सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन के बाद दुकानदारों से लेकर लोगों को हो रही परेशानी का ऑप्शन मिल गया है. सिटी में दिल्ली गाजियाबाद से ईको फ्रेंडली कपड़े के झोले आ रहे हैं जो पॉलीथिन से भी सस्ते बताए गए हैं. प्रतिबंध के दौर में इन झोलों की डिमांड काफी बढ़ गई है. थोक कारोबारियों के जरिये छोटे दुकानदार तो खरीद ही रहे हैं. पब्लिक ने भी इनका यूज शुरू कर दिया है. रंग बिरंगे झोले देखने में भी अच्छे हैं. इनमें वेरायटी भी काफी है. पॉलीथिन की तरह इसे आसानी से कहीं ले जा सकते हैं.केसरिया रंग के झोलों सर्वाधिक डिमांड


गोरखपुर (ब्यूरो)। मार्केट में वैसे तो काला, सफेद, नीला, पीला सहित कई कलर के झोले हैं, लेकिन सबसे अधिक डिमांड केसरिया कलर की है। खूनीपुर में थोक व्यापारी प्रिंस ने बताया कि कपड़े के सभी कलर के झोले बिक रहे हैं, लेकिन लोगों और दुकानदारों की पसंद सबसे ज्यादा केसरिया कलर की है। उनकी दुकान से रोजाना करीब दो क्विटल झोला बिक रहा है। बताया कि अब पॉलीथिन का अच्छा आप्शन लोगों को मिल गया है।बढ़ गई बिक्री, लुभा रहे कलर फलमंडी के थोक दुकानदार प्रेम वर्मा ने बताया कि वेरायटी वाले कपड़े के झोले आने से एकाएक बिक्री बढ़ गई है। रोजाना एक क्विंटल के करीब झोला बिक रहा है। ये झोले पॉलीथिन से सस्ते और अच्छे हैं। पर्यावरण को इनसे कोई नुकसान नहीं है। छोटे से लेकर बड़े दुकानदार तक इसका यूज कर रहे हैं। जल्द ही पॉलीथिन मुक्त हो जाएगी सिटी


खूनीपुर के थोक दुकानदार राकेश ने बताया, दिल्ली, गाजियाबाद से झोले आ रहे हैं। इनको लाने और ले जाने में भी सहूलियत है। पॉलीथिन से भी सस्ता झोला पडऩे से छोटे दुकानदार अब इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। उम्मीद है, जल्द ही सिटी पूरी तरह पॉलीथिन मुक्त हो जाएगा। झोले के प्रकार5 इंच 130 रुपए/किलो6 इंच 130 रुपए/किलो

7 इंच 140 रुपए/किलो8 इंच 140 रुपए/किलो9 इंच 145 रुपए/किलो11 इंच 145 रुपए/किलोठेले खोमचे वालों ने शुरू किया झोले का यूजसिटी में अधिकतर ठेले-खोमचे वालों ने इन रंग बिरंगे झोलों को यूज शुरू कर दिया है। हालांकि, अब अधिकांश लोग घर से झोला लेकर निकल रहे हैं, जिनके पास नहीं हैं। वो आसानी से सामान रखकर झोले में रखकर ले जा रहे हैं। ठेले वालों ने बताया कि अब किसी तरह की छापेमारी का भी डर नहीं है। पहले मजबूरी में पॉलीथिन में सामान देना पड़ता था, पॉलीथिन न होने पर लोग सामान नहीं खरीदते थे।

Posted By: Inextlive