- उड़ने वाले किटों पर रिसर्च

- जहरीले पत्तों के जहर को करता है कम

- ये किट कई तरह से समाज को पहुंचाते हैं फायदा

GORAKHPUR: क्या आपको पता है कि कीड़े समाज सेवा भी करते हैं। किस तरह पर्यावरण पर ये अपना प्रभाव डालते हैं इसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते। गोरखपुर यूनिवर्सिटी में एमएससी लास्ट सेमेस्टर की स्टूडेंट माहवेश फातमा, आरफा सेहर, सुमेरा खान और तृप्ती पांडेय ने डीडीयू परिसर में पाए जाने वाले 100 कीड़े खोजे। जिन पर चारों स्टूडेंट ने रिसर्च किया। तब ये बातें खुलकर सामने आई कि कीड़े समाज सेवा करते हैं।

कीड़े बताते हैं कि यहां प्रदूषण कम है या ज्यादा

चारों स्टूडेंट ने बताया कि छह महीने लगातार अलग-अलग तरह की कीड़े पर हम लोगों ने रिसर्च किया तो पता चला कि कुछ कीड़े नुकसानदायक तो कुछ बहुत ही फायदेमंद हैं। मनुष्य, जानवर और हमारा पर्यावरण एक दूसरे से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि हमें डीडीयू परिसर में कुछ ऐसे कीड़े मिले जो पर्यावरण के लिए बहुत ही जरूरी और लाभकारी हैं। उनमें से एक ओडोनॉट्स एस एनवायर्नमेंटल इंडिकेटर है। ओडोनॉट्स की लारवल स्टेज स्वच्छ पर्यावरण और ऑक्सीजन की मात्रा जहां अधिक हो उस पानी में पाए जाते हैं। इससे ये इंडीकेट होता है कि जिस जगह पे ये रह रहे हैं या ब्रीड कर रहे हैं, वहां का पर्यावरण प्रदूषण मुक्त है या वहां प्रदूषण कम है और ऑक्सीजन की मात्रा ज्यादा है।

अस्थमा जैसी बीमारी से बचाते हैं कीड़े

रिसर्च से ये पता चला कि पार्थेनियम हैस्टेरोफोरोस एक जहरीली एलर्जिक और हानिकारक जंगली घास है। जो हमारे पूरे कैम्पस और गोरखपुर एरिया में फैली है। ये जंगली घास हमारे और पर्यावरण के लिए बहुत ही घातक हैं। इससे डर्मेटाइटिस, अस्थमा, नस्ल-डर्मल,नस्ल-ब्रोन्कियल इस तरह की बीमारियां होती हैं। ज्यगोग्रामम बिकोलोरता बीटल की स्पीशीज है जो हम लोग को आम तौर पे देखने को मिलती है। ये जहरीली घास पार्थेनियम की पत्ती को खाते हैं और उस घास की ग्रोथ को और पौधे बनने से रोकते हैं। इस नुक्सानदे घास को खा कर इसकी अनेक बीमारियों से हमे बचते हैं।

कीड़े हमारी फसल को बचाते हैं

खेतों में भी जहरीली घास फैल जाती है। इससे फसल खराब होने का भी खतरा बना रहता है। लेकिन कीड़े जहरीली घास को खाकर किसानों के लिए मददगार साबित होते हैं। ऐसे ही कई कीड़ों के रीसर्ज पर स्टूडेंट को सबूत मिले हैं कि ये कई तरह से हमें फायदा पहुंचा रहे हैं। स्टूडेंट ने बताया कि पर्यावरण को भी साफ बनाने में कीड़ों का बहुत याेगदान है।

एचओडी काे दिया श्रेय

स्टूडेंट माहवेश फातमा, आरफा सेहर, सुमेरा खान और तृप्ती पांडेय ने कीड़ों को खोजने और उनकी पहचान करने में एचओडी अजय सिंह का बहुत योगदान रहा। जबकि, प्रोजेक्ट में हमारी हेल्प एक्स एचओडी राजेन्द्र सिंह ने हमारी हेल्प की।

Posted By: Inextlive