- बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी डॉक्यूमेंट पर टीचर बने चार टीचर को किया बर्खास्त

-अब बर्खास्त टीचर्स की संख्या बढ़कर हो गई 65

GORAKHPUR: फर्जी गुरुजी पढ़ाने में भले कमजोर हैं लेकिन उनके शातिराना अंदाज बड़े बड़ों को धोखा दे देगा। प्राइमरी स्कूल जंगल रसूलपुर के हेड टीचर रामजीत यादव को ही देख लिजिए। रामजीत इतने शातिर थे कि उन्होंने गोरखपुर यूनिवर्सिटी के रूपेश कुमार की ग्रेजुएशन की मार्कशीट को फर्जी ढंग से अपने नाम से तैयार कर खुद बेसिक शिक्षा विभाग में टीचर बन गए। अब जब चोरी पकड़ी गई तो गायब हो गए। शुक्रवार को बीएसए ने ऐसे चार टीचर की सेवा समाप्त की, जिन्होंने फर्जी डॉक्यूमेंट पर नौकरी हासिल की थी।

जांच में हुआ खुलासा

बेसिक शिक्षा विभाग में सभी टीचर्स के डॉक्यूमेंट की जांच चल रही है। इसी कड़ी में आए दिन एक नया खुलासा हो रहा है। शुक्रवार को एसटीएफ का लेटर आने के बाद शिक्षा विभाग ने जंगल रसूलपुर नंबर 2 के हेड टीचर रामजीत यादव के ग्रेजुएशन की मार्कशीट की जांच कराई। जिसमें खुलासा हुआ कि रामजीत दूसरे की मार्कशीट पर फर्जी ढंग से अपना नाम चढ़ा लिए थे। इस आधार रामजीत पर कार्रवाई करते हुए बीएसए ने उनकी सेवा समाप्त कर दी। अब रामजीत के खिलाफ एफआईआर कर वेतन रिकवरी की जाएगी।

ये टीचर भी बर्खास्त

प्राइमरी स्कूल चिल्लूपार के हेड मास्टर राम सहाय यादव से सभी डॉक्यूमेंट मांगे गए थे। इसके बाद से ही राम सहाय गायब हो लिए और उन्हें बीएसए ने निलंबित कर जांच शुरू की। 1996 में गोला के प्राइमरी स्कूल भरवल में राम सहाय की सहायक टीचर के रूप में नियुक्ति हुई थी। इसके बाद राम सहाय के सीपीएड अंक पत्र की जांच हुई तो पता चला कि ये फर्जी है। इसके बाद बीएसए ने राम सहाय को बर्खास्त कर दिया।

डॉक्यूमेंट मिले फर्जी

प्राइमरी स्कूल महुअवां बुजुर्ग के हेड मास्टर सुरेश कुमार की हाई स्कूल और इंटर की मार्कशीट फर्जी पाई गई। इस आधार पर बीएसए ने सुरेश कुमार की सेवा समाप्त कर दी। इसी तरह प्राइमरी स्कूल नदुआ ज्ञानपान के हेड मास्टर गामा प्रसाद बीटीसी की मेरिट सूची में हेरफेर कर नौकरी हासिल की थी। इसका खुलासा होने के बाद बीएसए ने गामा प्रसाद को बर्खास्त कर दिया।

वर्जन-

चार टीचर के डॉक्यूमेंट जांच में फर्जी मिले हैं। इन टीचरों को बर्खास्त कर दिया गया है। अब इनके ऊपर एफआईआर दर्ज कराकर वेतन रिकवरी की जाएगी।

बीएन सिंह, बीएसए

Posted By: Inextlive