- बिजली निगम के नगरीय मंडल के अभियंताओं ने वर्ष 2018 में 40 कनेक्शनों की थी पीडी

- कनेक्शनों के मीटर में करीब 2.50 लाख यूनिट रीडिंग स्टोर

- 35 बकाएदारों के बिल सुधार कर अभियंताओं व लिपिकों ने लाखों का बकाया सिस्टम से उड़ाया

- शिकायत मिलने पर शासन के निर्देश पर पावर कारपोरेशन ने विजिलेंस टीम से कराई जांच

बिजली निगम के नगरीय मंडल के अभियंताओं ने वर्ष ख्0क्8 में ब्0 कनेक्शनों की थी पीडी

- कनेक्शनों के मीटर में करीब ख्.भ्0 लाख यूनिट रीडिंग स्टोर

- फ्भ् बकाएदारों के बिल सुधार कर अभियंताओं व लिपिकों ने लाखों का बकाया सिस्टम से उड़ाया

- शिकायत मिलने पर शासन के निर्देश पर पावर कारपोरेशन ने विजिलेंस टीम से कराई जांच

GORAKHPUR: GORAKHPUR: बिजली विभाग में 'पैसा दो, बिल एडजस्ट कराओ' का खेल काफी पुराना है। विभागीय अधिकारियों की मदद से हजारों कंज्यूमर्स न सिर्फ लाखों के बकाए को हजारों रुपए में एडजस्ट कर विभाग को चपत लगाते हैं, वहीं अपनी जेबें भी भर लेते हैं। ऐसा ही मामला एक बार फिर सामने आया है। विभाग के इंजीनियर्स ने ख्0क्8 में ब्0 कनेक्शनों को परमनेंट डिस्कनेक्ट कर दिया। इन कनेक्शनों के मीटर में करीब ख्.भ्0 लाख यूनिट रीडिंग स्टोर थी। जेमएटी व लिपिक ने फाइनल पीडी बनाते समय रीडिंग का पैसा चार्ज नहीं किया।

लाखों का बकाया सिस्टम से उड़ाया

खेल यही खत्म नहीं हुआ है। बल्कि इसके साथ ही फ्भ् बकाएदारों के बिल सुधार कर इंजीनियर्स व लिपिकों ने लाखों का बकाया सिस्टम से उड़ा दिया। शिकायत के बाद इसकी जांच की गई तो विभाग से सपोर्ट नहीं मिला और जैसे-तैसे रिपोर्ट तैयार कर दी गई। अब डीजी विजलेंस ने मामले की जांच सीओ को सौंपी है और क्भ् जुलाई तक रिपोर्ट तलब की है। अब मामले की जांच सीओ कार्यालय के प्रभारी निरीक्षक ने शुरु कर दी है। टीम लाभ उठाने वाले कंज्यूमर्स की तलाश में जुटी है। इस जांच के शुरु होने से बिजली महकमें में हड़कंप मचा है।

अधिकारियों व कर्मचारी की मिलीभगत से राजस्व का चपत

शिकायती पत्र के मुताबिक बक्शीपुर वितरण खंड के तत्कालीन एक्सईएन जेपी यादव, एसडीओ, जेई और एक जेएमटी पर आरोप है कि सभी की मिलीभगत से सैकड़ों कनेक्शनों के रीडिंग स्टोर वाले पुराने मीटर्स को बदलकर निगम को राजस्व की चपत लगाई गई। इसके साथ ही लाखों के बकाए वाले फ्भ् बकाएदारों के बिजली बिल में सुधार के नाम पर लाखों रुपए का राजस्व ऑनलाइन बिलिंग सिस्टम से उड़ा दिया गया। कनेक्शनों की पीडी के नाम पर बड़ा खेल हुआ। शहर के चारों वितरण खंडों में बिजली चोरी के प्रकरणों में लाखों रुपए के राजस्व निर्धारण को गलत तरीके से घटाकर जमा कराया गया। इसमें विभिन्न खंडों के राजस्व लिपिक व खण्डीय लेखाकार व एक्सईएन भी शामिल रहे। इन सभी ने निगम की झोली भरने की बजाए अपनी झोली भरी। सीओ विजिलेंस कार्यालय के मुताबिक पीडी वाले मामलें में लाभान्वित कंज्यूमर्स की तलाश की जा रही है। अभियंता सहयोग नहीं कर रहे है। एक्सईएन, एसडीओ ,जेई के साथ ही दो जेएमटी व दो लिपिक जांच के दायरे में है। इनके कार्यप्रणाली की निगरानी कराई जा रही है।

सीएम से की गई थी मामले की लिखित शिकायत

- मामला संज्ञान में आने के बाद भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी अनिरुद्व प्रताप सिंह ने साल-ख्0क्9 में इस मामले की लिखित शिकायत सीएम योगी आदित्यनाथ से की।

- इसके बाद सीएम कार्यालय ने पत्र का संज्ञान लेकर पावर कार्पोरेशन को जांच कराने के निर्देश दिए।

- तत्कालीन ऊर्जा सचिव ने डीजी विजिलेंस को जांच करने के निर्देश दिए।

- नवंबर-क्9 में डीजी के निर्देश पर तत्कालीन विजिलेंस टीम प्रभारी विवेक सिंह ने मामले की जांच की।

- अभियंताओं से जांच में सहयोग न मिलने के कारण उन्होंने जैसे-तैसे रिपोर्ट बनाकर डीजी को भेज दी।

- रिपोर्ट ठीक नहीं मिलने पर डीजी ने जोन के सीओ विजिलेंस को प्रकरण की जांच करने की जिम्मेदारी मार्च-ख्क् में सौपी।

- कोरोना संक्रमण काल के कारण जांच नहीं हो पाई।

- अब डीजी कार्यालय से रिमांडर आने पर दोबारा जांच शुरु हुई है।

- सीओ कार्यालय के प्रभारी निरीक्षक निर्भय नरायण सिंह व बिजली थाना प्रभारी संजय सिंह की टीम मामलें की जांच करने में जुटी है।

- इस प्रकरण की फाइल करीब भ्00 पेज से अधिक की हो गई है।

वर्जन

मामलों की जांच शुरु कर दी गई। संबंधित खंडों के अधिशासी अभियंता से प्रकरण से संबंधित दस्तावेज मांगे गए है। लाभान्वित कंज्यूमर्स की तलाश की जा रही है। उनका बयान लेने के बाद भी जांच आगे बढ़ेगी। क्भ् जुलाई तक रिपोर्ट भी डीजी विजिलेंस को भेजी जानी है।

- निर्भय नरायण सिंह, प्रभारी निरीक्षक, सीओ विजिलेंस कार्यालय, गोरखपुर जोन

Posted By: Inextlive