एयर पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने पूरा फोकस ई व्हीकलस पर कर रखा है. शहर में तेजी से इलेक्ट्रिक व्हीकल की संख्या बढ़ रही है. जिसमें कॉमर्शियल व प्राइवेट दोनों तरह की व्हीकल हैं लेकिन समस्या है इन व्हीकल को चार्ज करने की.


गोरखपुर (ब्यूरो)।जिसके चलते लोग लंबी दूरी के लिए इन वाहनों को लेकर नहीं जा पाते हैं। यह प्रॉब्लम भी जल्द ही दूरी होने जा रही है। शहर में चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए नगर निगम की ओर से जोनवार सर्वे कार्य शुरू हो गया है। इसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। स्थान चिन्हित होने के बाद शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। बजट मिलने के बाद चार्जिंग स्टेशन का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। चार्जिंग स्टेशन बनने से इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों को काफी सहूलियत मिलेगी। सात जुलाई को दिए थे निर्देश
यूपी इलेक्ट्रिक वाहन व निर्माण एवं गतिशीलता नीति 2022 के तहत नगरीय परिवहन निदेशालय ने सात जुलाई को नगर निगम को निर्देश दिए थे कि चार्जिंग स्टेशन के लिए स्थान चिन्हित कर उसकी रिपोर्ट भेजें। जिसमें मानक था कि चार्जिंग स्टेशन के लिए न्यूनतम 180 वर्ग फीट की जगह चाहिए। सिटी में हर नौ किलोमीटर पर यह चार्जिंग स्टेशन प्रस्तावित है। सिर्फ इलेक्ट्रिक बस के लिए चार्जिंग स्टेशन


महानगर में सिर्फ सिटी इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग स्टेशन महेसरा में है। आम पब्लिक या कामर्शियल के लिए कहीं भी चार्जिंग स्टेशन नहीं है। इसकी वजह से कॉमर्शियल इलेक्ट्रिक वाहन चालकों के लिए काफी दिक्कत होती है। यदि कहीं भी वाहन का चार्ज डिस्चार्ज हो जाए तो वाहन रास्ते में ही खड़ी हो जाती है। इसके चलते चालक और पैसेंजर्स को सफर करने में परेशानी झेलनी पड़ती है। अब समस्या को दूर करने के लिए शहर में चार्जिंग स्टेशन बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। शहर में ई वाहनों की संख्या 8214- ई-रिक्शा 1804 -ई-टू व्हीकल 43-ई-कार

Posted By: Inextlive