नौ घंटे का एग्जाम फिर जाम ने लिया इम्तहान
-गोरखपुर में रविवार को 108 सेंटर पर आर्गनाइज हुआ सीटेटे एग्जाम
-एडमिट कार्ड पर लिखे टाइम पर दो घंटे पहले सेंटर पहुंच गए कैंडिडेट GORAKHPUR: सेंट्रल टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीटेट) में पहली बार ऐसा हुआ है जब कैंडिडेट को दो शिफ्ट में कुल 9 घंटे एग्जाम के लिए बैठना पड़ा। वहीं, जब एग्जाम खत्म हुआ तब शहर के जाम में घंटों जूझना पड़ा। गोरखपुर में 108 सेंटर पर रविवार को सीटेट एग्जाम हुआ। एडमिट कार्ड में लिखे टाइम के अनुसार 120 मिनट पहले ही आधे से अधिक कैंडिडेट सुबह 7.30 बजे सेंटर पहुंच गए। जबकि एग्जाम 9.30 बजे स्टार्ट होकर 12 बजे तक चला। इसी तरह दूसरे शिफ्ट का एग्जाम दोपहर 2 बजे स्टार्ट होकर 4.30 बजे तक चला और कैंडिडेट 12 बजे सेंटर पहुंच गए। गांधीजी ने िदलाए 9 नंबरफर्स्ट शिफ्ट में सुबह प्राइमरी लेवल 1 से 5 तक के लिए एग्जाम हुआ। जबकि, सेकेंड शिफ्ट 2.30 बजे जूनियर लेवल 6 से 8 तक के लिए एग्जाम हुआ। बहुत से कैंडिडेट ने दोनों लेवल में एग्जाम दिया। फर्स्ट शिफ्ट में एग्जाम देकर बाहर निकले अधिकतर कैंडिडेट के चेहरे पर मुस्कान थी। कैंडिडेट ने बताया कि गांधीजी से संबंधित गांद्याश को पढ़कर 9 सवालों के जवाब देने थे, जो बहुत आसान थे। वहीं देशभक्ति काव्यांश को पढ़कर पांच सवालों के जवाब देने थे, जिसका आंसर देने में जरा भी प्रॉब्लम नहीं हुई।
कैंडिडेट ने बताया पेपर आसान कैंडिडेट ने बताया कि हर साल की तुलना में इस बार सीटेट एग्जाम में आसान पेपर पूछा गया था। जिसने भी अच्छे से पढ़ाई की थी उसे आंसर देने में जरा भी प्रॉब्लम नहीं हुई। हिंदी, मैथ, इंग्लिश और संस्कृत से बहुत ही आसान क्वेश्चन पूछे गए थे। बहुत से कैंडिडेट का कहना था कि कोविड 19 की वजह से ही इस बार आसान पेपर पूछा गया है। फर्स्ट मुकाबले सेकेंड कठिन कई कैंडिडेट ने बताया कि फर्स्ट के मुकाबले सेकेंड में कठिन सवाल पूछे गए। सेकेंड में सबसे कठिन सवाल समाज शास्त्र से पूछे गए थे। इसके आंसर देने में ठंडी में गरमी का अहसास हुआ। लेट होने पर नहीं मिली एंट्रीएडमिट कार्ड में पहले लिख दिया गया था कि एग्जाम शुरू होने के बाद किसी को भी एंट्री नहीं दी जाएगी। इसके अनुसार ही रविवार को बहुत से कैंडिडेट जो लेट से पहुंचे तो उनके लिए सेंटर का दरवाजा नहीं खुला। सुभाषनगर स्थित एक सेंटर पर काफी देर तक कैंडिडेट गुहार लगाते रहे लेकिन उन्हें एंट्री नहीं मिली। इसके बाद वे दूसरे शिफ्ट का एग्जाम समय से पहुंचकर दिए।
खोजते रहे सेंटर देवरिया, बस्ती, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर से आए कैंडिडेट गोरखपुर तो समय से पहुंच गए। लेकिन उन्हें सेंटर का एड्रेस पूछने में बहुत परेशान होना पड़ा। जगह-जगह कैंडिडेट अपनी चार पहिया रोक सेंटर का एड्रेस पूछ रहे थे, जिससे बार-बार जाम भी लग जा रहा था। पहले एग्जाम फिर गोरखनाथ्ा के दर्शन महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बस्ती और देवरिया से आए कैंडिडेट इस तैयारी से आए थे कि जब एग्जाम हो जाएगा तब गोरखनाथ बाबा के दर्शन करेंगे। एग्जाम छूटने के बाद गोरखनाथ एरिया में अधिक संख्या में कैंडिडेट पहुंचने के कारण कई घंटे जाम लगा रहा है. कोट बहुत आसान पेपर आया था। सेकेंड में समाज शास्त्र से कठिन सवाल आए थे। बाकी पेपर सरल था। अर्पित सिंह, कैंडिडेट पिछले साल की तुलना में इस साल बहुत आसान सवाल पूछे गए थे। पेपर बहुत अच्छा हुआ है। अरुण कुमार, कैंडिडेट हिंदी के सवाल बहुत सरल थे। जबकि इसके मुकाबले इंग्लिश के सवाल कठिन थे। प्रियंका पांडेय, कैंडिडेट बहुत अच्छा पेपर हुआ। सारे क्वेश्चन आसान लगे। जिसने भी पढ़ा होगा वो पूरा करके ही आया होगा। प्रतिभा यादव, कैंडिडेट