- कोरोना जांच के लिए गए हैं डॉक्टर, नर्स के सैंपल, रिपोर्ट के बारे में बार-बार कर रहे क्वेरी

- माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट में दिन-रात हो रही जांच

GORAKHPUR: सर प्लीज मेरी रिपोर्ट बता दीजिए। मेरे छोटे-छोटे बच्चे हैं। घर में फैमिली मेंबर्स के बीच जाने में भी डर लग रहा है। यह डर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में काम करने वाली उन नर्सेज का है, जिनका सैंपल माइक्रोबॉयोलॉजी डिपार्टमेंट की लैब में आरटी-पीसीआर जांच के लिए गया है। हालांकि कुछ नर्सेज की ट्रूनेट से कोरोना जांच हो चुकी है, लेकिन बीआरडी में नर्सेज के कोरोना पॉजिटिव केस सामने आने के बाद ही आरटी-पीसीआर जांच के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने कमर कस ली है। ताकि किसी को संक्रमण का खतरा न हो और उनके जरिए दूसरों तक बीमारी न पहुंचे। इसके लिए बीआरडी प्रशासन ने एहतियातन सभी की कोरोना जांच करानी शुरू कर दी है।

देर रात तक परेशान रहीं नर्सेज

बता दें, बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भी जूनियर रेजीडेंट, सीनियर डॉक्टर्स व नर्सेज को कोरोना ने चपेट में लिया है। कोरोना की दहशत में जहां हर डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ हैं। वहीं आरटी-पीसीआर जांच के लिए भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट नहीं आने से इन लोगों की नींद उड़ गई है। डॉक्टर समेत नर्सेज की जांच रिपोर्ट रविवार की देर रात तक नहीं आने पर कई वार्ड में स्टाफ नर्स ने ड्यूटी ही नहीं की। वे घर जाने से भी परहेज करती रहीं। वहीं कुछ नर्सेज घर से बीआरडी ही नहीं आईं। हालांकि उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो। अमरेश कुमार सिंह ने बताया कि आरटी-पीसीआर की जांच में वक्त लगता है। ऐसे में जितने डॉक्टर, नर्सेज के सैंपल कोरोना जांच के लिए लगाए गए हैं, उनमें ज्यादातर निगेटिव ही आए हैं। डेली करीब 800 सैंपल की जांच की जा रही है।

दो तरह से हो रही जांच

कोविड-19 की जांच के लिए दो तरह के टेस्ट किए जा रहे हैं। आरटी-पीसीआर टेस्ट और रैपिड एंटीबॉडीज टेस्ट। आरटी-पीसीआर यानी रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमरेस चेन रिएक्शन टेस्ट। यह एक ऐसी लैब टेकनिक है जिसमें आरएनए के डीएनए में रिवर्स ट्रांसमिशन को जोड़ते हुए वायरस का पता लगता है। दूसरी तरफ एंटी बॉडी टेस्ट में ब्लड का इस्तेमाल किया जाता है ताकि वायरस के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया का पता लगाया जा सके। आरटी-पीसीआर में इस बात की जांच की जाती है कि वायरस मौजूद है या नहीं? इसके लिए व्यक्ति के रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट, थ्रोट स्वॉब या नाक के पीछे वाले गले के हिस्से से सैंपल लिया जाता है। इसकी रिपोर्ट आने में कम से कम 7-9 घंटे तक का वक्त लग जाता है। आरटी-पीसीआर टेस्ट टाइम भी लेता है और महंगा भी होता है। वहीं रैपिड एंटी बॉडीज टेस्ट कम खर्चीला है और इसके नतीजे भी 20-30 मिनट में आ जाते हैं।

Posted By: Inextlive