जिला अस्पताल गोरखपुर की हेल्थ सर्विसेज इन दिनों अधूरे भगवान के भरोसे हैं. पहले से डॉक्टर्स की कमी से जूझ रहे हेल्थ डिपार्टमेंट और जिला अस्पताल में 8 डॉक्टर्स के ट्रांसफर के बाद हेल्थ फैसिलिटीज बेपटरी होने लगी हैं. इसी का नतीजा है कि बुधवार को बाल रोग विभाग की ओपीडी में ताला लग गया. इस संकट से उबरने के लिए एनसीडी सेल के बाल रोग विशेषज्ञ को लगाया गया. एक ही डॉक्टर ओपीडी के साथ पीआईसीयू की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. बाल रोग विभाग में डॉक्टर्स के रिलीव होने की वजह से एकाएक संकट खड़ा हो गया है. बताया जा रहा है कि पीआईसीयू में भर्ती बच्चों को देखने वाला कोई नहीं हैं.


गोरखपुर (ब्युरो)। जानकारी के अनुसार पीडियाट्रिक ओपीडी में डेली 400 से 500 बच्चे इलाज के लिए आते हैं। बुधवार को बाल रोग विभाग की ओपीडी में ताला लगने की वजह से पेशेंट्स को परेशानी का सामना करना पड़ा। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम को ओपीडी में ताला लगा हुआ मिला। चंद कदम आगे बढऩे पर पता चला कि एनसीडी सेल में तैनात सिर्फ एक डॉक्टर बीमार बच्चों का इलाज कर रहे हैं। जब इस संबंध में डॉक्टर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मेरी तैनाती एनसीडी सेल में हुई हैं लेकिन बाल रोग विभाग के डॉक्टर्स का गैर जिले में ट्रांसफर होने की वजह से परेशानी बढ़ गई हैं। पीआईसीयू में सिर्फ एक टाइम पहुंच रहे डॉक्टर
बता दें, वर्तमान में पीआईसीयू में 9 बच्चे एडमिट हैं। पीआईसीयू इंचार्ज का ट्रांसफर होने से यहां पर किसी भी बाल रोग विशेषज्ञ की अभी तक तैनाती नहीं की जा सकी है। इस वजह से बच्चों के इलाज पर संकट उत्पन्न हो गया है। एसआईसी ने खुद देखे 26 मरीज


बाल रोग विभाग में डॉक्टर नहीं होने की वजह से एसआईसी बाल रोग विशेषज्ञ डॉ। जेएसपी सिंह ने खुद कमान संभाली। उन्होंने 26 मरीजों को देखा। हालांकि, जिला अस्पताल के ओपीडी में अभी भी ट्रांसफर हुए डॉक्टर पेशेंट्स को देख रहे हैं। इन डॉक्टर्स का हुआ ट्रांसफर एसआईसी बाल रोग विशेषज्ञ डॉ। जेएसपी सिंह, डॉ। अरविंद उपाध्याय, डॉ। गणेश गौरव, फिजिशियन डॉ। बीके सुमन, ब्लड बैंक प्रभारी डॉ। एसके यादव, पैथॉलॉजी डॉ। वीके प्रजापति, आर्थोपेडिक डॉ। राकेश कुमार, डॉ। वीपी सिंह। मेरे बच्चे की तबीयत खराब थी। उसे तेज फीवर था। बाल रोग विभाग के ओपीडी पहुंचा तो यहां पर ताला लगा मिला। आसपास के लोगों से पूछा तो पता चला कि डॉक्टर का ट्रांसफर हो गया है। आकाश कुमार, नंदानगर कुछ दिनों से बच्चे को प्रॉब्लम हो रही थी। मैं सुबह ही पर्ची कटवाकर ओपीडी में पहुंची, लेकिन डॉक्टर नहीं मिले। थोड़ी देर बाद पता चला कि एनसीडी सेल में एक डॉक्टर बैठे हैं। मैं वहीं अपने बच्चे को दिखाकर लौट आई। प्रियंका, रुस्तमपुर बाल रोग विभाग के डॉक्टर्स का ट्रांसफर होने से बच्चों का इलाज मुश्किल हो गया है। सिर्फ एक ही डॉक्टर देख रहे हैं। इस वजह से मरीजों की भीड़ जमा हो जा रही है। गुडिय़ा, नंदानगर

शासन के निर्देश का इंतजार किया जा रहा है। बाल रोग विभाग में दो डॉक्टर किसी कार्य से चले गए थे। लेकिन इस दौरान सभी मरीजों को देखा गया है। किसी को भी नहीं लौटाया गया। डॉ। जेएसपी सिंह, एसआईसी जिला अस्पताल एक नजर में डॉक्टरों की स्थिति हेल्थ डिपार्टमेंट स्वीकृत पद डॉक्टर्स की तैनाती खाली पद 269 155 114 जिला अस्पताल 53 33 20 जिला महिला अस्पताल 18 12 07

Posted By: Inextlive