सलाखों के पीछे भी इबादत को उठे हाथ
- मंडलीय जेल में बंदी भी बने रोजेदार
- सेहरी व इफ्तार का अलग से इंतजाम GORAKHPUR: मंडलीय कारागार में बंदियों के हाथ इबादत के लिए उठ रहे हैं। बंदी गुनाहों की माफी के लिए अल्लाह से तौबा करने में लगे हुए हैं। रमजान माह के पाक मौके पर बंदियों के रोजा रखने से जेल का माहौल बदला-बदला सा है। जेल प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि रोजेदार बंदियों के लिए सेहरी-अफ्तार का अलग से इंतजाम किया गया है। 125 बंदी रख रहे रोजाजेल के भीतर विभिन्न मामलों में बंद 125 बंदियों ने रोजा रखा है। बंदियों की सुविधा को देखते हुए जेल प्रशासन ने उनके खाने-पीने का अलग से इंतजाम किया है। जेल प्रशासन की अनुमति से बंदी अपना भोजन खुद पका रहे हैं। इसके लिए उनको अलग से संसाधन मुहैया कराए गए हैं। रमजान के पाक मौके पर जेल का माहौल भी बदला-बदला सा है। मजेदार बात यह है कि रोजेदार बंदियों के साथ जेल अधिकारी इसको लेकर काफी खुश हैं।
यह हुआ है इंतजाम सहरी -नींबू शरबत, मौसमी फल, चार बिस्कुट और दूध इफ्तार - दाल, चावल, रोटी-सब्जी सहित कई अन्य पकवान इतने बंदी रख रहे रोजा बंदियों की कुल तादाद - 1535महिला बंदी - 75
पुरुष बंदी - 1460 महिला बंदियों के बच्चे - 11 कुल रोजेदार - 125 पुरुष बंदी - 117 महिला बंदी - 08 हिंदू रोजेदार - 06 जेल में रोजा रखने वालों के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। उनको अलग से भोजन पकाने की व्यवस्था दी गई है। रोजेदारों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। शनिवार की शाम तक 125 बंदी रोजेदार थे। एसके शर्मा, वरिष्ठ जेल अधीक्षक