ऊरवा बाजार के रहने वाले ब्रिजेश तिवारी अपनी मां का इलाज करने के लिए जिला अस्पताल पहुंचे. उनकी 86 वर्षीय मां फूलपरी देवी को सांस फूलने की शिकायत थी. न्यू बिल्ंिडग के वार्ड नंबर 11 में एडमिट तो कर लिया गया लेकिन जब डॉक्टर ने कोरोना जांच की सलाह दी तो मेडिकल स्टाफ ने स्ट्रेचर दे दिया.


गोरखपुर (ब्यूरो)। केस वनकोरोना जांच के लिए उन्हें खुद लेकर जाना पड़ा। इस दौरान सड़क के गड्ढों और दूसरी दुश्वारियों से जूझते हुए वह किसी तरह जांच कराने के लिए पहुंचे। ब्रिजेश तिवारी ने प्रभारी एसआईसी से इसकी शिकायत की है। केस टू अमहिया के रहने वाले दीनानाथ के पिता की सर्जरी होनी थी। इसके लिए डॉक्टर्स ने उन्हें सर्जरी से पहले कोविड जांच कराने को कहा। हॉस्पिटल में पिता को एडमिट कराने के बाद दीनानाथ अपने पिता को खुद जांच केंद्र लेकर पहुंचे। इस दौरान किसी भी मेडिकल स्टाफ ने उनकी मदद नहीं की। मरीज होने के बाद भी दीनानाथ के पिता को खुद ही जांच केंद्र तक जाना पड़ा। रास्ते में मुश्किलें भी हुईं। दीनानाथ का कहना है कि कम से कम गंभीर मरीजों के लिए बेड पर ही कोविड जांच का सैैंपल लेने की व्यवस्था होनी चाहिए।


यह दो केस तो बानगी भर हैं। जिला अस्पताल में ऐसे ढेरों मरीज हैं, जिनके तीमारदारों को अपने मरीज की जांच के लिए खुद ही इंतजाम करना पड़ रहा है। वह मरीज को लेकर दर-बदर भटक रहे हैं, लेकिन मोटी तनख्वाह मिलने के बाद भी मेडिकल स्टाफ उनकी मदद करने के बजाए सिर्फ टरका दे रहे हैं। रोजाना ऐसी शिकायतें एसआईसी के पास पहुंच रही हैं, लेकिन वहां भी सिर्फ कार्रवाई का आश्वासन देकर कोरम पूरा कर लिया जा रहा है। एक तरफ जहां सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने की कवायद में जुटी हैं, वहीं जिम्मेदारों का लापरवाह रवैया, सरकार की मंशा पर पानी फेर रहा है।खुद ही जा रहे हैं पेशेंटजिला अस्पताल में आने वाले गंभीर मरीजों को कोरोना जांच कराना जरूरी है। मगर गंभीर होने के बाद भी उन्हें इसके लिए खुद ही मशक्कत करनी पड़ रही है। हैरान करने वाली बात यह है कि वार्ड में एडमिट गंभीर मरीजों के परिजन अपने पेशेंट को खुद कोरोना जांच केंद्र तक लेकर जा रहे हैं। जबकि जिम्मेदारों की मानें तो वार्ड में एडमिट मरीजों के सैैंपल ले जाने की जिम्मेदारी वार्ड में तैनात मेडिकल स्टाफ की होती है। मगर जिला अस्पताल के न्यू बिल्डिंग में बनाए वार्ड में एडमिट मरीज के तीमारदार सड़क पर लगे जाम को पार करते हुए किसी तरह कोविड जांच केंद्र पहुंच रहे है।फैक्ट फीगर जिला अस्पताल में डेली आने वाले मरीजों की संख्या - 1654इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की संख्या - 800 औसतनबेड पर भर्ती किए जाने के लिए बेड की संख्या - 305

गंभीर मरीजों को उनके बेड से ही सैैंपल ले जाने का आदेश पहले से ही है, लेकिन इधर कुछ दिनों से हमारे मेडिकल स्टाफ लापरवाही कर रहे हैैं, इसके लिए सख्ती से पालन कराया जाएगा। किसी भी एडमिट मरीज को कोविड जांच के लिए नहीं भेजा जाएगा।- डॉ। एसी श्रीवास्तव, एसआईसी, जिला अस्पताल

Posted By: Inextlive