कोरोना ने ज्यों-ज्यों पांव पसारे हैं त्यों-त्यों दूसरी बीमारियां खुद ब खुद गायब होने लगी हैं. जहां कोरोना के दौरान लोगों की इम्युनिटी बेहतर हुई. वहीं कोविड वैक्सीनेशन ने बॉडी को उससे लडऩे के लिए बिल्कुल तैयार कर दिया.


गोरखपुर (ब्यूरो)। अब इसका नजीता है कि दूसरी बीमारियां लोगों को परेशान नहीं कर पा रही हैं। यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि पिछले दो साल के आंकड़ों को देखकर इस बात का आसानी से अंदाजा लगया जा सकता है। इन दो सालों में कोरोना ने तो खूब पांव पसारे, लेकिन इसकी वजह से हर साल परेशान करने वाला मलेरिया मानों दुबक गया। कोरोना की सभी वेव में कोरोना के साथ मलेरिया की भी जांच की गई। इसमें जहां पिछले साल 11 मलेरिया के केस सामने आए, वहीं इस साल यह आंकड़ा सिर्फ एक केस पर ही सिमट कर रहे गया। खास बात यह कि मलेरिया से जिले में एक भी मौत नहीं हुई है। सीएमओ डॉ। आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि मच्छरों से बचाव और लक्षण दिखने पर तत्काल जांच और इलाज मलेरिया से बचाव के बेहतर उपाय हैं। समय से जांच व इलाज न होने से मलेरिया जानलेवा हो सकता है। जिला अस्पताल, जिला महिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर मलेरिया की जांच फ्री होती है। उन्होंने बताया कि मलेरिया में परजीवी संक्रमण और लाल रक्तकोशिकाओं के नष्ट होने के करण थकान की वजह से एनीमिया, दौरा या चेतना की हानी की स्थिति बन जाती है। सेरिब्रल मलेरिया में परजीवी रक्त के जरिए ब्रेन तक पहुंच जाते हैं और यह शरीर के अन्य अंगों में भी पहुंच कर क्षति पहुंचाते हैं। गर्भावस्था में मलेरिया का होना गर्भवती के साथ-साथ भ्रूण और नवजात के लिए भी खतरा है। यह बीमारी मादा मच्छर एनाफ्लीज के काटने के कारण होती है।कोरोना के साथ कराएं मलेरिया की जांचसीएमओ ने बताया कि आईआईटी इंदौर के एक रिसर्च के मुताबिक कोरोना या मलेरिया के लक्षण दिखने पर कोरोना के साथ मलेरिया की भी जांच करानी चाहिए। मलेरियाग्रस्त कोरोना के मरीज को स्टेरायड देना जानलेवा हो सकता है, इसलिए दोनों जांच जरूरी है। ऐसी स्थिति में न्यूरोलॉजिकल प्रभाव भी देखने को मिलते हैं। इस वजह से सेलेब्रल मलेरिया या कोमा की स्थिति पैदा हो सकती है।केसेज निकले, मौत नहींजिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में जिले में मलेरिया के केसेज तो निकले हैं, लेकिन समय से इलाज मिलने के कारण मौत नहीं रिपोर्ट हुई है। वर्ष 2030 तक मलेरिया को उन्मूलन के चरण में लाना है, इसके लिए लक्षण दिखने पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को जांच करवानी होगी।वर्ष जांच मलेरिया के मिले केस


2017 70688 25 2018 71556 052019 72833 112020 26058 012021 48126 11 2022 16063 01मलेरिया के लक्षण -चार से आठ घंटे में तेज बुखार-सिरदर्द -ठंड लगना -खांसी आना-मांसपेशियों में दर्द होना -छाती व पेट में दर्द-शरीर में ऐंठन होना -मल के साथ रक्त आना -पसीना आना और उल्टी होना मलेरिया से बचाव -पूरे बांह के कपड़े पहने-मच्छरदानी का इस्तेमाल करें-मच्छर रोधी क्रीम लगाएं-घर में मच्छररोधी अगरबत्ती का इस्तेमाल करें-घरों में किटनाशकों का छिड़काव करें-खुली नालियों में मिट्टी का तेल डालें ताकि मच्छरों के लार्वा न पनपने पाएं -मच्छरों के काटने के समय शाम व रात को घरों और खिड़कियों के दरवाजे बंद कर लें।

जिला मलेरिया अधिकारी और मलेरिया निरीक्षकों की टीम जिले में मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने के लिए संबंधित विभागों और सामुदायिक योगदान के जरिए अभियान में जुटे हुए है। मगर लोगों की सतर्कता अधिक जरूरी है। - डॉ। आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ

Posted By: Inextlive