अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में इलाज कराने वाले पेशेंट्स के लिए राहत की खबर है. एम्स में शुक्रवार से सीटी स्कैन और एमआरआई जांच शुरू हो गई.दोनों मशीनें पिछले सवा दो साल से कमरे में बंद थीं.


गोरखपुर (ब्यूरो)।इन मशीनों की लागत करीब 17 करोड़ है। शुक्रवार को इसका उद्घाटन कार्यकारी डॉयरेक्टर डॉ। सुरेखा किशोर ने किया। एम्स प्रशासन को दोनों मशीनों के संचालन के लिए रेडियोलॉजिस्ट नहीं मिल रहे थे। मशीनों की स्थापना के कुछ दिन बाद से ही यह बंद पड़ी रही। इसको देखते हुए एम्स प्रशासन ने इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी मोड पर संचालित करने का फैसला किया। इसके लिए पिछले पांच जनवरी को एम्स प्रशासन और हिंद लैब के बीच एमओयू का हस्ताक्षर हुआ था। दोनों मशीनें हिंद लैब के जरिए संचालित होंगी। इसके लिए हिंद लैब एक और रेडियोलॉजिस्ट तैनात करेगा। इसके साथ ही हिंद लैब के पास दो रेडियोलॉजिस्ट हो जाएंगे। एमआरआई और सीटी स्कैन पूरी तरह से हाईटेक हैं। ईस्टयूपी की पहली अत्याधुनिक मशीन है, एमआरआई मशीन से प्रतिदिन 25 से 30 पेशेंट्स की जांच की जाएगी। वहीं सीटी स्कैन से प्रतिदिन 60 से 70 पेशेंट्स की जांच की जाएगी। जांच का शुल्क से छह से 2400 रुपये के बीच होगा। रेडियोलॉजिस्ट और टेक्नीशियन तैनात
एम्स प्रशासन के मुताबिक, हिंद लैब प्रशासन ने इसके लिए एक रेडियोलॉजिस्ट को तैनात किया है। इसके अलावा टेक्निीशियन की टीम भी तैनात की गई। उनको दोनों मशीनों के संचालन की स्पेशल ट्रेनिंग भी दी गई है। जिसके बाद दो मशीनों का संचालन शुरू हुआ है।

Posted By: Inextlive