेट कर कार्य करें। जेई, एईएस से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करें। कहा कि जेई व एईएस का मरीज सीधे बीआरडी मेडिकल कॉलेज में न आए बल्कि उसका इलाज संबंधित जिले के ईटीसी सेंटर/पीकू/मिनी पीकू/जिला अस्पताल में हो। अगर कोई मरीज सीधे बीआरडी मेडिकल कॉलेज आता है तो प्रिंसिपल व कमिश्नर यह देखें कि मरीज किस जिले से आया है और उसका इलाज वहां हुआ है कि नहीं। अगर मरीज सीधे बीआरडी मेडिकल कॉलेज आया है तो संबंधित की जवाबदेही भी तय की जाएगी।
डीएम करेंगे टीम-11 की निगरानीसीएम ने कहा कि गोरखपुर एवं बस्ती मंडल की बैठक यहां करने का मुख्य कारण है कि यहां पर जेई/एईएस का प्रकोप अधिक होता है। विभागीय समन्वय एवं बेहतर स्वास्थ सुविधा उपलब्ध कराने के बेहतर सर्विलान्स से मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। कहा कि जिस प्रकार प्रदेश स्तर पर टीम-11 का गठन कर कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है। उसी प्रकार जिला स्तर पर भी टीम-11 बनाई गई है। डीएम नियमित रूप से जिला स्तरीय टीम-11 के कार्यो की निगरानी करें।
कोविड-नॉन कोविड अस्पतालों को रखा जाए अलग सीएम ने कहा कि कोविड एवं नॉन कोविड अस्पताल अलग-अलग रहें और नॉन कोविड अस्पतालों में स्क्रीनिंग की पूरी व्यवस्था रहे। सभी स्वास्थ्य कार्यो का संबंधित अधिकारी निरीक्षण करते रहें तथा डॉक्टर लगातार वार्डो में राउंड करें व तकनीक का प्रयोग करते हुए सुविधाओं की उपलब्धता को भी देखें। कोविड अस्पताल के इन्चार्ज प्रतिदिन वहां पर भर्ती मरीजों के बारे में उनके परिजनों को जानकारी देते रहें। डीएम व सीएमओ को मिले निर्देश - जिला स्तर पर जेई/एईएस की व्यवस्था को देखा जाए, हॉस्पिटल में आक्सीजन की कमी न होने पाए और इसके बैकअप के साथ-साथ आग से बचाव की भी पूरी व्यवस्था की जाए। - मानव संसाधन की कमी को पूरा करने के लिए जो भी आवश्यक है उसे किया जाए। - जेई/एईएस की ट्रेनिंग की व्यवस्था को पूरा किया जाए और जिले स्तर पर मास्टर ट्रेनर भी तैयार किए जाएं।- जिले स्तर पर लोगों को ट्रेनिंग दी जाए।
- इस बार सतर्कता और बेहतर तालमेल के साथ कार्य करके पिछले वर्षो से भी बेहतर परिणाम दें। ये अधिकारी रहे मौजूद इस दौरान अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, कमिश्नर गोरखपुर जयन्त नार्लिकर, कमिश्नर बस्ती अनिल सागर, डीएम गोरखपुर के विजयेन्द्र पांडियन आदि मौजूद थे।