मेल के साथ कदमताल कर रहीं फीमेल्स अब गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर नजर आने लगीं हैं. गाडिय़ां चलाने में भी अब उन्होंने आत्मनिर्भर बनने की ओर कदम बढ़ा दिया है. मार्केटिंग करनी हो या फिर बच्चों को स्कूल से लाना या छोडऩा हो उनकी दिनचर्या में शामिल हो गया है. तभी तो स्कूटी की तरफ उनका रूझान बढ़ा है. ड्राइविंग ट्रेनिंग केंद्र डीटीआई चरगांवा में डेली कुल 110 से 115 कैंडिडेट्स में 12 से 15 फीमेल ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने पहुंच रही हैं. इनमें से करीब दस से 12 फीमेल्स टू व्हीलर स्कूटी व स्कूटर का ही लाइसेंस बनवा रही हैं. तीन से पांच फीमेल ही एलएमवी के लिए ड्राइविंग का टेस्ट देती हैं.


गोरखपुर (ब्यूरो).फीमेल्स का ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के प्रति इंट्रेस्ट बढ़ा है। साल 2020 के कोविड काल का छोड़ दिया जाए तो 2018 से हर साल लाइसेंस बनवाने वाली फीमेल्स की तादाद बढ़ रही है। 2018 में कुल 20882 लाइसेंस में से 1566 फीमेल्स ने बनवाया, जबकि 2021 में 31745 लाइसेंस में 3121 फीमेल्स ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया है। यानी, पिछले चार साल में लाइसेंस बनवाने वाली फीमेल्स की संख्या दोगुनी हो गई है। जानकारों का कहना है कि लाइसेंस बनवाने में मेल के सापेक्ष फीमेल्स की संख्या महज करीब 10 परसेंट है। यह संख्या बहुत कम है। लगातार बढ़ रही टू व्हीलर व फोर व्हीलर


लाइसेंस बनवाले वाले मेल और फीमेल्स के साथ जिले में टू व्हीलर और फोर व्हीलर की संख्या भी बढ़ रही है। वर्ष 2018-19 में आरटीओ में 8,25,890 टू व्हीलर और 50,694 फोर व्हीलर रजिस्टर्ड थीं। वर्ष 2020-21 में रजिस्टर्ड टू व्हीलर की संखय 9,77,424 और फोर व्हीलर की संख्या 69,585 हो गई है। जिले में ऐसे बढ़ी फोर व्हीलर व टू व्हीलर वर्ष फोर व्हीलर टू व्हीलर 2018-19 50694 825890

2019-20 58413 9032082020-21 65408 9536842021-22 69585 977424 फीमेल ड्राइविंग लाइसेंस का वर्षवार आंकड़ा वर्ष फीमेल के लिए जारी लाइसेंस कुल जारी लाइसेंस 2018 1566 208822019 3218 378952020 2835 31541

2021 3121 31745गोरखपुर मंडल में वाहनों की संख्या जिला टू व्हीलर फोर व्हीलर ई रिक्शा आटो रिक्शा गोरखपुर 988575 86827 3765 17844महराजगंज 328476 5970 753 3394देवरिया 466256 20727 3020 7205कुशीनगर 408941 32612 1125 6620नोट-गोरखपुर आरटीओ में रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या का आंकड़ा 31 मई 2022 तक का.सरकार के मिशन शक्ति अभियान के तहत फीमेल्स को सहूलियत दी जाती है। समय-समय पर कैंप लगाकर एक ही पटल पर ड्राइविंग लाइसेंस दिए जाते हैं साथ ही उन्हें अवेयर भी किया जाता है।
- राघव कुशवाहा, आरआई, डीटीआई चरगांवा

Posted By: Inextlive