- ट्रक वाले बनाते फर्जी फेसबुक आईडी, गैर जिलों से लाते सिम, मोबाइल नंबर स्क्राल करके तैयार कर देते फर्जी आईडी

- एसएसपी की आईडी बनने पर हरकत में आई गोरखपुर पुलिस, मथुरा के गैंग को दबोचा

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र: फेसबुक

यूपी का जामताड़ा मडौरा थाना गोवनर्धन जिला मथुरा। यहां के अनपढ़ ठग गोरखपुर पुलिस के हत्थे चढ़ गए। फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर परिचितों से अकाउंट में रुपए मंगाने वाले दो नाबालिगों सहित छह लोगों को अरेस्ट करने के साथ पुलिस ने विधायक, एसएसपी, डॉक्टर और एडवोकेट की आईडी बनाने के केस का पर्दाफाश कर दिया। मंगलवार को एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया, मथुरा जिले का गैंग पहली बार पकड़ा गया है, जो लोगों की सोशल मीडिया प्रोफाइल से जानकारी चुराकर फर्जी आईडी बनाकर मदद के बहाने रुपए मंगाता था। पकड़े गए लोगों में शामिल अधिकांश अनपढ़ हैं। इनमें ज्यादातर आठवीं तक की पढ़ाई करके ट्रक चलाने गए थे। पकड़े गए गैंग ने गोरखपुर में करीब 40 लोगों की फर्जी आईडी बनाकर रुपए मांगे थे। एक साल से अधिक समय से सक्रिय गैंग करीब 80 लाख रुपए की ठगी कर चुका है।

एसएसपी की आईडी बनने पर खुला मामला

जालसाजों ने एसएसपी दिनेश कुमार पी, एमएलए फतेह बहादुर सिंह और अधिवक्ता नीरज शाही की प्रोफाइल तैयार कर ली। सभी के परिचितों के पास जब मैसेज पहुंचा तो इसकी जानकारी हुई। एसएसपी ने कैंट थाना में केस दर्ज कराकर कार्रवाई का निर्देश साइबर सेल प्रभारी महेश चौबे, कांस्टेबल शशि शंकर राय और शशिकांत जायसवाल और कैंट थाना के एसआई रविंद्र कुमार चौबे को दिया। टीम को जांच में पता चला कि मथुरा जिले का गैंग लोगों की आईडी बनाकर जालसाजी कर रहा है। इंस्पेक्टर सुधीर सिंह ने टीम संग मिलकर आरोपियों को पकड़ लिया। उनके पास से पांच मोबाइल फोन, सिमकार्ड सहित अन्य सामान बरामद हुआ है।

गोरखपुर को किया टारगेट, पुलिस ने किया अरेस्ट

पुलिस की जांच में सामने आया कि मथुरा जिले के मडौरा, गोवर्धन थाना एरिया के रहने वाले अंसार खान पुत्र वहीद खान, साकिर खान पुत्र सहजू, वहीद खान पुत्र जुमरत, कासिम खान पुत्र चावसिन और दो किशोरों का गैंग गोरखपुर को टारगेट बनाकर ठगी कर रहा था। गोरखपुर के लोगों की प्रोफाइल खंगालकर डिटेल जुटाते हैं। इनके ज्यादातर सदस्य अनपढ़ हैं, जबकि पढ़े-लिखे सदस्य महज आठवीं पास हैं। एसएसपी ने बताया, गैंग का अंसार खान अपने दो नाबालिग साथियों संग मिलकर मोबाइल नंबर की सीरीज पकड़कर फेसबुक के लॉगिन पेज के जरिए यूजर आईडी और पासवर्ड में डालते हैं। प्रोफाइल का यूजर आईडी और पासवर्ड उसका मोबाइल नंबर, नाम अथवा मोबाइल नंबर के 6 अंक होते हैं, उसका फेसबुक लॉगिन करके उसे हैक कर लेते हैं। इसके बाद उसी आईडी से उनके फेसबुक फैंड्स से मदद के नाम पर फेसबुक, व्हाट्सएप और अन्य सोशल साइटस के जरिए पैसे मांग करते हैं।

पुलिस सहित अन्य प्रतिष्ठित को बनाया टारगेट

एसएसपी ने बताया, इन जालसाजों के निशाने पर ज्यादातर पुलिस कर्मचारी रहे। व्यवसायी और प्रतिष्ठित व्यक्तियों की फेसबुक प्रोफाइल पर सर्च करके उनके फोटो व नाम एवं फ्रेंडलिस्ट से प्रोफाइल चुराकर फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर उनके जानने वालों को पहले फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। इसके बाद मदद के नाम पर फर्जी वॉलेट और बैंक खातों में रकम की मांग करते हैं। इसी तरह ये लोग एक से दूसरी प्रोफाइल के कमेंट बॉक्स या फिर फेसबुक पोस्ट पर जाकर लाइक और कमेंट करने वालों को फर्जी प्रोफाइल की फ्रेंडलिस्ट में जोड़ लेते हैं और मोबाइल नंबर पता कर लेते हैं। ऐसे ही सोशल मीडिया पर ठगी की यह चेन बनती चली जाती है।

फेसबुक से नंबर-फोटो चुराकर बनाते हैं वाट्सएप अकाउंट

मथुरा जिले के साइबर जालसाजों का गैंग लिख नहीं पाता। वाइस टाइपिंग के जरिए ही अपनी बात करते हैं। फेसबुक से प्रोफाइल फोटो और नाम को चुराकर वाट्सअप के डीपी पर संबंधित व्यक्ति की फोटो लगाकर उनके दोस्तों से वाट्सअप चैटिंग करके मदद के नाम पर रकम की मांग करते हैं। इतना ही नहीं, यह लोग विभिन्न कम्पनियों में जॉब दिलाने, लॉटरी आदि के नाम पर भी लोगों से उनका आधार कार्ड, पैन कार्ड, ओटीपी प्राप्त कर फर्जी डिजिटल अकाउंट खोलकर उसमें पैसे जमा कराते हैं।

हर किसी का कमीशन, सबको मिलती रकम

साकिर खान ने पुलिस को बयान दिए कि वह संजय नामक व्यक्ति की मदद से फेसबुक आईडी हैक कर पैसे मांगने वालों को फर्जी खाता उपलब्ध कराता था। इसके बाद उन्हीं खातों में आए पैसे को निकालकर 80 प्रतिशत फेसबुक आईडी हैक करने वाले आरोपी अंसार और उसके साथियों को और 15 फीसदी संजय को और पांच प्रतिशत कमीशन खुद रख लेता था।

ट्रक चलाने जाते, खरीद लाते सिमकार्ड

गैंग में शामिल आरोपित वहीद खान, कासिम खान और मुजफ्फर ट्रक लेकर यूपी, एमपी, बिहार, झारखंड, पं। बंगाल, असम, दिल्ली सहित कई राज्यों में आता-जाते थे। वहीं, से फर्जी सिमकार्ड खरीद लाते। इसके एवज में वह प्रति सिम का 500 रुपए लेते। फेरी के बहाने आसपास के गांव में जाकर संजय को एक हजार रुपए प्रति सिमकार्ड के हिसाब से बेच देता था।

पुलिस की अपील, बरतें ये सावधानी

- अपना यूजर आईडी और पासवर्ड किसी से शेयर न करें।

- सोशल नेटवर्किग साइट्स का पासवर्ड मोबाइल नंबर, नाम, जन्मतिथि आदि न रखें।

- पासवर्ड हमेशा स्ट्रांग खें और अल्फाबेट, न्यूमेरिक, स्पेशल करेक्टर का प्रयोग करें।

- टू फैक्टर अंथेटिकेशन ऑप्शन का प्रयोग करें।

- अनजान व्यक्तियों की फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने में सावधानी बरतें।

- फेसबुक पर प्रोफाइल लॉक लगाकर रखें।

- सोशल साइट पर अगर किसी परिचित द्वारा रकम की मांग की जाए तो संपर्क करने के बाद ही लेनदेन करें।

- अपनी निजी जानकारियां और फोटो पोस्ट करने में सावधानी बरतें।

- किसी भी अवांछनीय लिंक या मैसेज पर क्लिक करने से बचें।

- आधार, पैन, डीएल, बॉयोडाटा, ओटीपी आदि सोशल साइट्स पर शेयर करने से बचें।

- किसी अंजान व्यक्ति को नौकरी और लॉटरी आदि के नाम पर अपनी जानकारी शेयर न करें।

वर्जन

मथुरा से फर्जी फेसबुक आईडी बनाने वाले गैंग का संचालन हो रहा था। सदस्यों को पकड़ लिया गया है। साइबर सेल ने अच्छा काम किया गया है। टीम को 25 हजार रुपए का इनाम दिया गया है। पहली बार इस तरह का केस वर्कआउट करने में कामयाबी मिली है।

- दिनेश कुमार पी, एसएसपी

Posted By: Inextlive