कोरोना से जंग में गोरखपुर के युवाओं को बनाया जाएगा वालेंटियर्स
- डीएम की अध्यक्षता में वालेंटियर्स के कन्वेनर के लिए कमेटी का किया गया गठन
- ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए 21 से 30 साल का कोई भी युवा बन सकता है वालेंटियर्स GORAKHPUR: कोविड-19 महामारी से लड़ाई में सरकार अब यूथ वालेंटियस़ऱ् का हेल्प लेगी। इस कड़ी में वालेंटियर्स के सहयोग और पर्यवेक्षण के लिए गोरखपुर जिला प्रशासन ने 6 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। जिसकी अध्यक्षता डीएम के विजयेंद्र पांडियन खुद कर रहे हैं। यह कमेटी ऐसे सभी वालेंटियर्स को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित भी करेगी। इसके लिए किसी प्रकार का कोई मानदेय नहीं दिया जाएगा। सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी ने बताया कि 21 से 30 साल की उम्र के बीच का कोई भी युवा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करके कोविड-19 वालेंटियर्स बन सकता है।वालेंटियर कन्वेनर कमेटी में सीडीओ हर्षिता माथुर, सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी, एडीएम फाइनेंस राजेश सिंह, एडिशनल सीएमओ डॉ। नीरज कुमार पांडेय और राष्ट्रीय कैडेट कोर से ब्रिगेडियर जेएस पुरोहित शामिल हैं।
बचाव व राहत का करेंगे कार्यसीएमओ ने बताया कि प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद और महानिदेशक स्वास्थ्य रूकुम केश से प्राप्त दिशा-निदेर्शो के अनुसार वालेंटियर्स की सहायता ली जाएगी। इनका मुख्य योगदान कोरोना से बचाव व राहत कार्य में होगा। निगरानी समिति में सहयोग के अलावा यह लोग प्रचार-प्रसार में भी मदद करेंगे। जिन होम क्वारंटीन परिवारों के घर पर आशा कार्यकर्ताओं द्वारा फ्लायर नहीं लगाया गया होगा, वहां फ्लायर लगवाना भी सुनिश्चित कराएंगे। कोरोना के संभावित मरीजों के बारे में सूचना उपलब्ध कराना भी इनका दायित्व होगा।
यहां होगा रजिस्ट्रेशन - वालेंटियर्स बनने के लिए डीजीएमएचयूपीडॉटजीओवीडॉट इन/ईएन/वालंटियररजिस्ट्रेशन नामक लिंक पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। - इनकी स्वयं सेवा की अवधि प्रारंभ में तीन महीने की होगी। - जिसे कोविड-19 के दृष्टिगत विस्तारित किया जा सकता है। - सेवा अवधि पूरा होने के बाद एक सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। एंड्रायड फोन होगा जरूरी - शासन से प्राप्त दिशा-निदेर्शों के अनुसार इन वालंटियर्स के पास स्वयं का एंड्रायड अथवा स्मार्ट फोन होना चाहिए। - इनका कंप्यूनिकेशन स्किल भी अच्छा होना चाहिए। - इन वालेंटियर्स के ट्रेनिंग की व्यवस्था हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से कराई जाएगी। - प्रतिदिन की रिपोर्टिंग के लिए डिपार्टमेंट की तरफ से टूल या एप्लीकेशन भी अवेलेबल कराया जाएगा।