-सीओ गोरखनाथ से हॉट-टॉक पड़ी महंगी

-देर रात तक शाहपुर थाने पर चलती रही पंचायत

GORAKHPUR: एमएलसी इलेक्शन में बूथ के बाहर प्रत्याशी का पोस्टर लगाकर बैठे मास्टर साहब की हरकतों ने उनको हवालात पहुंचा दिया। चुनाव आचार संहिता का अनुपालन कराने के चक्कर में खुद को कमिश्नर का दामाद बनाने वाले टीचर की आईपीएस से हॉट-टॉक हो गई। सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन में पुलिस ने टीचर को पकड़ लिया। टीचर के पकड़े जाने से परेशान शिक्षक नेता देर रात तक शाहपुर थाना पर जुटकर मामला खत्म कराने की सिफारिश करते रहे।

बूथ के बाहर लगाया था स्टाल

शुक्रवार को एमएलसी का मतदान चल रहा था। मतदान के दिन प्रचार न करने, बूथ के बाहर अपना पोस्टर न लगाने, किसी तरह की प्रचार सामग्री न रखने के आदेश का अनुपालन कराने के लिए पुलिस-प्रशासन के अधिकारी नजर रख रहे थे। अभय नंदन इंटर कॉलेज में बने सेंटर के बाहर मेडिकल रोड पर प्रत्याशी देवेंद्र प्रताप सिंह के समर्थक कुर्सी लगाकर बैठे थे। बगल में दीवार पर उनका बैनर भी लगा था। सीओ गोरखनाथ का कार्यभार देख रही महिला आईपीएस चारू निगम वहां पहुंचीं। उन्होंने सारा तामझाम हटवा दिया। बूथ वाले रास्ते पर सपा प्रत्याशी डॉ। राजेश यादव, डॉ। संजयन त्रिपाठी और डॉ। एससी कौशिक का स्टाल लगा था।

कौशिक के कार्यकर्ता ने जताया विरोध

सभी लोगों का बैनर, पोस्टर और प्रचार सामग्री हटवाती हुई सीओ डॉ। कौशिक के स्टॉल पर पहुंचीं। वहां टेबल सजाकर बैठे समर्थक आईपीएस से भिड़ गए। अधिकारी का विरोध जता रहे अवनीश प्रताप सिंह ने खुद को एक कमिश्नर का दामाद बताया। महिला अधिकारी बहस करते हुए अर्दब में लेने की कोशिश की। लेकिन उनका कोई प्रभाव नहीं चला तो उन्होंने खिसकने की कोशिश शुरू कर दी। आईपीएस ने उनको पकड़ने का निर्देश दिया। इंस्पेक्टर शाहपुर से कहा कि सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए। आईपीएस के निर्देश से चौरीचौरा में तैनात टीचर के होश उड़ गए। उनके थाने पर पहुंचते ही शिक्षकों का जमावड़ा लग गया।

डीजीपी तक पहुंच गया मामला

अन्य शिक्षकों के दबाव में शाहपुर इंस्पेक्टर ने आरोपी टीचर को राहत देने की जुगत लगानी शुरू कर दी। कहा जा रहा है कि उन्होंने टीचर को थाने से छोड़ दिया। तभी किसी ने इसकी शिकायत डीजीपी से कर दी। इसके बाद पुलिस हरकत में आ गई। पुलिस ने दोबारा टीचर को पकड़ लिया। उधर, चुनाव खत्म होते ही अन्य टीचर और समर्थक थाने पर जमा हो गए। देर रात तक टीचर को छोड़ने के लिए पंचायत होती रही। उधर बदसलूकी से आहत महिला पुलिस अधिकारी कार्रवाई की जिद पर अड़ी रहीं।

Posted By: Inextlive