गोरखपुर में पांच हजार, जोन में साढ़े 11 हजार मुकदमे पेडिंग

जल्द निस्तारण से पब्लिक को मिलेगी राहत, शुरू होगा ट्रायल

GORAKHPUR: लॉकडाउन खत्म होने के बाद मुकदमों की विवेचना का दबाव थानेदारों पर बढ़ गया है। क्राइम मीटिंग में पुलिस अधिकारी सख्ती के साथ पेडिंग मामलों के निस्तारण के निर्देश दे रहे हैं। विवेचना पूरा करने के दबाव में इंस्पेक्टर और दरोगा हांफने लगे हैं। तीन माह से जहां-तहां पड़ी फाइलें खंगाली जा रही है। एडीजी जोन का कहना है कि हर जिले में लंबित विवेचनाओं को निस्तारित कराने का निर्देश एसएसपी और एसपी को दिया गया है। मानीटरिंग आईजी- डीआईजी कर रहे हैं। लापरवाही सामने आने पर कार्रवाई तय है। गोरखपुर में मई तक पांच हजार 88 मामले पेडिंग थे। जबकि, पूरे जोन में 11 हजार 697 मुकदमों की विवेचना लंबित है।

परेशान होकर भटक रहे दरोगा

लॉकडाउन के दौरान पुलिस के कामकाज का तरीका बदल गया था। थानों के रूटीन काम के अतिरिक्त पुलिस बैरियर- चेकपोस्ट की ड्यूटी, जरूरतमंदों की मदद और कोरोना संक्रमण रोकने के लिए चल रहे अभियानों में भागीदारी निभा रही थी। इस दौरान कोर्ट-कचहरी बंद होने से मुकदमों के निस्तारण से संबंधित काम भी प्रभावित हुए। अनलॉक होने पर धीरे-धीरे व्यवस्था बदलने लगी तो पुलिस भी अपने पुराने ढर्रे पर लौट पड़ी। अनलॉक में अपराधियों के ज्यादा सक्रिय होने की आशंका में क्राइम मीटिंग कर कार्रवाई की हिदायत दी जा रही है। हाल के दिनों में हुई मीटिंग में पेडिंग मुकदमों के निस्तारण को लेकर सख्ती बरती गई है। इस कारण तमाम दरोगा परेशान होकर भटक रहे हैं। अन्य कामों की व्यस्तता का हवाला देते हुए यह कह रहे है कि इस हाल में परचा कैसे काट दिया जाए। इनमें ज्यादातर नए बैच के सब इंस्पेक्टर शामिल हैं जो लिखा-पढ़ी में माहिर नहीं हो पाए हैं।

इस वजह से परेशान विवेचक

-सभी थानों में दर्ज मुकदमों का निस्तारण का दबाव विवेचक पर पड़ रहा है।

- बड़े थानों में हर दरोगा के पास 20 से 25 मामलों की जांच पेडिंग है।

- विवेचना के लिए सबूत जुटाने से लेकर नक्शा तैयार करने की जरूरत पड़ती है।

- कई मामलों में विवेचकों को विधिक राय की आवश्यकता होती है।

- कुछ विवेचकों ने पुराने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की, इससे नए सिर से जांच हो रही।

- कार्य व्यवहार की शिकायत होने से इंस्पेक्टर, एसओ और चौकी इंचार्ज के ट्रांसफर लगातार हो रहे हैं।

पब्लिक को मिलेगा फायदा

- मुकदमों में चार्जशीट लगने से कोर्ट में ट्रायल शुरू हो सकेगा।

- फाइनल रिपोर्ट लगने पर पेडिंग पड़े मुकदमे खत्म हो सकेंगे।

- न्याय के लिए भटक रहे पीडि़त अपने मामले की पैरवी कोर्ट में कर सकेंगे।

- पीडि़तों को बेवजह थानों और पुलिस चौकियों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।

जिले कुल मुकदमे चार्जशीट फाइनल रिपोर्ट पेडिंग मामले

गोरखपुर 5912 777 47 5088

देवरिया 2653 1439 117 1097

कुशीनगर 3178 1675 358 1145

महराजगंज 2106 1845 69 552

फैक्ट फीगर

जोन के सभी जिलों में कुल मुकदमे - 27091

कोर्ट की विवेचना में चार्जशीट- 13819

मुकदमों में कुल लगी फाइनल रिपोर्ट- 1575

मई पेडिंग कुल मामलों की तादाद- 11697

पेडिंग मुकदमों के निस्तारण का निर्देश सभी जिलों के एसएसपी-एसपी को दिया गया है। समीक्षा के दौरान पाया गया कि मुकदमों के निस्तारण को लेकर विवेचक गंभीर नहीं है। इसलिए समय-समय पर इसकी रिपोर्ट तलब की जा रही है। इसका असर भी सामने आने लगा है।

दावा शेरपा, एडीजी जोन

Posted By: Inextlive