डेंगू और मलेरिया से बचना है तो आपको खुद ही सजग रहना होगा. ऐसा इसलिए कि नगर निगम बारिश का सीजन शुरू होने के बाद भी बेफिक्र होकर बैठा है. अगर आप अब भी निगम की ओर से फॉंिगग या छिड़काव का इंतजार कर रहे हैं तो डेंगू मलेरिया की चपेट में आना तय है. नगर निगम के कागजों में तो रोजाना फॉगिंग मशीनें कभी इस वार्ड तो कभी उस वार्ड में दौड़ रही हैं लेकिन हकीकत में अब तक लोगों का इससे सामना नहीं हुआ है. खुद निगम के पार्षद भी फॉगिंग और छिड़काव से इनकार कर रहे हैं. उनका कहना है कि 70 वार्ड के लिए पचास कर्मियों की टीम लगाई गई है. दावा है कि ये कर्मी सुबह और शाम वार्डों में फॉगिंग और छिड़काव कर रहे हैं लेकिन अब तक कहीं ऐसा कहीं नजर नहीं आया है. ये हाल तब है जब डेंगू का एक मरीज भी चुका है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। बरसात के दिनों में जगह-जगह वॉटर लॉगिंग हो जाती है। इससे डेंगू और मलेरिया के केस तेजी से सामने आने लगते हैं। इस बरसात में डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं। इसमें एक गगहा की एक बच्ची शामिल है। स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तरफ से लगभग सभी तैयारियां कर ली हैं। जिला अस्पताल और बीआरडी में अलग वार्ड भी बनाया गया है। बीआरडी में कई मरीज भी भर्ती है। लेकिन निगम के जिम्मेदारों की अब तक नींद नहीं खुली है।रोज छिड़काव व फॉगिंग का दावा संक्रमण विभाग के अनुसार फॉगिंग, छिड़काव में लगे कर्मी रोज अलग-अलग वार्ड में जाते हैं। नाले नालियों में छिड़काव के साथ वार्ड में फॉंिगग करते हैं। वहीं संचारी रोग अभियान के तहत मलिन बस्तियों में भी छिड़काव व फॉगिंग कराई जा रही है। कंट्रोल रूम में दर्ज करा सकते हैं शिकायत


निगम के जिम्मेदारों का कहना है कि जो लोग जागरुक हैं, वे नगर निगम के कंट्रोल रूम में फॉगिंग और छिड़काव न होने की शिकायत करते हैं। इस पर कंट्रोल रूम से संक्रमण विभाग को जानकारी दी जाती है। इसके बाद टीम फॉगिंग और छिड़काव के लिए जाती है। हालांकि लोगों में जानकारी न होने से अभी काफी कम शिकायतें कंट्रोल आ रही हैं।

इतनी है फॉगिंग मशीनें

साइकिल वाली 25 फॉगिंग मशीनदो बड़ी गाडिय़ां फॉगिंग मशीनफॉगिंग, छिड़काव में ये हो रहा है इस्तेमालफॉगिंग में डीजल और मैलाथियान लिक्विड का इस्तेमाल किया जा रहा है। एंटी लार्वा के छिड़काव के लिए डेमीफॉक्स और डस्टिंग में चूना, मैलाथियान का यूज हो रहा है। प्रत्येक वार्ड में टीम से फॉगिंग और छिड़काव कराया जा रहा है। जिस वार्ड में कर्मी जाते हैं, वहां फॉगिंग और छिड़काव के बाद पार्षदों से हस्ताक्षर कराकर लौटते हैं। ग्रुप में फोटो भी डालते हैं। - अविनाश सिंह, नगर आयुक्त पार्षद बोलेवार्ड 70 के पार्षद संजीव सिंह सोनू ने बताया कि उनके वार्ड में फॉगिंग और छिड़काव नहीं हो रहा है। अभी तक किसी फॉगिंग और छिड़काव वाले कर्मी ने संपर्क नहीं किया। वार्ड में मच्छरों का अंबार है, खुद के बजट से फॉगिंग कराई जा रही है। वार्ड 18 के पार्षद पति राकेश निषाद ने बताया कि उनके वार्ड में फॉगिंग, छिड़काव नहीं हो रहा है। कोई टीम नहीं आ रही है। मच्छरों का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। कई बार कहा जा चुका है, लेकिन छिड़काव के लिए टीम नहीं पहुंच रही है।
वार्ड 17 के पार्षद अभिमन्यु ने बताया कि कहीं भी फॉगिंग और छिड़काव नहीं हो रहा है। मच्छरों का प्रकोप चरम पर है। अब तो नगर निगम से चूना, मैलाथियान भी नहीं मिल रहा। पहले मिल जाता था। वार्ड 32 के पार्षद अभिषेक निषाद ने बताया कि उनके वार्ड में मच्छरों का अंबार है। कहीं भी फॉगिंग और छिड़काव नहीं हो रहा है। महीने में कभी टीम आ जाए तो गनीमत है। नगर निगम के उपसभापति ऋषि मोहन ने बताया कि उनके वार्ड में फॉगिंग और छिड़काव हो रहा है। कर्मी समय-समय पर आते हैं। जब भी लोगों की शिकायत होती है तो टीम बुलाई जाती है।

Posted By: Inextlive