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-दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के स्टिंग में सामने आई हकीकत

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लॉकडाउन के बाद जॉब सेक्टर में एक टर्म सबसे ज्यादा चर्चित हुआ, वर्क फ्रॉम होम। फिलहाल फ्रॉड इस वर्क फ्रॉम होम का लालच देकर लोगों को चूना लगा रहे हैं। इस संबंध में कई शिकायतें सामने आने के बाद दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने इसका सच जानने का फैसला किया। जब हमारे रिपोर्टर ने एक नीडी बनकर दिए गए नंबर पर कॉल किया तो कुछ यूं आई जॉब के नाम पर फ्रॉड की कहानी।

ऐसे हुई बात

दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने 'घर बैठे जॉब करें' का एक विज्ञापन देखा। इस विज्ञापन पर दिए नंबर पर जब कॉल किया गया तो कुछ यूं बातचीत हुई।

रिपोर्टर: सर आप टेलीकॉम कंपनी से बोल रहे हैं। मैंने आपका विज्ञापन पढ़ा है कि घर बैठे नौकरी मिल जाएगी?

कंपनी कर्मचारी: आपका क्या नाम है कहां से बात कर रहे हो?

रिपोर्टर: मैं गोरखपुर से बोल रहा हूं।

कंपनी कर्मचारी: आपने कहां तक पढ़ाई की है? क्या इसके पहले किसी जॉब में थे?

रिपोर्टर: मैं एक दुकान पर काम करता था।

कंपनी कर्मचारी: कितनी सैलरी मिलती थी?

रिपोर्टर: सर, 12-13 हजार रुपए की नौकरी थी। लेकिन लॉकडाउन में नौकरी चली गई।

कंपनी कर्मचारी: आपको कंप्यूटर का नॉलेज है।

रिपोर्टर: हां, हम कंप्यूटर चला लेते हैं। लेकिन कोई डिग्री नहीं है।

कंपनी कर्मचारी: एज क्या है

रिपोर्टर: 38 साल है

कंपनी कर्मचारी: ठीक है। आपको जॉब मिल जाएगी। आपको घर बैठे मैसेज करना रहेगा। डेटा प्लान पैक, फुल टाइम पैक सहित कंपनी का मैसेज आता है। वो आप जानते होंगे। उसी तरह से मैसेज करना होगा।

रिपोर्टर: हमें क्या-क्या मिलेगा?

कंपनी कर्मचारी: आपको लैपटॉप, डाटा कार्ड, सिमकार्ड, मोबाइल और एमएमएस बुक कंपनी देगी। यह सब कंपनी आपके एड्रेस पर हवाई जहाज से भेज देगी। हमारे कर्मचारी आपके एड्रेस पर लैपटॉप, मोबाइल पहुंचा देंगे। दो घंटे की ट्रेनिंग कराएंगे। आप को 100 एमएसएस करने होंगे। ज्यादा मैसेज करने पर पांच रुपए इंसेटिव दिया जाएगा।

रिपोर्टर: कोई डॉक्यूमेंट भी देना होगा क्या?

कंपनी कर्मचारी: जॉब ज्वॉइन करने के लिए आधार कार्ड या वोटर आईडी और फोटो देना होगा। हर महीने एक से पांच तारीख के बीच सैलरी दी जाएगी।

रिपोर्टर: अच्छा सर

और बुनने लगा जाल

(इसके बाद कंपनी कर्मचारी रिपोर्टर के सामने पैसे मांगने का जाल बुनने लगा.)

कंपनी कर्मचारी: इसके बाद आप की जॉब आईडी तैयार हो जाएगी। रजिस्ट्रेशन कंप्लीट होने के बाद आपको कल 12 बजे के पहले हवाई जहाज से लैपटॉप, मोबाइल और सारा सामान भेज दिया जाएगा। जॉब आईडी का खर्च 1550 रुपए आएगा। यह अमाउंट कंपनी के अकाउंट नंबर पर पे करना होगा।

रिपोर्टर: सर क्या, लैपटॉप का भी पैसा देना होगा?

कंपनी कर्मचारी: नहीं यह फ्री आफ कास्ट होता है। जॉब छोड़ने पर कंपनी वापस ले लेगी। कंपनी के स्टाफ जब जाएंगे तो वह सारा सिस्टम आपके घर में सेट कर देंगे।

रिपोर्टर: क्या कंपनी का कोई आफिस है।

कंपनी कर्मचारी: आपकी बात कॉरपोरेट ऑफिस कोलकाता से हो रही है। लोकल में कोई ब्रांच नहीं है। लॉकडाउन के बाद सभी को वर्क फ्रॉम होम कर दिया गया है। सिचुएशन ठीक होने पर ऑफिस खोला जाएगा। हमारा आफिस कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, बंगलूरू और चेन्नई में है। अब सर आप च्वॉइन करो।

पैसे जमा कराने पर शुरू हुआ असली खेल

जॉब च्वॉइन करने के नाम पर रिपोर्टर ने 1550 रुपए दिए हुए अकाउंट में जमा करा दिए, असली खेल इसके बाद शुरू हुआ। कंपनी कर्मचारी ने फोन करके कहा कि हमारे कर्मचारी पहुंच रहे हैं। उससे पहले नौ हजार पेमेंट की बात कही गई।

कंपनी कर्मचारी: हमारे इंप्लॉयी आपके घर सिस्टम इंस्टॉल करने पहुंच रहे हैं। आप हमारे अकाउंट में नौ हजार रुपए डाल दीजिए?

रिपोर्टर: अरे सर, मेरे पास पैसे होते तो जॉब के लिए आपसे रिक्वेस्ट क्यों करता?

कंपनी कर्मचारी: देखिए, यह तो बेसिक कॉस्ट है। आपको देना होगा?

रिपोर्टर: सर, पैसे तो नहीं हैं। आप जो सैलरी देने वाले हैं, उसी में से कट कर लीजिएगा नौ हजार।

कंपनी कर्मचारी: ऐसा थोड़े होता है? पैसे आपको एडवांस देने होंगे।

रिपोर्टर: फिर ठीक है। पड़ोस में मेरे रिलेटिव रहते हैं। मैं पैसे उनसे उधार मांगकर लाता हूं। जो लोग मेरे घर सिस्टम इंस्टॉल करने आ रहे हैं, उनको दे दूंगा।

कंपनी कर्मचारी: जी नहीं, पैसे आपको अकाउंट में ही डालने होंगे?

इसके बाद कई घंटे बाद भी कंपनी की तरफ कोई कर्मचारी हमारे एड्रेस पर सिस्टम इंस्टॉल करने नहीं पहुंचा। लेकिन फोन कई बार आया, जिसमें बार-बार पैसे जमा करने के लिए कहा जाता रहा।

बॉक्स

नौंवी के स्टूडेंट को ऐसे बनाया शिकार

-खोराबार, डांगीपार के रहने वाले बेचन कुमार टीचर हैं। उनका बेटा नौंवी क्लास में पढ़ता है।

-26 फरवरी को एड देखकर उसने कंपनी के नंबर पर कॉल कर दिया।

-उसे झांसे में लेते हुए जालसाजों ने खुद को ब्रांडेड कंपनी बताकर 1550 रुपए जमा करा लिया।

-इसके बाद लैपटॉप, मोबाइल सहित अन्य सामान देने के नाम पर नौ हजार जमा कराया।

-जब स्टूडेंट को रियलाइज हुआ कि उसके साथ ठगी हो गई है तो उसने कॉल करके पैसे वापस लौटाने को कहे।

-पैसे वापस करने के नाम पर शातिर ने सात हजार रुपए फिर मांगे। इस तरह 18 बार में उसने करीब लाख रुपए का ट्रांजैक्शन करा लिया।

-इतना नहीं, यह भी कहा कि फैमिली में किसी को बताया तो रुपए जब्त हो जाएंगे।

साइबर थाने का चक्कर काट रहे पिता

दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने जब इस मामले की पड़ताल की तो सामने आया कि ठगी के शिकार पीडि़त थाने का चक्कर लगा रहे हैं। अप्लीकेशन लेकर वह साइबर थाने पर गए तो वहां बताया कि यह साइबर का मामला नहीं है। उनको दोबारा थाना पर भेज दिया गया। वहां जाने पर बताया कि साइबर ठगी है। इसलिए उन्होंने एसएसपी को पत्र देकर कार्रवाई की गुहार लगाई।

आप रहें सावधान

-लॉकडाउन के बाद लोगों की नौकरियां चली गई हैं।

-इसलिए शातिरों ने ठगी के नए-नए तरीके निकाल रखे हैं।

-विज्ञापनों के जाल में लोगों को उलझाकर शातिर ठगी करते हैं।

-बड़ी टेलीकॉम कंपनी के नाम का इस्तेमाल करने वाले शातिरों के झांसे में लोग आसानी से आ जाते हैं।

-पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि कोई भी मोबाइल कंपनी इस तरह से किसी को नौकरी नहीं देती है।

-उनकी तरफ से समय-समय पर मैसेज भेजकर अलर्ट भी किया जाता है।

वर्जन

इस तरह की कोई घटना मेरी जानकारी में नहीं है। पीडि़त के सामने आने पर मामले की जांच करके कार्रवाई की जाएगी। यह साइबर ठगी का मामला है।

-डॉ। एमपी सिंह, एसपी क्राइम

Posted By: Inextlive