शहर में इधर ऑफलाइन अपराध की रफ्तार कुछ कम हुई है लेकिन साइबर क्राइम ने अपने पांव तेजी से पसारे हैं. हर दिन साइबर क्राइम थाने पर जोन भर से 15 से अधिक फ्रॉड के केस आ रहे हैं. साइबर क्राइम थाने की टीम ने ऑनलाइन फ्रॉड कर हड़पी गई रकम में से 1 करोड़ रुपए तक की रकम वापस भी कराई लेकिन इस अपराध में इनवॉल्व एक भी जालसाज को पुलिस अरेस्ट नहीं कर पाई है. पुलिस की मानें तो राजस्थान से सेक्सटॉर्शन और जामताड़ा से कस्टमर केयर बनकर जालसाज पब्लिक को चुना लगा रहे हैं.


गोरखपुर (ब्यूरो).देश में साइबर अपराध का सबसे बड़ा अड्डा इस समय पश्चिम बंगाल का 24 परगना है। झारखंड के जामताड़ा से लेकर राजस्थान, दिल्ली तक बैठे साइबर अपराधियों को वह फर्जी सिम व खाते अवेलेबल कराता है। उसके बाद ये अपराधी बड़े पैमाने पर लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। गोरखपुर में भी रोजाना तीन से चार व्यक्ति साइबर अपराध का शिकार हो रहे हैं। साइबर अपराधियों से निपटने के लिए जिले में साइबर थाना सहित कुल 30 टीमें हैं, लेकिन अभी तक यह पश्चिम बंगाल, जामताड़ा, दिल्ली, राजस्थान के किसी साइबर अपराधी को नहीं पकड़ सकी हैं।वापस भी कराए जा रहे रुपए
सहजनवां क्षेत्र के एक व्यक्ति से शेयर मार्केटिंग में सुझाव के नाम पर 7.66 लाख रुपए की ठगी हो गई। साइबर थाने की टीम के प्रयास से पीडि़त के रुपए तो मिल गए, लेकिन जालसाज नहीं पकड़ा गया। साइबर थाने के मुताबिक जालसाज ने मध्य प्रदेश से घटना को अंजाम दिया था। तीन दिन पूर्व साइबर सेल की टीम ने ठगी के शिकार हुए तीन व्यक्तियों के खाते मेें 68 हजार रुपए वापस कराया, लेकिन जालसाज नहीं पकड़ा गया। अलग-अलग तरीके से करते क्राइम


साइबर थाने में इस समय करीब 45 मुकदमे दर्ज हैं। थाने में अब तक 380 से अधिक प्रार्थना पत्रों को देखा जा चुका है। इसमें से अधिकांश मामलों का कनेक्शन पश्चिम बंगाल से है। साइबर विशेषज्ञों का मानना है कि साइबर अपराधियों के अपराध करने के तरीके अलग-अलग हैं। जामताड़ा के अपराधी लोगों के पास कस्टमर केयर के एजेंट बनकर कॉल करते हैं और ठगी करते हैं। राजस्थान के अपराधी लोगों को सेक्सटॉर्शन के नाम पर अपने झांसे में लेते हैं और ठगी करते हैं।रिटायर्ड पुलिस कर्मी भी बने शिकारएसटीएफ लखनऊ व वाराणसी ने पश्चिम बंगाल के तीन ऐसे गैंग को पकड़ा है, जो सिर्फ पुलिस पेंशनरों को निशाना बनाते थे। उनके तमाम शिकार गोरखपुर जिले में भी मौजूद हैं। यहां भी करीब आधा दर्जन सेवानिवृत्त पुलिस कर्मी इस गैंग का निशाना बन चुके हैं। उनके साथ करीब 70 लाख रुपए की ठगी हो चुकी है, लेकिन गोरखपुर साइबर थाने की टीम अभी तक ऐसे किसी गिरोह को नहीं पकड़ सकी है। साइबर थाना व साइबर सेल की टीम अच्छा काम कर रही है। बड़े पैमाने पर लोगों के रुपए वापस कराए गए हैं। कई मामलों में अपराधी विदेश में बैठा होता है। वहां मैसेज व मेल करने का कोई उचित रेस्पांस ही नहीं मिलता, इससे टीमों को अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाती है।

इंदुप्रभा सिंह, एसपी क्राइम फैक्ट फाइल45 केस साइबर थाने में दर्ज हैं380 कंप्लेन थाने में आई हैं1 करोड़ रुपए वापस कराने का दावा

Posted By: Inextlive