-फिर एक्टिव हुए हैं जालसाल, बेरोजगारों को लगा रहे चूना

-रेलवे का नकली विज्ञापन निकालकर बेरोजगारों से ठगी

-पहले भी आ चुके हैं कई मामले, विजिलेंस को सौपीं गई जांच

केस - 1

पिछले हफ्ते से कुछ युवा एक कंपनी का विज्ञापन लेकर आईआरसीटीसी के अधिकारियों के पास घूम रहे हैं। इसमें रेलवे में 20 साल के अनुबंध पर टीसी, बुकिंग क्लर्क, गुड्स गार्ड, ट्रैकमैन, गैंगमैन, प्वाइंटमैन, कीमैन और चपरासी आदि पदों पर भर्ती कराने का दावा कर रहे हैं। जालसाजों की गोल लिमिटेड नाम की एक कंपनी बनाकर रेलवे के 22 श्रेणियों में तीन हजार पदों पर नियुक्ति कर रही है। बता दें, रेलवे में इन पदों पर रेलवे भर्ती बोर्ड के अलावा अन्य कोई दूसरा विभाग या संस्था तैनाती कर ही नहीं सकती। जबकि बीते दिसंबर में कुछ युवा गोरखपुर स्टेशन पर आईआरसीटीसी का फर्जी ज्वाइनिंग लेटर लेकर पहुंच गए थे।

केस - 2

जुलाई 2019 में औडि़हार डेमू शेड में सीधी भर्ती के नाम पर वसूली कर रहे थे। रेलवे ऑफिसर्स ने पब्लिक नोटिस जारी करते हुए भर्ती के लिए इंटरेस्टेड कैंडिडेट्स को अलर्ट किया। अधिकारियों ने नोटिस के जरिए बताया कि एनई रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन की नोटिस में यह बात आई है कि कुछ अराजक तत्वों ने www.aunrihar.in से एक फेक वेबसाइट बनाई गयी है, जिसमें औडि़हार डेमू शेड में सीधी भर्ती प्रॉसेस का लालच देकर ऑनलाइन पेमेंट की मांग की जा रही है। इस मामले में फर्जी वेबसाइट के खिलाफ वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी वाराणसी राहुल श्रीवास्तव ने जालसाजी व आईटी एक्ट के तहत वाराणसी जिले के सिगरा थाने में बीते 17 जुलाई को एफआईआर भी दर्ज कराई थी।

यह दो केस तो एग्जाम्पल भर हैं। ऐसे ढेरों केस हैं, जिसमें जालसाजों के निशाने पर सीधे-सीधे यूथ और बेरोजगार हैं। जालसाज हर बार उन्हें लूटने का एक नया तरीका ढूंढ ही लेते हैं। रेलवे के जिम्मेदारों तक जब यह मामला पहुंचा है तो इसकी जांच की गई है, इसमें कुछ पकड़े गए वही कुछ फरार होने में कामयाब रहे। पकड़े गए जालसाजों के पास से बोर्ड और संबंधित विभागों का लेटर भी मिला, लेकिन इसके बाद भी कोई बड़ा एक्शन नहीं लिया गया। रेलवे से जुड़े सोर्सेज की मानें तो जालसाज रेलवे में धीमी नियुक्ति प्रक्रिया का फायदा उठा रहे हैं। जालसाज 'अब आईआरसीटीसी और निजी कंपनियां ही रेलवे चलाएंगी और इसके लिए अंदर-अंदर भर्ती भी शुरू हो चुकी है' यह कहकर जालसाज बेरोजगारों को चूना लगा रहे हैं। जालसाज इसके लिए तीन से पांच लाख रुपए वसूल रहे हैं।

सोशल मीडिया पर भी शिकायतों की भरमार

रेलवे में नियुक्ति का झांसा देने वाले शातिरों की शिकायत सोशल मीडिया पर पीएमओ व रेलवे मिनिस्ट्री तक से हुई है। इसमें बकायदा उन्होंने जालसाजों की ओर से जारी लेटर्स भी अपलोड किए हैं। लास्ट ईयर एक वीडियो भी शेयर किया गया था, जिसमें ऑनलाइन एग्जाम में कैंडिडेट्स के साथ कुछ और लोग वहीं जमे हुए हैं और धड़ल्ले से नकल करा रहे थे। शिकायतकर्ता ने पीएम मोदी को भी टैग करते हुए लिखा है कि 'रेलवे ग्रुप डी की परीक्षा में अभिभावक भी केंद्र पर परीक्षा दिलवा रहे हैं, वह भी मोबाइल फोन के साथ.' इस मामले की सूचना के बाद जिम्मेदारों ने जांच शुरू की थी।

सेंधमारों पर कसा था शिकंजा

रेलवे ग्रुप डी एग्जाम में सेंधमारी करने वाले शातिर शुरू से ही एक्टिव हैं। एनईआर जोन के 46 सेंटर्स पर सितंबर 2018 में हुए एग्जाम में 10 सॉल्वर पकड़े गए थे, सभी सॉल्वर बिहार के रहने वाले थे। 10 सॉल्वर्स में से 4 गोरखपुर से पकड़े गए थे। इसमें 19 सितंबर को पिपराइच रोड स्थित सर्वोदय ऑनलाइन सेंटर के गेट पर अभिषेक नाम का सॉल्वर धरा गया था, जबकि रेलवे स्टेशन के सामने से राजीव और विशाल को धर-दबोचा गया। वहीं 23 सितंबर को राजीव कुमार को बशारतपुर स्थित इंदिरा ऑनलाइन सेंटर से गिरफ्तार किया गया।

रखें ध्यान -

- रेल भर्ती बोर्ड परीक्षाओं में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी तरह कम्प्यूटराइज है तथा उम्मीदवारों के योग्यता पर बेस्ड है।

- रेलवे भर्ती बोर्ड कभी भी एजेंट्स या कोचिंग सेंटर्स को अपने लिए नामित नहीं करता है।

- सिर्फ रेल भर्ती बोर्ड की अधिकारिक वेबसाइट और रेल भर्ती बोर्ड की ओर से जारी विज्ञापन पर ही भरोसा करें।

- दलालों और जाब रैकेटर्स से सावधान रहें

- रेलवे भर्ती बोर्ड की अधिकारिक वेबसाइट से मिलती-जुलती वेबसाइट्स पर भी खास ध्यान दें।

- किसी तरह का संदेह होने पर नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं।

- अगर कोई परेशानी हो तो इसके लिए रेलवे हेल्प लाइन नंबर्स का इस्तेमाल करें।

बॉक्स -

गोरखपुर में हो चुके हैं कई केस

गोरखपुर में नौकरी के नाम पर ठगी के पहले भी मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें बेरोजगारों और उनके घर वालों की मेहनत की कमाई शातिरों ने ठग ली। इसमें बिछिया रेलवे कॉलोनी में रहने वाले राम ध्यान ने नौकरी दिलाने के लिए गांव के पांच लोगों को करीब पौने छह लाख रुपए दे दिए। उन्होंने रेलवे में काम करने वाले एक व्यक्ति को यह रुपए दिए, लेकिन न तो नौकरी मिल सकी और न ही पैसा। वहीं चौरी चौरा की रहने वाली लड़कियों से टीटीई ने नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे ऐंठ लिए थे, लेकिन उनको नौकरी नहीं मिल सकी। इतना ही नहीं रेलवे की विजिलेंस टीम ने भी रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले रैकेट का भांडाफोड़ किया था, यह गिरोह तो बकायदा ज्वाइनिंग लेटर तक दे देता था। मामला तब खुला जब जीएम ऑफिस में एक साथ कई लोग फर्जी लेटर लेकर ज्वाइनिंग करने के लिए पहुंचे। बाद में विजिलेंस ने इसका इंवेस्टिगेशन किया।

नियुक्तियों से संबंधित जानकारी नॉर्मली रोजगार समाचार पत्र के जरिए दी जाती है। इसके साथ ही एनई रेलवे की ऑफिशियल वेबसाइट ner.indianrailways.gov.in पर भी सभी सूचनाएं उपलब्ध रहती हैं। किसी भी तरह के फर्जीवाड़े या भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायत विजिलेंस विभाग के नंबर 0551-155210 पर की जा सकती है।

- पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे

Posted By: Inextlive