- रूसा के तहत फैसिलिटी बढ़ाने को मिले 7.8 करोड़ रुपए

- पहले ग‌र्ल्स फैसिलिटी पर होगा फोकस, इसके बाद यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग में होगा सुधार

- वहीं लैब सुधारने के अलावा डिमांड के मुताबिक किए जाएंगे वर्क

GORAKHPUR: डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स को अब फैसिलिटी के लिए तरसना नहीं पड़ेगा। वहीं उन्हें अब टॉयलेट जाने के लिए भी घर नहीं लौटना पड़ेगा। यूनिवर्सिटी ने इस बार रूसा से मिले फंड के जरिए ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स की फैसिलिटी को बढ़ावा देने की कवायद शुरू कर दी है। इसके पहले फेज में यूनिवर्सिटी में जिन-जिन फैकेल्टी में सेपरेट ग‌र्ल्स टॉयलेट नहीं है, वहां इसका निर्माण कराया जाएगा। वहीं जहां यह मौजूद है, वहां की व्यवस्था दुरुस्त कराई जाएगी। इसके लिए जिम्मेदारों ने खाका तैयार कर लिया है। रूसा के लिए बनी कमेटी की मीटिंग के बाद इस पर काम भी शुरू हो जाएगा।

7.8 करोड़ से बढ़ेंगी फैसिलिटी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी को इस बार रूसा के मद में सात करोड़ 80 लाख रुपए मिले हैं। इसमें सबसे प्रियॉरिटी पर ग‌र्ल्स की फैसिलिटी रखी गई है, उसमें भी सबसे ऊपर सेपरेट ग‌र्ल्स टॉयलेट है। यह वर्क कंप्लीट होने के बाद इस फंड के जरिए यूनिवर्सिटी के उन डिपार्टमेंट का कायाकल्प होगा, जहां बरसात के सीजन में पानी रिसता है और इससे क्लासेस और दूसरे रूम्स में पानी भर जाता है। इसकी वजह से स्टूडेंट्स को खासा परेशान होना पड़ता है।

रिपेयरिंग पर फोकस नहीं

यूनिवर्सिटी की ओर से तैयार किए गए प्रपोजल में इस बार इन विभागों की रिपेयरिंग के बजाए ऊपर नई बिल्डिंग के निर्माण पर फोकस होगा। इससे नीचे पानी आने की संभावना खत्म हो जाएगी और पानी रिसना भी खुद ब खुद बंद हो जाएगी। जहां पर काफी ज्यादा दिक्कत है, वहां थोड़ा बहुत मरम्मत कर उसके ऊपर नए रूम बना दिए जाएंगे। इससे विभाग को एक एक्स्ट्रा जगह भी मिल जाएगी, वहीं उनकी परमनेंट प्रॉब्लम का सॉल्युशन भी हो जाएगा।

डिपार्टमेंट से मांगा जाएगा प्रपोजल

रूसा को ऑर्डिनेटर की मानें तो सभी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के बाद भी अगर फंड बचता है, तो इसके बाद डिपार्टमेंट से प्रपोजल मांगा जाएगा। सभी विभागों से प्रपोजल मिलने के बाद वर्क प्रियॉरिटी तय की जाएगी, इसमें जहां सबसे ज्यादा जरूरी काम होगा, वहां पहले काम पूरा कराया जाएगा, इसी के अकॉर्डिग बाकी डिपार्टमेंट के काम पूरे होंगे। जरूरत पड़ने पर यूजीसी से और ग्रांट की डिमांड की जाएगी।

वर्जन

रूसा के मद में सात करोड़ 80 लाख रुपए मिले हैं। पहली प्रियॉरिटी ग‌र्ल्स फैसिलिटी बढ़ाने की है। इसमें भी ग‌र्ल्स के लिए सेपरेट टॉयलेट बनाने पर जोर है। इसके बाद विभाग में जरूरी वर्क कराए जाएंगे।

- प्रो। रजवंत राव, कोऑर्डिनेटर, रूसा

Posted By: Inextlive