सेहत का रखें ख्याल, कहीं ठंड न कर दे बीमार
- कड़ाके की ठंड के चलते विंटर डायरिया और निमोनिया के शिकार हो रहे छोटे बच्चे
- युवा और बुजुर्ग भी हो रहे सर्दी-बुखार का शिकार, हॉस्पिटल्स की ओपीडी में बढ़ी भीड़ GORAKHPUR: आमतौर पर विंटर सीजन में छोटे बच्चों को लेकर लापरवाही बरतने वाले सावधान हो जाएं। कड़ाके की ठंड में नन्हे-मुन्नों की सेहत को नजरअंदाज करना उन्हें बीमार बना दे रहा है। बढ़ती ठंड जहां नवजातों को विंटर डायरिया और निमोनिया का शिकार बना रही है। वहीं, युवा और बुजुर्ग भी मौसम में बदलाव और टेंप्रेचर डिफरेंस के चलते बीमार हो हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं। हाल ये है कि इन दिनों सरकारी से लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल्स की ओपीडी में भीड़ बढ़ गई है। मदर्स करें बेबी की केयरसिटी के हॉस्पिटल्स में युवा, बच्चे और बुजुर्ग बीमारी के शिकार होकर पहुंच रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि कड़ाके की ठंड के बीच बच्चों का खास ख्याल रखे जाने की जरूरत है। इस समय मदर्स सर्दी को लेकर सावधानी बरतें तो बच्चों को हेल्दी रखा जा सकता है। फिजिशियन डॉ। बीके सुमन ने बताया कि इन दिनों बच्चों में विंटर डायरिया और निमोनिया के केसेज कॉमन होते हैं। इसी का नतीजा है कि इन दिनों हॉस्पिटल्स में रोजाना विंटर डायरिया व निमोनिया से पीडि़त बच्चे लाए जा रहे हैं।
बड़ों को भी घेर रहीं बीमारियां ठंड के चलते बच्चे विंटर डायरिया तो बड़े लोग सर्दी-बुखार के शिकार हो रहे हैं। पिछले तीन दिनों में प्राइवेट हॉस्पिटल्स के ओपीडी में पांच से छह सौ मरीजों की संख्या बढ़ी है। ठंड का प्रकोप बढ़ने के साथ-साथ मरीजों की संख्या में भी तेजी के साथ इजाफा हो रहा है। डॉक्टर उपचार के साथ-साथ सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। बच्चों को ठंड से बचाने के उपाय - धूप निकलने पर बच्चे को धूप में बैठाएं। - हर रोज बंद कमरे में स्नान कराएं और कपड़े पहनाकर बाहर निकालें। - शरीर पर पूरे कपड़े पहनाने के साथ पैरों में मोजे और हाथों में दस्ताने पहनाकर रखें। - ज्यादा सुस्त रहने व दूध न पीने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। - बच्चे की मां को कुछ भी ठंडी सामग्री खाने से बचना चाहिए, क्योंकि बच्चे को मां से ठंड लग सकती है। - साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें। ये भी रखें ध्यान - छोटे बच्चे को टू-व्हीलर पर ले जाने से बचें, अगर जा रहे हैं तो कपड़े से ढक कर रखें।- बच्चे को टू-व्हीलर पर सामने मुंह करके न बैठाएं, इससे उसे सांस लेने में परेशानी होगी।
- ज्यादा ठंडी हवा लगने से बच्चे को मुंह-नाक से खून आ सकता है। - निमोनिया होने का खतरा ऐसी सर्दी में ज्यादा होता है। - ठंड में हाथ-पैर लाल होने से पता चल जाएगा कि बच्चे को ठंड लग चुकी है - ऐसी सर्दी में बच्चे के हाथ-पैर सुन्न पड़ जाते हैं। बच्चा एक्टिव नहीं है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। कोट्स ठंड की वजह से इन दिनों निमोनिया के साथ सर्दी, बुखार आदि के केस बढ़े हैं। ओपीडी में हर रोज 70 से 80 मरीज आ रहे हैं। इनमें सबसे अधिक बच्चे हैं। जिन्हें वॉयरल इंफेक्शन है, उनसे बच्चों को दूर रखें। ज्यादा परेशानी होने पर तत्काल डॉक्टर्स से संपर्क करें। डॉ। भूपेंद्र शर्मा, बाल रोग विशेषज्ञ ठंड में बच्चों के साथ युवा और बुजुर्गो को लेकर भी सावधानी बरतनी चाहिए। इन दिनों ओपीडी में ज्यादातर निमोनिया, सर्दी और बुखार के केस आ रहे हैं। ऐसे में लोगों को चाहिए की घर से गर्म कपड़े पहनकर ही बाहर निकलें। साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान रखें। - डॉ। बीके सुमन, फिजिशियन