- शीतलहर के आने से पहले हेल्थ डिपार्टमेंट के होश उड़े

- कोरोना के फिर से केस बढ़ने के आसार, सभी सीएचसी-पीएचसी के डॉक्टर को जारी किया गया अलर्ट

GORAKHPUR: ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। वहीं दिल्ली में जिस प्रकार से कोरोना के केसेज बढ़ रहें। उसे देखते हुए यूपी में हेल्थ डिपार्टमेंट ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। हेल्थ डिपार्टमेंट की माने तो कोरोना का सेकेंड फेज भयावह हो सकता है। ऐसे में सावधान रहना बेहद जरूरी होगा। शीतलहर के मौसम में सर्दी, जुखाम, बुखार के साथ-साथ जिन्हें हाईपर टेंशन, बीपी, शुगर समेत अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, ऐसे में उनसे खासतौर पर सावधान रहना होगा। इसके मरीजों को एहतियात भी बरतनी होगी। इसके लेकर सीएमओ ने सभी सीएचसी-पीएचसी व जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों के कोविड-19 के जांच को लेकर भी तेजी करने का निर्देश दिया है।

केस भले ही है कम, लेकिन आगे करेगा बेदम

बता दें, दिवाली व छठ में उमड़ने वाली पब्लिक को भीड़ को देखते हुए हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से एलर्ट जारी किया गया। धनतेरस बीत जाने पर हेल्थ डिपार्टमेंट ने जहां राहत की सांस ली है, वहीं उनके सामने दूसरी भीड़ वाली चुनौती छठ पूजा है, उपर से शीतलहर का मौसम भी आने वाले दिनों में शुरू हो जाएगा। ऐसे में यह माना जा रहा है कि कोरोना सेकेंड फेज का दूसरा रूप स्टार्ट हो जाएगा। पहले की तरफ जहां कोविड-19 की जांच चल रही। वैसे ही चलती रहेगी, लेकिन पब्लिक को कोविड प्रोटोकाल का पालन करना होगा। सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी ने बताया कि कोरोना का खतरा टला नहीं है। भले ही केस कम आ रहे हैं। लेकिन आने वाले दिनों जैसे-जैसे शीतलहर बढ़ेगी। वैसे ही केस बढ़ेंगे। क्योंकि दूसरे प्रदेशों में कोरोना के केसेज बढ़ें हैं। उसको देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां भी केसेज बढ़ेंगे। ऐसे में कोविड प्रोटोकॉल के तहत दो गज की दूरी और मास्क है जरूरी के फॉर्मूले को बिल्कुल भी न भूलें। घर से अनावश्यक बाहर न निकलें।

शीतलहर में बढ़ेगी सैंपलिंग

वहीं बीआरडी मेडिकल कालेज के हेड ऑफ डिर्पाटमेंट प्रो। डॉ। अमरेश कुमार सिंह ने बताया कि शीतलहर में कोरोना के केसेज बढ़ेंगे। ऐसे में यह न सोचे कि कोरोना के एक्टिव केस इस वक्त कम आ रहे हैं, तो आने वाले दिनों में एक्टिव केस एकदम से खत्म हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि आज की डेट में माइक्रोबायोलोजी डिपार्टमेंट में आने वाले जांच 1000-1200 सैंपल की होती है, लेकिन जैसे ही शीतलहर बढ़ेगी, सैंपल की जांच भी बढ़ जाएगी। सैंपल जांच में पता चल सकेगा कि 100 सैंपल की जांच में कितने कोविड पाजिटिव हुए और कितने निगेटिव। खासतौर से सांस के रोगी, शुगर, बीपी व हाईपर टेंशन के अलावा अन्य बीमारी के रोगियों को सचेत रहना होगा।

5-7 फीसदी बढ़ सकता है केस

हेल्थ डिपार्टमेंट की माने तो आने वाले तीन महीने में कोरोना के केसेज में 5-7 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो सकती है। जब कोरोना पीक पर था, तब गर्मी का मौसम था। लेकिन अब जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी। खासतौर पर शीतलहर के वक्त केस बढ़ेंगे। डॉ। राजेश कुमार बताते हैं कि ठंड में किसी भी वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता है। ऐसे में कोरोना के वायरस को भी ठंड से मदद मिलेगी। ठंड में जरूरी है कि हम अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत करें और कोरोना से जुड़ी गाइडलाइन का पालन करें।

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ठंड में संक्रमण बढ़ने की क्या है वजह

डॉ। राजेश कुमार बताते हैं कि गर्मी के मौसम में कोरोना वायरस फैलने का एक बड़ा कारण संक्रमित छोटे आकार के एरोसॉल कणों का हवा में मौजूद होना था। जबकि सर्दी में संक्रमण फैलने का मुख्य कारण सांस छोड़ने, खांसने या छींकने के दौरान मुंह और नाक से निकली बूंदों के सीधे संपर्क में आना हो सकता है। ज्यादातर स्थितियों में सांस से निकले तरल कणों को छह फीट से अधिक दूर जाते पाया गया है। विशेषज्ञों ने बताया कि घरों के भीतर कम तापमान के चलते वायरस अधिक समय तक संक्रामक रहता है। जबकि यह वायरस वातावरण में कुछ मिनटों से लेकर एक दिन से ज्यादा समय तक संक्रामक रह सकता है।

शीतलहर के मौसम में कोरोना के केसेज बढ़ने की पूरी उम्मीदें हैं। इसके लिए हमारी तरफ पूरी तैयारियां ऑलरेडी की जा चुकी हैं। कोविड जांच जैसे चल रही है, वैसे ही होती रहेगी। कोविड अस्पताल है। किसी के संक्रमित होने पर उसे तत्काल प्रभाव से एडमिट कराने की व्यवस्था है।

- डॉ। श्रीकांत तिवारी, सीएमओ

Posted By: Inextlive