नैक की पूर्व सलाहकार डॉ. के रमा ने कहा है कि जो संस्थान अब नैक मूल्यांकन नहीं कराएंगे वह बंद हो जाएंगे. इस पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री का पूरा फोकस है. नैक मूल्यांकन से डरने की जरूरत नहीं है. सभी के पास डाटा उपलब्ध है जरूरत उसे तरीके से प्रस्तुत करने की है. कोई भी संस्थान ऐसा करके नैक मूल्यांकन के लक्ष्य को हासिल कर सकता है. नैक का मतलब संबद्धता लेना नहीं है बल्कि अपने संस्थान की गुणवत्ता का मूल्यांकन करवाना है. डॉ. रमा गुरुवार को विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के कमेटी हाल में आयोजित बैठक में नैक मूल्यांकन को लेकर दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर के संकायाध्यक्षों और विभागाध्यक्षों का मार्गदर्शन कर रही थीं.


गोरखपुर (ब्यूरो).के। रमा ने कहा कि मूल्यांकन में नैक के सभी सात मापदंडों को गंभीरता से लेना होगा। यदि सभी मापदंडों का आधा भी पूरा कर लेंंगे तो अच्छी ग्रेड मिल सकती है। नैक मूल्यांकन के लिए कालेजों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर वह ऐसा नहीं करेंगे तो आने वाले समय में एक कालेज छोड़कर दूसरे कालेज में जाने पर विद्यार्थियों का क्रेडिट ट्रांसफर नहीं होगा।सभी कॉलेजों को भेजा जाएगा लेटर
कुलपति प्रो। राजेश सिंह ने बताया कि अगले महीने विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से एक पत्र कॉलेजों को भेजा जाएगा, जिसके जरिए नैक मूल्यांकन को लेकर उनकी योजना की जानकारी ली जाएगी। जो कॉलेज नैक मूल्यांकन कराएंगे, उन्हें परीक्षा केंद्र और मूल्यांकन सहित अन्य कार्यों में प्राथमिकता दी जाएगी। प्रो। सिंह ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत आने वाले समय में फंड, प्रमोशन, मूल्यांकन सभी के लिए नैक अनिवार्य होने जा रहा है। बैठक में आभार ज्ञापन प्रो। अजय सिंह ने किया।

Posted By: Inextlive