- पीडि़त महिलाओं और पुलिस के बीच बनाएगी कोआर्डिनेशन

- महिला सुरक्षा समिति दिलाएगी इंसाफ

- हर थाना, पुलिस चौकी क्षेत्र में शुरू हुआ कमेटी का गठन

GORAKHPUR: महिला दिवस करीब आने के साथ ही महिलाओं की फिक्र हर जगह नजर आने लगी है। जिले के हर थाने और पुलिस चौकी एरिया में महिला सुरक्षा समिति का गठन शुरू कर दिया गया है। महिलाओं की सुरक्षा, पीडि़तों की मदद और उनको त्वरित न्याय दिलाने के लिए कमेटी का गठन किया जा रहा है। साफ-सुथरी सामाजिक छवि वाली महिलाओं का चयन करके चौकी प्रभारी और थानेदार रिपोर्ट तैयार करेंगे। महिला सुरक्षा समिति से जुड़ी महिलाएं पुलिस और पीडि़त के बीच कोऑर्डिनेटर के रूप में काम करेंगी।

बात रखने के लिए थानों पर महिला हेल्पडेस्क

अक्सर थानों पर महिला उत्पीड़न की घटनाएं सामने आती हैं। कई बार ऐसा होता है कि उचित माध्यम न होने से महिलाएं अपनी बात नहीं रख पाती। इसलिए थानों पर महिला हेल्प डेस्क बना दिया गया है। महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए महिला सुरक्षा समिति का गठन किया जा रहा है। महिला उत्पीड़न की घटनाओं के त्वरित निस्तारण की जिम्मेदारी समिति की होगी। थानों के हेल्प डेस्क पर आने वाली शिकायतों के आधार पर काउंसिलिंग और अवेयरनेस कैंपेन चलाने की जिम्मेदारी कमेटी की होगी। पुलिस और पीडि़त के बीच संवाद स्थापित करने और उसे गुमराह होने से बचाने में भी कमेटी अहम भूमिका निभाएगी। कानून और पुलिस के सही पक्ष की जानकारी कमेटी के जरिए महिलाओं को दी जाएगी।

सजगता से किया जा रहा सेलेक्शन

- महिला सुरक्षा समिति में शामिल महिलाओं को लेकर पुलिस सजग रहेगी।

- महिला सदस्य को शामिल करने के पहले उनकी सोशल इमेज का ध्यान रखा जाएगा।

- थाना प्रभारी, चौकी इंचार्ज और बीट सिपाही संभावित सदस्यों के बारे में पूरी जानकारी जुटाएंगे।

- महिला सुरक्षा समिति में शामिल महिलाएं पुलिस और पब्लिक दोनों की मददगार होंगी।

इस तरह बनेगी महिला सुरक्षा समिति

- हर महिला सुरक्षा समिति में 10 से 15 महिलाएं शामिल की जाएंगी।

- पब्लिक की भरोसेमंद, अच्छी छवि की महिलाओं को सदस्य बनाएंगे।

- इनमें सोशल एक्टिविस्ट, प्रोफेसर, काउंसलर्स को भी शामिल किया जाएगा।

- महिला सुरक्षा समिति पीडि़त महिलाओं और पुलिस के बीच कोऑर्डिनेशन बनाएगी।

- पुलिस की संवादहीनता की स्थिति में सुधार होगा। महिलाएं खुलकर बात रख सकेंगीं।

- महिला सुरक्षा समिति की मदद से मनचलों और शोहदों पर लगाम कसी जाएगी।

- महिलाओं की समस्या को देखते हुए मिशन शक्ति योजना में तत्काल एक्शन लिया जाएगा।

- समिति की सदस्य महिलाओं से मिलकर उनके मामलों को सुलझाकर हक दिलाने में मदद करेंगी।

सभी थानों और पुलिस चौकियों पर महिला सुरक्षा समिति के गठन की प्रक्त्रिया शुरू कर दी गई है। एक बैठक बुलाकर समिति की जिम्मेदारी और गतिविधियों से अवगत कराया जाएगा।

जोगेंद्र कुमार, डीआईजी-एसएसपी

Posted By: Inextlive