लखनऊ के होटल में हुई आगजनी जैसी सूरत गोरखपुर में कभी भी देखने को मिल सकती है. सिटी के चुनिंदा होटलों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर होटल रेस्टोरेंट व मैरिज हाल आग लगने की स्थिति में अपने कस्टमर्स की जान बचाने में सक्षम नहीं हैं. दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम ने शहर के होटल्स में आग से सुरक्षा के इंतजामों की पड़ताल की तो चौंकाने वाली हकीकत सामने आई है. हार्ट ऑफ सिटी के लगभग दर्जनभर होटल्स के अलावा कहीं भी आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं.


गोरखपुर (ब्यूरो).ज्यादातर संचालकों ने विभागों से एनओसी के लिए अप्लाई ही नहीं किया है। हद तो ये है कि शहरभर मेें 500 से अधिक होटल्स और मैरिज हाल हैं। इनमें 140 से अधिक टूरिज्म डिपार्टमेंट के रिकॉर्ड में दर्ज हैं। विभाग ने पत्र लिखकर पर्यटन विभाग से होटल्स की सूची मांगी है।शोपीस हैं अग्निशमन यंत्र


दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की पड़ताल में सामने आया कि सिटी के ज्यादातर होटलों में न तो आग बुझाने के लिए इंतजाम हैं और न ही सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था। ज्यादातर होटल-रेस्टोरेंट नियम-कायदों को ताक पर रख चल रहे हैं। ऐसे में अगर यहां आग लगी तो बड़े हादसे की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। शहर के कुछ बड़े होटल्स को छोड़ दिए जाए तो ज्यादातर होटलों व मैरिज हॉल में लगे अग्निशमन यंत्र सिर्फ शो-पीस बनकर रह गए हैं। इन होटल व मैरेज हाउस में फायर सेफ्टी के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। 50 परसेंट ने नहीं ली एनओसी

अग्निशमन विभाग के पास तो शहर में होटल व मैरिज हाउस की डिटेल तक नहीं हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक करीब 50 परसेंट होटल संचालकों ने एनओसी नहीं ली है। पर्यटन विभाग के मुताबिक इसे लेकर पत्र लिखकर सभी होटलों, रेस्टोरेंट और मैरिज हॉल में फायर सेफ्टी मानक के साथ-साथ संचालकों व स्टाफ के लिए मॉकड्रिल कराने की बात भी कही गई थी, लेकिन इसका पालन नहीं किया जा रहा है। किचन में नहीं हैं अग्निशमन यंत्रकई होटल और रेस्टोरेंट और मैरिज हाल घनी आबादी के बीच स्थित है। इन होटल, रेस्टोरेंट और मैरिज हाल में खुलेआम गैस सिलेंडर को चूल्हे के पास रखकर खाना बनाया जाता है। लेकिन यहां अग्निशमन यंत्र तक की व्यवस्था नहीं होती है। यहां आग से बचाव केलिए अन्य उपायों पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में अगर आग लग जाए तो बड़ी संख्या में लोगों की जान जा सकती है। एक नजर में आगजनी की घटनाएं - 5 जनवरी 2022 में जमाल होजरी रेती में आग लगी।- 8 जनवरी को गीडा के सेक्टर-13 स्थित क्रेजी ब्रेड फैक्ट्री में सैकड़ों मजदूर फंस गए, दो मजदूरों ने छत से कूद कर जान बचाई। 100 मजदूरों को सीढ़ी के सहारे बाहर निकाला गया।- 5 अप्रैल 2022 बलदेव प्लाजा में कपड़े की दो दुकानों में आग लगी।- 30 जुलाई 2022 गीडा की प्लाई फैक्ट्री में आग लग गई थी। इस दौरान 100 मजदूरों को रेस्क्यू कर निकाला गया। - 21 अगस्त 2021 को जेमिनी अपार्टमेंट में आग लग गई थी।

- 2019 में अंबेडकर चौक पर मॉर्ट में आग लग गई थी। इसके अलावा सिटी मॉल में कपड़े के शोरूम में आग लग गई थी। इन सभी घटनाओं में काफी आर्थिक क्षति हुई लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई। शहर में होटल, रेस्टोरेंट व मैरिज हाउस 500 पर्यटन विभाग के रिकॉर्ड में होटल 140 होटल संचालकों ने नहीं ली है एनओसी-50 परसेंट रेलवे स्टेशन स्थित ज्यादातर होटल संचालकों ने एनओसी नहीं ली है। बड़े होटल्स में सभी के मानक पूरे हैं। कई होटल घनी आबादी में हैं। उसकी चेकिंग कराई जा रही है। साथ ही पर्यटन विभाग को पत्र लिखकर होटल, रेस्टोरेंट और मैरिज हाल की लिस्ट मांगी गई है। साथ ही सभी जगहों पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। डीएके सिंह, अग्निशमन अधिकारी

Posted By: Inextlive