सिटी में प्रपोज्ड इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए इंतजार बढ़ता जा रहा है. बसों को चलाने के लिए तारीख पर तारीख पर तारीख दी जा रही हैं. जबकि असलियत यह है कि महेसरा स्थित इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग स्टेशन की इंटरलाकिंग और आरसीसी का काम अब तक नहीं हो सका है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। चार्जिंग प्वाइंट शुरू नहीं हो सके हैं। जमीन पर दलदल होने की वजह से प्रॉब्लम बढ़ गई है। इस प्रॉब्लम के सॉल्युशन के लिए प्रोजेक्ट मैनेजर ने एमएमएमयूटी से रिपोर्ट मांगी है। 26 अक्टूबर को कमेटी ने लिया था चार्जिंग स्टेशन का जायजा निर्माणाधीन इलेक्ट्रिक चार्जिंग बस स्टेशन का 26 अक्टूबर को शासन की तरफ से गठित टीम ने जायजा लिया था। पानी होने के कारण कार्यस्थल पर 2.20 मीटर मिट्टी का भराव किया गया। लेकिन मौके पर जमीन दलदल होने की वजह से निर्माण कार्य में प्रॉब्लम आने लगी। इस दौरान कमेटी की तरफ से कैंपस में इंटरलाकिंग टाइल के स्थान पर आरसीसी करने का सुझाव दिया गया। सीएंडडीएस (जल निगम) ने एमएमएमयूटी प्रोफेसर्स से कार्यस्थल का निरीक्षण कर समस्या के समाधान के लिए रिपोर्ट देने को कहा है। एसीएस ने पीएमआई को दी थी चेतावनी


पीएम नरेंद्र मोदी के हरी झंडी दिखाने के एक माह बाद भी गोरखपुर में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन नहीं हो पाया है। पिछले दिनों एडिशनल चीफ सेक्रेटरी नगर विकास रजनीश दुबे ने बसों के संचालन के लिए जिम्मेदार कंपनी पीएमआई को इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग स्टेशन तैयार नहीं होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी थी। जानकरी के मुताबिक पीएमआई ने सिर्फ ट्रेंच का ही कार्य पूरा कर पाया है। अभी ट्रेंच पर स्लैब की ढलाई नहीं हो पाई है। साथ ही पैनल का भी कार्य अधूरा है। उधर, कंपनी का दावा है कि 15 से 16 नवंबर तक कार्य पूरा कर लिया जाएगा।तकनीकी प्रॉब्लम शहर में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन अभी तक शुरू नहीं हो पाने के लिए नगर निगम भी कम जिम्मेदार नहीं है। उसकी तरफ से की जाने वाली तैयारियां भी पूरी नहीं हैं। नगर निगम की ओर से बनाई जा रही सड़क का कार्य भी अभी तक पूरा नहीं है। उधर नगर निगम के अफसरों का दावा है कि जल्द ही कार्य पूरा हो जाएगा। वहीं, इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए तकनीकी प्रॉब्लम की भी आशंका जताई जा रही है। शहर की सड़कों पर दौडऩे के इंतजार में 15 दिनों से खड़ी हैं ई-बसें

गोरखपुर शहर में 25 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाना है। 15 दिन पहले नौसड़ बस स्टेशन पर 15 इलेक्ट्रिक बसें आ चुकी है। जो शहर के विभिन्न रूटों पर दौड़ेंगी, लेकिन सीएंडडीएस और पीएमआई का निर्माण कार्य पूरा न होने की वजह से अभी भी बसें ट्रकों के ऊपर शोपीस बनी हुई हैं। इस संबंध में चेतनक ट्रांसपोर्टर के ड्राइवर मौसम ने बताया, 14 से 15 दिन हो गए। लेकिन अभी तक बसों को ट्रक से उतारा नहीं गया है। न तो कोई जिम्मेदार इसे हैंडओवर ले रहा है। अब भी पता नहीं हैं कि यहां पर कितने दिन और लगेंगे। जब तक बसें उतर न जाएं और बेडे में खड़ी न हो जाएं। तब तक कुछ कहा नहीं जा सकता है। ये प्रॉब्लम बरकरार - चार्जिंग प्वाइंट बनकर तैयार नहीं हैं। - विद्युतीकरण का काम नहीं हुआ है। - बस स्टेशन कैंपस में आरसीसी नहीं हुई है।

Posted By: Inextlive