-बिहार, नेपाल के साथ आसपास के एरिया में हो रही है सप्लाई

-नगर निगम की एनफोर्समेंट टीम ने लगातार कार्रवाई में बरामद की बड़ी खेप

-बैन के बाद भी शहर के साथ बाहर भी धड़ल्ले से बिक रही पॉलीथिन

6 अक्टूबर 2020 : नगर निगम की टीम इलाहीबाग हाबर्ट बांध के पास एक गोदाम में छापा मारा। यहां से प्रतिबंधित पॉलिथीन, प्लास्टिक के गिलास और थर्माकोल के बर्तन बरामद किए गए। गोदाम से 50 क्विंटल के आसपास प्रतिबंधित वस्तु मिली है।

3 अक्टूबर 2020 : नगर निगम के प्रवर्तन बल ने नौसड़ के पास पिकअप वाहन रोककर 25 क्विंटल पॉलीथिन जब्त किया है। अगरबत्ती की बिल्टी पर पॉलीथिन मंगाई गई थी। बार-बार पूछताछ के बाद भी ड्राइवर ने व्यापारी का नाम नहीं बताया। उसने 75 हजार रुपये जुर्माना जमा कर दिया है।

25 अगस्त 2020 : नगर निगम प्रवर्तन दल की टीम ने लगभग ढाई लाख रुपये मूल्य से अधिक के 42 कुंतल प्रतिबंधित पॉलीथिन जब्त की। प्रतिबंधित पॉलीथिन के स्वामियों पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। नौसड़ के पास कार्रवाई हुई, यह पॉलीथिन की खेप बिहार भेजी जा रही थी।

यह तीन कार्रवाई तो महज एग्जामपल भर हैं, शहर में बैन पॉलीथिन का कारोबार अवैध तरीके से अब भी जारी है। जहां गोरखपुर में व्यापारी माल मंगवाकर यही चोरी-छिपे इसकी खपत करा रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर गोरखपुर अब पॉलीथिन मंगवाने वालों के लिए ट्रांजिट प्वाइंट बन गया है। बजाए हाई-वे के अब शहर के अंदर से होकर पॉलीथिन की खेप बाहर भेजी जा रही है। हालांकि शहर में मिलने वाली पॉलीथिन बाहर भेजी जाने वाली खेप से काफी ज्यादा है, लेकिन फिर भी शातिर इसे अब ट्रांजिट प्वाइंट के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। नौसड़ के पास नगर निगम के प्रवर्तन दल की कार्रवाई और वहां मिले सबूत से इस बात की पुष्टि भी हुई है। यही वजह है कि निगम अब छोटे व्यापारियों के बजाए बड़े शातिरों को टारगेट करने में लग गया है।

दूसरे सामानों की आड़ में पॉलीथिन का कारोबार

गोरखपुर में कोविड-19 के बाद नगर निगम की टीम ने छापेमारी अभियान शुरू कर दिया है। इसमें पकड़े गए शातिरों ने ऐसे राज उगले हैं, जिससे कि अब बिना जांच कोई यह नहीं बता सकता है कि कौन सा सामान ट्रांसपोर्ट में लादा जा रहा है। निगम ने जो प्रतिबंधित पॉलीथिन की खेप पकड़ी है, उसमें बिल्टी पर मसाले और अगरबत्ती मेंशन कर सामान लोड किया गया। मगर जब डिब्बों को खोलकर जांच की गई, तो इसमें प्रतिबंधित पॉलीथिन पाई गई।

छोटी गाडि़यों से शहर में आ रही पॉलीथिन

नगर निगम प्रवर्तन दल के प्रभारी कर्नल सीपी सिंह की मानें तो अवैध तरीके से पॉलीथिन का कारोबार करने वाले शातिर आखों में धूल झोंकने के लिए ढेरों तरीके अपना रहे हैं। जहां दूसरे-दूसरे नाम पर पॉलीथिन की खेप मंगवाई जा रही है। वहीं, ट्रांसपोर्टेशन के तरीके भी बदल दिए गए हैं। गाजियाबाद से गोरखपुर मंगवाई गई 25 क्विंटल पॉलीथिन अगरबत्ती के नाम पर मंगवाई गई। वहीं शातिर पॉलीथिन भरे ट्रक को कहीं किनारे सुनसान एरिया में लगाकर वहां छोटी-छोटी गाडि़यों में इसे अनलोड कर दे रहे हैं और उसे शहर में भेज दिया जा रहा है। ऐसे में पुख्ता सूचना के बाद भी टीम को कई बार कामयाबी नहीं मिल पा रही है।

क्या है पॉलीथिन से नुकसान

यह हैं इफेक्ट्स

-प्लास्टिक प्रॉडक्ट में इस्तेमाल होने वाले बिस्फेनॉल केमिकल ह्यूमन बॉडी में डायबिटीज व लीवर एंजाइम को करता है अफेक्ट।

- पॉलीथीन का कचरा जलाने पर कार्बन डाई ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड और डाई आक्सीन जैसी विषैली गैसें निकलती हैं।

- बढ़ जाते हैं सांस, स्किन की बीमारियां होने के चांस।

- एनवायर्नमेंट साइकिल को ब्रेक कर देता है पॉलीथीन।

- प्लास्टिक वेस्ट जमीन में दबने की वजह से वॉटर हार्वेस्टिंग होने में आती है प्रॉब्लम।

- पॉलीथीन एक पेट्रो केमिकल उत्पाद है, जिसमें टॉक्सिक एलीमेंट का इतस्ेमाल होता है।

- प्लास्टिक के थैलों को बनाने में कैडमियम व जस्ता जैसे खतरनाक केमिकल का होता है इस्तेमाल, जिसके टच में आने पर फूड आइटम्स भी होते हैं विषैले।

- पॉलीथीन की थैली में गर्म चाय, जूस ले जाने पर उसके केमिकल सीधे शरीर में पहुंचते हैं।

यह होती है बीमारियां

सांस

दमा

सीओपीडी

स्किन प्रॉब्लम

लंग कैंसर

कोविड-19 के बाद जब शहर अनलॉक हुआ है, इसके बाद से प्रवर्तन टीम ने अभियान चला रखा है। कई बड़ी कामयाबी भी मिली है। आगे भी यह अभियान जारी रहेगा।

- डीके सिन्हा, अपर नगर आयुक्त, जीएमसी

Posted By: Inextlive