विधान सभा चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से निपटाने के लिए पब्लिक के असलहे जमा कराए जा रहे हैं. किसी तरह के विवाद में हत्या न हो जाए इसके लिए थानों से लेकर दुकान तक असलहा जमा कराने की कवायद में जुटी पुलिस दिनरात लोगों के घर पहुंच रही है. लाइसेंस नंबर और नाम के आधार पर बीट कांस्टेबल लोगों से घर-घर जाकर लाइसेंसी बंदूक जमा कराने की मनुहार कर रहे हैं.


गोरखपुर (ब्यूरो)। एसएसपी ने कहा कि इलेक्शन को देखते हुए सौ फीसदी असलहा जमा कराने का टारगेट रखा गया है। यदि कोई लापरवाही सामने आती है संबंधित लाइसेंस होल्डर के खिलाफ डीएम को पत्र लिखकर जानकारी दी जाएगी। उनका लाइसेंस कैंसिल कराने को कहा जाएगा। बना रहे बहाने, ना जाना पड़े थाने
जिले में असलहा न जमा कराना पड़े। इसको लेकर लोग प्रशासनिक अधिकारियों का चक्कर लगा रहे हैं। दो या अधिक लाइसेंस रखने वाले परिवारों में महज एक असलहा जमा कराने की दुहाई दी जा रही है। लोग किसी न किसी बहाने से थाने जाने से बचने की जुगत लगा रहे हैं। हालांकि इस बार किसी को भी राहत न देते हुए भी के असलहे अनिवार्य रूप से जमा कराए जा रहे हैं। दुकान और थानों का विकल्प भी दिया गया है। दुकानों पर असलहा जमा कराने के बाद उसकी रसीद थाने पर दिखानी होगी। इसके बाद ही राहत मिल सकेगी। डीएम दे सकते हैं अनुमति


पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि किसी भी वजह से असलहा न जमा कराने के संबंध में डीएम आदेश दे सकते हैं, लेकिन इसके लिए कमेटी की संस्तुति आवश्यक है। आदेश दिखाने के बाद ही लाइसेंस होल्डर से तगादा नहीं किया जाएगा। हालांकि अभी तक डीएम ने किसी को इस तरह का आदेश नहीं दिया है। कोई न कोई वजह बताकर लोग असलहा जमा कराने से परहेज कर रहे हैं। अधिकांश लोगों ने बीट कांस्टेबल, हलका दरोगा को बताया है कि वह बाहर हैं। लौटते ही अपनी बंदूक जमा करा देंगे। इसलिए 18 जनवरी तक महज 12 हजार असलहे ही जमा हो पाए थे। एसएसपी ने कहा कि असलहा संबंधी कार्रवाई की समीक्षा की जा रही है। इस तरह के बहाने बना रहे लोग - - जान का खतरा बताकर असलहा साथ रखने की दलील - बिजनेसमैन होने की वजह से असलहा न जमा कराने की मांग - किसी के घर में शादी का कार्यक्रम है। इसलिए उसे सुरक्षा की दरकार है। - किसी के पास दो लाइसेंस हैं। ऐसे में वह एक लाइसेंस पर असलहा साथ रखना चाहते हैं। - प्रापर्टी के विवाद, चुनाव की रंजिश, नकदी की सुरक्षा सहित अन्य कारण लोग बता रहे हैं।गोरखपुर में हैं 22979 लाइसेंसी आम्र्स

जिले में कुल करीब 22979 लाइसेंसी आम्र्स हैं, जिनको जमा कराने पर जोर दिया जा रहा है। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद करीब 13 हजार असलहे जमा कराए जा चुके हैं। किस थाना क्षेत्र मे कितने असलहे नहीं जमा हुए हैं। इसके बारे में रोजाना मोबाइल फोन से भी कांस्टेबल और दरोगा जानकारी ले रहे हैं। बीट कांस्टेबल लोगों से असलहा जमा कराने पर जोर दे रहे हैं।

थाना असलहा जमातिवारीपुर 512 510कोतवाली 1566 526खोराबार 949 568गोरखनाथ 923 562शाहपुर 1344 374राजघाट 946 547रामगढ़ताल 516 268कैंट 3976 750गीडा 412 342चिलुआताल 539 316चौरीचौरा 477 420
झंगहा 798 620पिपराइच 414 284गुलरिहा 558 476बांसगांव 1163 658कैंपियरगंज 370 318पीपीगंज 322 274सहजनवां 672 480बेलीपार 416 194गगहा 1334 570खजनी 710 544सिकरीगंज 545 296हरपुर-बुदहट 318 277गोला 913 616बड़हलगंज 1724 746
उरुवा 412 351बेलघाट 380 352विधान सभा चुनाव को देखते हुए असलहा जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं। सभी बीट पुलिस आफिसर और हलका दरोगा की जिम्मेदारी है कि वह अपने एरिया में लाइसेंसी असलहा जमा कराएं। लापरवाही सामने आने पर संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। डॉ। विपिन ताडा, एसएसपी

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