डेयरी संचालकों की मनमानी, नगर निगम की बढ़ी परेशानी
- संचालक दूध लेकर सड़क पर छोड़ देते हैं पशु, सिटी में लगभग 600 डेयरियां, निगम के रिकॉर्ड में 337
- अभी तक अभियान के तहत निगम ने 2.5 लाख रुपए वसूला जुर्मानाGORAKHPUR: शहर में अवैध रूप से संचालित हो रही डेयरियों ने नगर निगम की परेशानी बढ़ा दी है। डेयरी संचालक पशुओं का दूध निकाल उन्हें सड़कों पर छोड़ देते हैं। जिसके चलते हमेशा सड़क हादसे की आशंका बनी रहती है। छुट्टा पशु कई बार राहगीरों पर हमला भी कर देते हैं। बता दें शहर में लगभग 600 डेयरियां संचालित हैं लेकिन नगर निगम के रिकॉर्ड में 40 वार्डो में कुल 337 डेयरियां ही चिन्हित हैं। हालांकि नगर निगम छुट्टा पशुओं को पकड़ने के लिए तमाम कवायदें कर रहा है। एक अभियान के तहत नगर निगम ने अभी तक ऐसे डेयरी संचालकों से 2.5 लाख रुपए जुर्माना भी वसूल किया है। बावजूद इसके डेयरी संचालक हैं कि अपनी मनमानी से बाज ही नहीं आ रहे।
कैटल कैचिंग अभियान भी फेलशहर में छुट्टा और आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए नगर निगम की ओर से 'कैटल कैचिंग' अभियान चलाया गया है। बावजूद इसके समस्या से निजात नहीं मिल पा रही। घोष कंपनी, घंटाघर, टीपी नगर, मोहद्दीपुर, धर्मशाला, शाहपुर, फातिमा बाइपास समेत दर्जन भर एरियाज में पशुओं का खासा जमावड़ा रहता है। जिसके चलते हादसे का खतरा तो बना ही रहता है, सड़क पर लोगों को जाम का झाम भी झेलना पड़ता है।
कान्हा उपवन में 254 पशु आवरा पशुओं को रखने के लिए महेवा में कान्हा उपवन बनाया गया है। यहां पशुओं को रखने और चारे की मुकम्मल व्यवस्था की गई है। नगर निगम से मिली जानकारी के मुताबिक अभी तक कान्हा उपवन में 254 पशुओं को रखा गया है। शहर में डेयरियां - लगभग 600 नगर निगम द्वारा चिन्हित डेयरियां - 337 अभियान के तहत वसूल किया गया जुर्माना - 2.5 लाख रुपए कान्हा उपवन में रखे गए छुट्टा पशु - 254 वर्जन अभियान के तहत छुट्टा पशुओं को पकड़ कर उन्हें कान्हा उपवन में रखा जा रहा है। शहर में करीब तीन सौ से अधिक डेयरियों को चिन्हित किया गया है, जो दूध निकालने के बाद पशुओं को सड़क पर छोड़ देते हैं। अभी तक उनसे दो लाख से अधिक जुर्माना भी वसूला गया है। साथ ही उन्हें नोटिस भी जारी की गई है। यह अभियान चलता रहेगा। संजय शुक्ला, सहायक नगर आयुक्त