JEE B.Ed में candidates के choice lock करने से पहले ही हो जा रही है choice lock
आगरा और मेरठ में हुई है घटनाप्रो। दुबे ने बताया कि आगरा और मेरठ के कैंडिडेट्स ने डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर को यह इंफॉर्मेशन दी है कि उन्होंने जब च्वाइस लॉक की कोशिश की तो यह बात सामने आई कि उनकी च्वाइस लॉक पहले से ही हो गई है, जबकि उन्होंने कोई भी कॉलेज नहीं चुना है। इस मामले में कैंडिडेट्स का कहना है कि च्वाइस लॉकिंग के दौरान कुछ लोगों ने उनकी डीटेल पूछी। लेकिन बाद में पता चला कि उनके पिन का यूज कर पहले से ही कॉलेज का लॉक किया जा चुका है। कैंडिडेट्स को राहत
कैंडिडेट्स के फ्यूचर को ध्यान में रखते हुए स्टेट कोऑर्डिनेटर प्रो। सुरेंद्र दुबे ने पीडि़त कैंडिडेट्स को दोबारा च्वाइस लॉक करने का मौका देने का फैसला किया है। इसके लिए उन्होंने च्वाइस लॉक की डेट को 26 से एक्सटेंड करते हुए 29 अगस्त कर दिया है। इसके साथ ही कमेटी ने च्वाइस लॉक करने वाले कैंडिडेट्स को भी आगाह किया है कि वह अपना च्वाइस लॉक स्टेटस चेक कर लें और अगर उन्हें कोई गड़बड़ी मिलती है तो इसकी इंफॉर्मेशन डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर को जरूर दें। 2 नंबर और तीन कॉलेज
प्रो। दुबे ने बताया कि कैंडिडेट्स द्वारा मिली इंफॉर्मेशन के बाद इसकी प्राथमिक जांच कराई गई। इसमे यह बात सामने आई कि फेक च्वाइस लॉक में 2 बातें सामने आई। पहली यह कि इसमें 2 मोबाइल नंबर्स 9761234132 और 9720784181 का यूज किया गया है वहीं दूसरी ओर इन नंबर्स से तीन कॉलेजेज राधारानी डिग्री कॉलेज, जूल्हापुर, सिकंदरामऊ, श्रीकृष्ण योगीराज, हाथरस और पंचवटी इंस्टीट्यूट ऑफ एजूकेशन एंड टेक्नोलॉजी, घाटरोड, परतापुर, मेरठ के ही कॉलेजेज की सीट्स को ही लॉक किया गया है।