गोरखपुर ठंड का कहर जारी है. लगातार चौथे दिन भी पारा के लुढ़कने का सिलसिला जारी रहा. लगातार सर्द हो रही रातों से लोगों की मुश्किलें और बढ़ रही हैं. इन सबके बीच सर्द हवाओं ने मुश्किलें बढ़ानी शुरू कर दी है. हालत यह हैकि मौसम के बदले रुख से लोग टेंप्रेचर के साथ एडजस्ट नहीं कर पा रहे हैं. इसकी वजह से वह बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. आने वाले दिनों की बात करें तो टेंप्रेचर में गिरावट दर्ज होगी और यह लोगों की मुश्किलें और बढ़ाएगा. डॉक्टर्स की मानें तो अगर प्रिकॉशन नहीं लिया गया तो बीमारी पटक देगी और राहत मिलने में भी वक्त लग जाएगा.


गोरखपुर (ब्यूरो)। मंगलवार को मैक्सिमम टेंप्रेचर सामान्य से 9 डिग्री कम यानि 12.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि मिनिमम टेंप्रेचर भी 6.7 डिग्री सेल्सियस रहा। दिन-रात का टेंप्रेचर डिफरेंस 3.4 डिग्री हो जाने से लोगों की मुश्किलें बढऩे लगी हैं। रुक-रुक कर 7 से 12 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं, जिसकी वजह से लोगों को ठिठुरन महसूस हुई। सारा दिन हल्के बादल छाए रहे। जिससे सुबह 6 बजे विजिबिल्टी 150 मीटर और दिन में 1500 मीटर दर्ज की गई।48 घंटे ऐसे ही रहेगा मौसममौसम विभाग के मुताबिक फिलहाल यह स्थिति 48 घंटे तक रहने की संभावना है। इसके साथ ही दिन और रात के पारे में गिरावट होगी। मौसम विभाग के मुताबिक पहाड़ों पर


लगातार हो रही बर्फवारी की वजह से मौसम में चेंज देखने को मिल रहा है। वहीं हवाओं की वजह से पंजाब, दिल्ली होते हुए यह ठंड उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों में पहुंच रही है। जिसकी वजह से तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। मौसम विभाग का दावा है कि 20 जनवरी को दिन में धुंध के साथ धूप निकलने के आसार है। आज भी खराब रहेगा मौसम

मौसम के तेवर बुधवार को यूं ही जारी रहेंगे। ऐसे में फिलहाल ठंड के कहर से राहत नहीं मिलने वाली है। तापमान में और भी गिरावट दर्ज की जा सकती है। मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय ने बताया कि सोमवार को लगातार दूसरे दिन शीत दिवस रहा। मंगलवार को भी मौसम का यही हाल है। पहाड़ों में बारिश और बर्फबारी हो रही है। इसके अलावा तेज पछुवा हवाएं भी चल रही हैं। इस वजह से मैदानों में ठंड बढ़ी है। मंगलवार को न्यूनतम तापमान में और गिरावट आएगी और दिन का तापमान 16-17 डिग्री के आसपास रहेगा। 3 साल पहले हुर्ह थी ऐसी ठंडतीन साल पहले छह जनवरी को ऐसी ठंड पड़ी थी। छह जनवरी 2018 को न्यूनतम तापमान 11.4 डिग्री दर्ज किया गया था। पिछले 10 साल के दौरान जनवरी में तीसरी बार, दिन में ऐसी ठंड पड़ी है।वर्ष- मैक्सिमम टेंप्रेचर(डेट)2013- 9.5 (5)2014- 13.5 (9)2015- 12.8 (11)2016- 16.8 (20)2017- 16.6 (31)2018- 11.4 (6)2019- 21.9 (16)2020- 13.4 (12)2021- 15.2 (13)2022- 12.6 (17)7 दिनों में 9 डिग्री गिरा मैक्सिममतारीख मैक्सिमम मिनिमम18 12.6 6.7

17 12.6 8.016 16.0 8.815 18.5 8.414 19.4 9.713 20.8 10.212 21.4 15.2इन्हें होती है ज्यादा प्रॉब्लम8 साल से छोटे बच्चे50 साल से ज्यादा बड़े व्यक्तिदमा पेशेंट्सकार्डिएक पेशेंट्सयह होती है प्रॉब्लम- एलर्जी- फीवर- नाकों में जलन- वायरल इंफेक्शन- मिजल्स- वूफिंग कफ- स्किन रैशेज- खुजलाहटक्या बरतें सावधानी- पूरे शरीर को ढंक कर चलें जिससे म्वाइस्ट एयर न कॉन्टैक्ट होने पाए- धूप निकलना शुरू न हो जाए तब तक बाहर निकलना अवाइड करें।- ढके बदन और नाक मुंह पर कपड़ा बांधकर ही वॉकिंग के लिए जाएं।
- सिर पर टोपी लगाएं।- शाम को दिन डूबने के बाद भी स्वेटर और टोपी का इस्तेमाल करें- घर अंदर रहें तो भी फुल स्वेटर और जैकेट पहने रहें।- गाड़ी चलाते वक्त हेलमेट पहने जिससे दोनों ही कंडीशन में बचा जा सके।- कोई प्रॉब्लम हो रही है, तो चिकित्सक की सलाह लें।- बच्चों को खुले में न टहलाएं और कवर किए रहे।टेंप्रेचर डिफरेंस बढ़ा सकता है परेशानीमौसम की उठा-पटक का असर भी गोरखपुराइट्स पर पिछले कुछ दिनों से साफ नजर आ रहा है। सुबह और शाम के टेंप्रेचर चेंज की वजह से बच्चे-बूढ़े लोगों के साथ ही दमा और कार्डिएक पेशेंट्स की परेशानी बढ़ गई। एटमॉस्फियर में पॉल्युशन पार्टिकिल्स के साथ ही ओस और हवा लोगों पर एक साथ हमला कर रही है, जिसकी वजह से सांस लेने की प्रॉब्लम के साथ ही गला चोक, दम घुटने जैसे कई केसेज सामने आ रहे हैं। जिसे दिखाने के लिए अस्पतालों के बाहर लोग कतार में लगे हुए हैं। वायरस का घर बनी ह्यूमन बॉडी
मौसम का मौजूदा हाल पेशेंट्स के लिए तो काफी खतरनाक है। जो बीमार नहीं हैं, उन्हें भी इसे हलके में नहीं लेना चाहिए। मौसम का मिजाज लगातार चेंज हो रहा है, ऐसे चेंज से वायरस काफी तेजी से बढ़ गई है। इस ग्रोथ में ह्यूमन बॉडी एक वेक्टर के तौर पर वर्क करने लगती है। बाहर के टेंप्रेचर को मेनटेन करने के लिए वाइरस ह्यूमन बॉडी का इस्तेमाल करते हैं और अपनी लाइफ स्टाइल को मेनटेन करते हैं। मगर लगातार बदल रहे टेंप्रेचर में बॉडी खुद टेंप्रेचर मेनटेन करने में नाकाम है, जिसकी वजह से लोग लगातार बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।

Posted By: Inextlive