जिला महिला अस्पताल में सीनियर डॉक्टर द्वारा प्रसूता के परिजन से वसूली के मामले में एक तरफ जहां एसआईसी की तरफ से जांच बैठा दी गई है. दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने जिला महिला अस्पताल का रियल्टी चेक किया. जिसा डिलीवरी रूम में डॉक्टर्स स्टाफ नर्स प्रसूता की डिलीवरी कराती हैैं. वहीं उससे सटे खाली कमरे और बगल के स्टाफ रूम में सारी डिलींग की जाती है. लेकिन वहां पर न तो सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है और ना ही पुरुषों के प्रवेश पर किसी तरह का प्रतिबंध ही है. यही वजह है कि वसूली जैसे मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैैं.


गोरखपुर (ब्यूरो)। जिला महिला अस्पताल प्रतिदिन 400-500 प्रसूता डॉक्टर से दिखाने आती हैैं। तो वहीं 30-40 प्रसूताओं की सिजेरियन और नार्मल डिलीवरी कराई जाती है। जिला महिला अस्पताल में आने वाली प्रसूताओं को जहां इस बात की उम्मीद रहती है कि उनकी डिलीवरी सकुशल फ्री ऑफ कास्ट के साथ बेहतर उपचार हो सकेगा। लेकिन डॉक्टर्स और स्टाफ नर्स समेत पैथोलॉजिस्ट वसूली में संलिप्त नजर आ रहे हैैं। एक सीनियर डॉक्टर द्वारा डिलीवरी रूम में प्रसूता के परिजन से वसूली के मामले में वायरल वीडिया की जांच शासन स्तर पर शुरु हो चुकी है। एसआईसी ने वीडियो समेत रिपोर्ट भेज दी गई है। मामले की गंभीरता से जांच के बाद कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है। स्टाफ नर्स और पैथोलॉजिस्ट भी शामिल
वहीं इस केस मेें शामिल डॉक्टर समेत तीन स्टाफ नर्स और एक पैथोलाजिस्ट के भी शामिल होने की बात सामने आ रही है। जो मिलकर इस काम को अंजाम देते थे। महिला अस्पताल में काम करने वाली एक मेडिकल स्टाफ ने बताया कि वायरल वीडियो में जो डॉक्टर रुपए लेते हुए नजर आ रही हैैं। वह प्रत्येक डिलीवरी पर 3-5 हजार रुपए तक वसूलती है। इस प्रकार एक शिफ्ट में अगर 5 डिलीवरी हुए तो 15-25 हजार रुपए तक वसूली हो जाती है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर के पड़ताल में पता चला है कि वायरल वीडियो में दिखाई दे रही महिला डॉक्टर का पति भी जिला अस्पताल में एनेसेथिसिया डिपार्टमेंट में तैनात हैैं। यही नहीं इन दोनों डॉक्टर दंपत्ति का एक प्राइवेट हॉस्पिटल भी संचालित हो रहा है। एसआईसी के ढुलमुल रवैये के कारण दे रहे अंजाम जिला महिला अस्तपाल में एसआईसी डॉ। एनके श्रीवास्तव के पास इस तरह के मामले पिछले कई महीने से लगातार आ रहे हैैं, लेकिन एसआईसी की उदासीनता के कारण लगातार ओटी और डिलीवरी रुम में तैनात स्टाफ नर्स और डॉक्टर की ड्यूटी में न तो किसी प्रकार की कोई बदलाव किया गया और ना ही इन मेडिकल स्टाफ के खिलाफ किसी प्रकार की कोई सख्त कार्रवाई की जाती है। यही वजह है कि न्यू बिल्डिंग से लेकर पुराने बिल्ंिडग तक इस तरह के खेल में ज्यादातर मेडिकल स्टाफ संलिप्त है।डेट - नॉर्मल डिलीवरी - सिजेरियन ऑपरेशन - ओपीडी 18 अगस्त - 20 - 18 - 458 19 अगस्त - 12 - 13 - 24620 अगस्त - 16 - 08 - 37221 अगस्त - 15 - 4 - 52 22 अगस्त - 15 - 8 - 580


वायरल वीडियो में शामिल महिला डॉक्टर के खिलाफ स्ट्रिक्ट एक्शन लिया जाएगा। इस केस में संलिप्त बाकी के स्टाफ नर्स व पैथोलाजिस्ट के खिलाफ भी जांच शुरु हो चुकी है। दो से तीन दिन के भीतर कार्रवाई का दौर शुरु हो जाएगा।- डॉ। एनके श्रीवास्तव, एसआईसी, जिला महिला अस्तपाल

Posted By: Inextlive