- लॉकडाउन में हॉस्टल में फंस गए डीडीयूजीयू के स्टूडेंट

- आपदा में बने जरूरतमंदों के मददगार, 14 अप्रैल से ही भूखे लोगों का भर रहे पेट

GORAKHPUR: जब आपदा आती है तो सबसे पहले लोग अपना घर संभालते हैं। लेकिन गोरखपुर यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स की सोच बिल्कुल डिफरेंट निकली। डॉ। भीमराव अंबेडकर हॉस्टल में रहने वाले डीडीयूजीयू के हॉस्टलर्स लॉकडाउन में यहीं फंस गए। लेकिन मु्श्किल हालात होने के बाद भी इन स्टूडेंट्स ने घर की टेंशन छोड़ लॉकडाउन में परेशान जरूरतमंद लोगों का पेट भरने का बीड़ा उठाया। हॉस्टल में रहते हुए स्टूडेंट्स ने एक टीम बनाई और जरूरतमंदों का पेट भरने के लिए कम्युनिटी किचन शुरू करने का फैसला किया। बीते 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के दिन स्टूडेंट्स ने कम्युनिटी किचन की शुरूआत की।

प्रशासन से मांगी लिस्ट

सबसे पहले स्टूडेंट्स ने जिला प्रशासन से संपर्क कर जरूरतमंद लोगों की लिस्ट मांगी और फिर उन्हें खाना पहुंचाना शुरू किया। स्टूडेंट्स द्वारा शुरू किए गए इस कम्युनिटी किचन से धीरे-धीरे यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर, स्टूडेंट् व सामाजिक संगठन जुड़ने लगे और सहयोग देना शुरू किया। जिसमें प्रो। गोपाल प्रसाद का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

डेली 400 से अधिक लोगों का भर रहे पेट

कम्युनिटी किचन का संयोजन कर रहे डीडीयूजीयू के शोध छात्र पवन कुमार ने बताया कि हम डेली अलग-अलग तरह का भोजन बनाते हैं। स्वादिष्ट होने के साथ खाना पौष्टिक भी रहे, इसका पूरा ध्यान रखा जाता है। उन्होंने बताया कि खाना बनने वाला पूरा एरिया सेनेटाइज रखते हैं और किसी भी बाहरी व्यक्ति को यहां प्रवेश नहीं करने दिया जाता है। डेली 400 से अधिक लोगों को भोजन दिया जाता है। सावधानी के लिए मेडिकल कॉलेज में कार्यरत डॉ। भानु से दिशा निर्देश लेते रहते हैं।

इनकी अहम भूमिका

कम्युनिटी किचन में छात्र नेता सतेंद्र भारती, सुजीत श्रीवास्तव, रविंद्र कुमार गौतम, अनिल कुमार बौद्ध, मंजेश कुमार, सुधिराम रावत, दीपक कुमार, अमित कुमार, सुरेंद्र वाल्मीकि, जितेंद्र प्रजापति, पवन गुप्ता, धीरेंद्र प्रताप, अमरजीत कुमार, योगेंद्र और विनोद वर्मा की अहम भूमिका है।

Posted By: Inextlive