- शासन ने प्राइवेट हॉस्पिटल को कैटेगराइज करके तय किए इलाज के रेट

- शहरों की कैटेगरी भी तय, उसके अकॉर्डिंग लेनी होगी फीस

- ए-कैटेगरी में रखा गया गोरखपुर, कम से कम 10 हजार चुकाना होगा खर्च

प्राइवेट हॉस्पिटल्स में इलाज के नाम पर जेब भरने वालों की दाल अब नहीं गल पाएगी। पेशेंट्स को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के बाद लाखों का बिल थमाने वाले अब फीस और डेली खर्चो के नाम पर मनमानी वसूली नहीं कर सकेंगे। प्राइवेट हॉस्पिटल्स में डॉ। विनोद पॉल कमेटी की संस्तुतियों को प्रदेश में लागू कर दिया गया है। इसके लिए शहरों की कैटेगरी भी तय कर दी गई है, जिसके अकॉर्डिंग वहां पर प्राइवेट हॉस्पिटल्स प्रतिदिन के लिए तय कीमत से ज्यादा वसूली नहीं कर सकेंगे। इसमें डिजीज की सीरियसनेस को भी मानक बनाया गया है और उसके अकॉर्डिंग सर्विस के लिए चार्ज फिक्स किए गए हैं। गोरखपुर को ए कैटेगरी में रखा गया है और यहां भी यह रेट लिस्ट लागू कर दी गई है।

दो कैटेगरी में हॉस्पिटल्स, तीन कैटेगरी में सिकनेस

प्रदेश में रोजाना एक लाख से ज्यादा सैंपल्स जांचे जा रहे हैं। ऐसे में यहां का एवरेज पॉजिटिविटी रेट 5 परसेंट के आसपास है। वहीं कुछ शहर ऐसे भी हैं, जहां का पॉजिटिविटी रेट 10 परसेंट से ज्यादा है। वहीं कुछ जनपदों में यह काफी कम भी है। जहां पॉजिटिव केस का परसेंटेज ज्यादा है, वहां पर क्रिटिकल केयर के बेड की कमी महसूस की जा रही है। ऐसे में गवर्नमेंट ने प्राइवेट हॉस्पिटल्स में भी कोविड के इलाज के लिए परमिशन दे रखी है। गोरखपुर में पॉजिटिविटी रेट की बात करें तो यह करीब 11 परसेंट के आसपास है। ऐसे में प्राइवेट में इलाज कराने की चाहत रखने वालों के लिए शासन ने हॉस्पिटल्स को दो कैटेगरी एनएबीएच एक्रीडेटेड हॉस्पिटल्स और नॉन एनएबीएच हॉस्पिटल्स में बांट दिया है। वहीं इलनेस को भी तीन कैटेगरी में बांटा गया है, जिसमें मॉडरेट सिकनेस, सीवियर सिकनेस और वेरी सीवियर सिकनेस शामिल है। इनके अकॉर्डिंग ही इलाज के लिए रेट तय किए गए हैं।

हॉस्पिटल कैटेगरी मॉडरेट सिकनेस सीवियर सिकनेस वेरी सीवियर सिकनेस

एनएबीच एक्रीडेटेड 10000 15000 18000

नॉन एनएबीएच 8000 13000 15000

नोट - यह रेट प्रतिदिन एडमिशन के हिसाब से हैं। इसमें पीपीई किट की कॉस्ट इनक्लूड है।

- बी कैटेगरी शहरों के हॉस्पिटल्स निर्धारित कॉस्ट का 80 परसेंट, जबकि सी कैटेगरी के लिए 60 परसेंट ले सकेंगे।

- जिन हॉस्पिटल्स में क्रिटिकल केयर के लिए बेड हैं, वहां एल-2 और एल-3 कैटगरी के हॉस्पिटल्स में बेड की कमी होने पर 50 परसेंट बेड पर डीएम या सीएमओ की ओर से भेजे जाने वाले मरीजों के लिए रिजर्व रखने होंगे।

हॉस्पिटल्स को आयुष्मान के इन रेट से होगा पेमेंट

जनरल वार्ड - 1800 रुपए प्रति दिन

एचडीयू - 2700 रुपए प्रति दिन

आईसीयू बिना वेंटिलेटर - 3600 रुपए प्रति दिन

आईसीएम विद वेंटिलेटर - 4500 रुपए प्रति दिन

किस कैटेगरी में कौन सा शहर

ए कैटेगरी - गोरखपुर, कानपुर, लखनऊ, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, बरेली, मेरठ, नोएडा, गाजियाबाद के शहर

बी कैटेगरी - मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी, सहारनपुर, मथुरा, रामपुर, मिजार्पुर, शाहजहांपुर, अयोध्या, मुजफ्फरपुर और फर्रुखाबाद के शहर

सी कैटेगरी - ए और बी कैटेगरी के अलावा सभी शहरों को सी कैटेगरी में रखा गया है।

हॉस्पिटल और शहर की कैटेगरी के अकॉर्डिंग शासन ने प्राइवेट हॉस्पिटल्स के लिए दरें निर्धारित की हैं। उन्हें इसी के अनुसार मरीजों से पेमेंट लेना होगा। जो भी इन निर्देशों को पालन नहीं करेगा, उनके खिलाफ एपिडेमिक एक्ट और कोविड-19 नियमावली की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।

- डॉ। श्रीकांत तिवारी, सीएमओ

Posted By: Inextlive