1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रतिबंध की तैयारी है. हालांकि नगर निगम गोरखपुर की कार्यप्रणाली बताती है कि प्लास्टिक के प्रतिबंध पर निगम के अफसर कभी गंभीर नहीं रहे. पूरे सिटी से डेली 379 मीट्रिक टन से ज्यादा कूड़ा निकलता है. इसमें 30 मीट्रिक टन सिंगल यूज प्लास्टिक होती है. सिंगल यूज प्लास्टिक का इफना बड़ा आंकड़ा तभी है जब धड़ल्ले से बिक्री और खूब खपत हो रही है. कार्रवाई और सख्ती की बात की जाए जो नगर निगम प्रशासन ने 5 माह में 5.12 क्विंटल पॉलीथिन पकड़ी है. इस बार निगम प्रशासन का दावा है कि 1 जुलाई से सिटी में कहीं भी पॉलिथीन नहीं बिकने दी जाएगी.


गोरखपुर (ब्यूरो)। रोजाना 30 मीट्रिक टन कूड़े में पॉलीथिन मिलने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिटी में इतने टन ही पॉलीॅथिन बिक भी रही है। अगर बिकती नहीं तो वह घरों तक नहीं पहुंचती। नगर निगम की लगभग 120 गाडिय़ों से रोजाना सिटी में कूड़ा एकत्र किया जाता है। इसमें सूखा और गीला कचरा शामिल है। सभी गाडिय़ों में कचरे के रूप में पॉलीथिन की संख्या अधिक रहती है। दिखावे का अभियान नगर निगम के आंकड़ों के अनुसार पांच महीनों में पांच क्विंटल 12 किलोग्राम पॉलीथिन पकड़ी गई। इन आंकड़ों से पता चलता है कि नगर निगम कितना गंभीर है। वहीं, 18 फरवरी 2020 से 31 मई 2022 तक कुल 224 क्विंटल 29 किलोग्राम पॉलीथिन पकड़ी गई और उनसे 30.58 लाख का जुर्माना वसूला गया। 29 क्विंटल से अधिक पॉलीथिन रिसाइकिलिंग के लिए गीडा की फैक्ट्री में भेजी गई।


पॉलीथिन के लिए माहवार कार्रवाई जनवरी 2 किलोग्राम फरवरी कोई कार्रवाई नहीं मार्च 5 क्विंटल अप्रैल 4 किलोग्राममई 6 किलोग्राम बड़े कारोबारियों पर शिकंजा नहीं

सिंगल यूज प्लास्टिक के बड़े कारोबारियों पर कार्रवाई न होने से सिटी में पॉलीथिन बिकना बंद नहीं हो पा रहा है। इन्हीं कारोबारियों से छोटे दुकानदार खरीदकर मोहल्लों में बेच रहे हैं। इससे ही सिटी के लगभग हर दुकानों और ठेले-खोमचों वालों के पास पॉलीथिन दिख रही है। नगर निगम का प्रवर्तन दल समय-समय पर पॉलीथिन बेचने वालों पर कार्रवाई कर रहा है। सिटी में कहीं भी पॉलीथिन नहीं बिकने दी जाएगी। साथ ही लोगों को भी जागरूक किया जाएगा कि वह झोले का इस्तेमाल करें। - अविनाश सिंह, नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive